कविता/कहानी
कविता/कहानी  साहित्य/ज्योतिष 

ऊँचाइयों पर कभी परवाने नहीं होते”

ऊँचाइयों पर कभी परवाने नहीं होते” ऊँचाइयों पर कभी परवाने नहीं होते”ऊँचाइयों पर कभी परवाने नहीं होते,आसमान पर ठौर-ठिकाने नहीं होते।कदम सम्भल कर उठाना मेरे दोस्त,कम खंजर चलाने वाले नहीं होते।ख़ुद की शोहरत, ख़ुद को ही भाती है,यहाँ नफ़रत के...
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क्यों गुलाबों की तरह महकते नहींl

क्यों गुलाबों की तरह महकते नहींl संजीव-नी।क्यों गुलाबों की तरह महकते नहींlक्यों गुलाबों की तरह महकते नहीं,क्यूँ बहारों के साथ चहकते नहीं।दफ़्न हो रही है तमन्ना-ए-मोहब्बत,क्यूँ फ़िज़ाओं में अब वो रहते नहीं।मर जायेगा आशिक़ तनहा होकर,क्यूँ...
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अभी भी मिट्टी की खुशबू बची है।

अभी भी मिट्टी की खुशबू बची है। संजीव-नीl अभी भी मिट्टी की खुशबू बची है।लोहे और सीमेंट के अनंत फैलते जंगल मेंएक छोटा सा कोना अब भी साँस लेता जहाँ पौधों की कुछ टहनियाँधूल में हरियाली का सपना बुनती।पत्ते जो धूप नहीं देखते,...
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गरीबी-मुक्त भारत का सपना, केरल ने दिखाया रास्ता

गरीबी-मुक्त भारत का सपना, केरल ने दिखाया रास्ता [गरीबी के पार: नव केरल का उज्ज्वल घोष] [केरल ने कर दिखाया: सपनों की धरती अब गरीबी से मुक्त] केरल की पावन धरती, जहां नारियल के हरे-भरे बागान समुद्र की लहरों से आलिंगन करते हैं...
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मजदूर का बहता पसीना ही संगीत। 

मजदूर का बहता पसीना ही संगीत।  मजदूर का बहता पसीना ही संगीत।     कितनी बार देखा मैंने उसके माथे से फिसलती एक बूँद धरती पर गिरकर बज उठती  जैसे कोई पुराना राग भैरवी, या फिर किसी अधूरे सपने का आलाप।     वह हथौड़ा नहीं चलाता, वह एक तान...
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Rashifal 13 October: आज इन राशि वालों के लिए दिन रहेगा शुभ, पढ़ें मेष से लेकर मीन राशि का हाल

Rashifal 13 October: आज इन राशि वालों के लिए दिन रहेगा शुभ, पढ़ें मेष से लेकर मीन राशि का हाल Rashifal 13 October:  राशिफल तैयार करने के लिए ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति और पंचांग की गणनाओं का विश्लेषण किया जाता है। दैनिक राशिफल (Dainik Rashifal) इन खगोलीय गणनाओं पर आधारित होता है, जो सभी 12 राशियों मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह,...
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ख्वाबों की दुनिया सजाई थी मैंने। 

ख्वाबों की दुनिया सजाई थी मैंने।  संजीव-नी।    ख्वाबों की दुनिया सजाई थी मैंने।     दिल में ख़्वाबों की दुनिया सजाई थी मैंने,  तेरे आने की चाहत जगाई थी मैंने।     तेरे आने से महफ़िल गुलज़ार हो उठी, राह पलकों पे अपनी बिछाई थी मैंने।     तेरी पायल की छन...
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हिंदी पर न्योछावर हर दिल और जान है। 

हिंदी पर न्योछावर हर दिल और जान है।  संजीव-नी।     हिंदी पर न्योछावर हर दिल और जान है।     हिंदी है हमारी प्यारी भाषा, हिंदी है एक शक्तिशाली और विशाल ज्ञान की भाषा, आओ बनाएं इसे राष्ट्रभाषा।     हिंदी भाषा हमारा मान और अभिमान है, हिंदी राष्ट्र का वैभवशाली गौरव गान...
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कविता-हवा में खुशबू बन जाऊंगा मैं

कविता-हवा में खुशबू बन जाऊंगा मैं संजीव-नी।।     हवा में खुशबू बन जाऊंगा मैं ll     तेरी पलकों में समाँ जाऊंगा मैं।  तेरे स्वप्न में आज आ जाऊंगा मैं।     महकती बयार बन जाएगी तू,  तेरी सांसों में समा जाऊंगा मैं।। . महलों की अजीम शान है तू। तेरे...
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कविता-कब तक रहोगे हमेशा बेखबर से।

कविता-कब तक रहोगे हमेशा बेखबर से। संजीव-नी।     कब तक रहोगे हमेशा बेखबर से।     यहां गिरा हर कोई शाखे सिफर से मैं वाकिफ हूं गुमनामी के कहर से।     मोहब्बत का इजहार जोर से कीजै ये इशारा किया है किसी ने उधर से।     मिला जब न दीदार का...
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कविता-कुछ भवरों ने कलियों को छेड़ा

कविता-कुछ भवरों ने कलियों को छेड़ा संजीव-नी।    बसंत गीत। कुछ भवरों ने कलियों को छेड़ा। छूटे कुछ पल, बीते कुछ पल,  कुछ पलों ने दिल को छुआ,  कुछ पलों ने मन को दी पीड़ा, कुछ पल थे सादे सादे,  कुछ पलों में थी रोशनाई,  कुछ पलों...
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