15 साल से खंभा खड़ा, अब उम्मीद की रोशनी – “सौभाग्य-3 योजना” में सम्मिलित करने की कवायद शुरू

लेकिन लोगों का ये भी कहना है  कि “इतने वर्षों से धोखे का सामना किया है। आशा है कि यह आवेदन का नया रास्ता केवल कागजों तक सीमित न रह जाए।”

15 साल से खंभा खड़ा, अब उम्मीद की रोशनी – “सौभाग्य-3 योजना” में सम्मिलित करने की कवायद शुरू

अंबेडकर नगर।
 
सुखईपुर गांव की 15 वर्षों से लंबित बिजली समस्या पर आखिरकार प्रशासनिक हलचल तेज हो गई है। स्वतंत्र प्रभात द्वारा प्रकाशित ख़बर के बाद बिजली विभाग (XEN अंबेडकर नगर) ने जवाब देते हुए कहा है कि जो भी ग्राम या मजरे अब तक विद्युतिकरण से वंचित हैं, वहाँ के ग्रामीण आधार कार्ड संलग्न कर आवेदन दें। प्राप्त आवेदनों के आधार पर गांवों को “सौभाग्य-3 योजना” में शामिल कर उपभोक्ताओं को बिजली उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
 

ग्रामीणों को आवेदन की प्रक्रिया समझाई-

 
बिजली विभाग ने साफ किया है कि प्रत्येक परिवार को आधार कार्ड के साथ आवेदन-पत्र स्थानीय बिजली कार्यालय में देना होगा। इसके बाद ग्राम का सर्वे किया जाएगा और आवश्यकतानुसार ट्रांसफार्मर स्थापित कर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
 

ग्रामीणों की संतुष्टि और सवाल

 
ग्रामीणों में इस जवाब को लेकर आंशिक संतोष है। गांव के लोग कह रहे हैं – “कम से कम अब विभाग ने पहली बार कुछ ठोस दिशा बताई है। लेकिन 15 साल की उपेक्षा के बाद हम केवल आवेदन देकर बैठ नहीं सकते। हमें प्रक्रिया का पूरा रोडमैप और निश्चित समयसीमा चाहिए।”
 
लेकिन लोगों का ये भी कहना है  कि “इतने वर्षों से धोखे का सामना किया है। आशा है कि यह आवेदन का नया रास्ता केवल कागजों तक सीमित न रह जाए।”
 
लेकिन लोगों का ये भी कहना है  कि “इतने वर्षों से धोखे का सामना किया है। आशा है कि यह आवेदन का नया रास्ता केवल कागजों तक सीमित न रह जाए।”
 

पत्रकारों और विशेषज्ञों की राय

 
वरिष्ठ पत्रकार विपिन शुक्ला का कहना है – “विभाग की पहल स्वागतयोग्य है, लेकिन यह केवल तभी कारगर होगी जब पारदर्शिता और समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित हो। आवेदन लेने के बाद कितने समय में ट्रांसफार्मर लगेगा और तार खिंचे जाएंगे, इसकी लिखित गारंटी होनी चाहिए।”
 

अगले कदम और चेतावनी

 
ग्रामीणों ने तय किया है कि वे सामूहिक रूप से आवेदन देंगे ताकि कोई परिवार छूटे नहीं। हालांकि उन्होंने चेतावनी भी दी कि यदि अबकी बार कागजी कार्यवाही के नाम पर समय टाला गया, तो वे जिला प्रशासन और राज्य विद्युत नियामक आयोग के सामने धरना देंगे।
 

सवाल अब भी कायम

 
आखिर 15 साल से खंभे खड़े रहने के बावजूद कोई योजना क्यों लागू नहीं हुई?
 
सौभाग्य-3 योजना से जुड़े आवेदन कब तक निपटाए जाएंगे?
 
क्या विभाग ग्रामीणों को बिजली देने की समयसीमा घोषित करेगा?
 

उम्मीद की किरण

 
फिलहाल, लंबे अंधकार के बाद सुखईपुर गांव के लोगों में उम्मीद जगी है कि यदि विभाग की घोषणा जमीनी स्तर पर लागू हुई, तो जल्द ही गांव में पहली बार बिजली की रोशनी फैलेगी।
 
 

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