केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लखनऊ को दिया जांच के आदेश- राकेश केशरी

नगर पंचायत ओबरा स्वच्छ भारत अभियान की उड़ी धज्जियां, आम जनमानस त्रस्त

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लखनऊ को दिया जांच के आदेश- राकेश केशरी

अजित सिंह / राजेश तिवारी ( ब्यूरो रिपोर्ट) 

सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश-

राकेश केशरी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पत्र के माध्यम से अवगत कराया था कि ओबरा के सभी क्षेत्र का पूरा कूड़ा ट्रॉली द्वारा ओबरा तापीय परियोजना के भूमि सेक्टर 9 मार्ग के किनारे फेंका जा रहा है जिसमें प्लास्टिक की मात्रा भी रहता है। वहां आसपास आवासीय क्षेत्र व विद्यालय मौजूद है जिसके लोग इस बदबू से काफी परेशान है सड़क किनारे फेंके गए कूड़े से दुर्गंध निकलता रहता है, जिससे राह चलना मुश्किल है।

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कूड़े के ढेर में आग लगा दी जाती है, जो दिन-रात सुलगती रहती है।नगर पंचायत ओबरा स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां उड़ा रहा है। जहां पर गाय भी कूड़े के अंबार में गंदा प्लास्टिक खाते नजर आ रही है जो उनके लिए जहर के समान काम करता है।कूड़े से निकलने वाला धुआं और दुर्गंध स्थानीय निवासियों, विद्यालय से आने जाने वाले बच्चों,राहगीरों और वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बन गया है।

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हवा के कारण कचरा उड़कर सड़क पर भी फैल जाता है। लोगों को नाक पर रुमाल रखकर इस रास्ते से गुजरना पड़ता है इस पूरे मामले में लिखित पत्र भारत सरकार को भेजा गया था जिसको संज्ञान में लेते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भारत सरकार ने राकेश केशरी के द्वारा भेजे गए पत्र ओबरा नगर पंचायत में आबादी क्षेत्र में कूड़ा व मृत गाय फेकने के मामले को लिया संज्ञान बताया कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के प्रावधान 4(1)(2) के अनुसार, "कोई भी अपशिष्ट उत्पादक अपने द्वारा उत्पन्न ठोस अपशिष्ट को सड़कों पर अपने परिसर के बाहर खुले सार्वजनिक स्थानों पर या नाली या जल निकायों में नहीं फेंकेगा, जलाएगा या दफनाएगा।

एसडब्लूएम नियमों के प्रावधान 16(1(ए) के अनुसार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड या प्रदूषण नियंत्रण समिति अपने संबंधित क्षेत्राधिकार में स्थानीय निकायों के माध्यम से अपने राज्य में इन नियमों को लागू करेगी और संबंधित नगर प्रशासन निदेशालय या राज्य शहरी विकास विभाग के प्रभारी सचिव के साथ निकट समन्वय में वर्ष में कम से कम दो बार इन नियमों के कार्यान्वयन की समीक्षा करेगी।इस संबंध में सदस्य सचिव उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लखनऊ को मामले की जांच करने और बेस्ट अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के प्रावधाने के अनुसार उचित कार्रवाई करने और शिकायतकर्ता को इसकी सूचना के साथ की गई कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए शिकायत अग्रेषित करने का निर्देश दिया गया है।

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