ग्राम पंचायत सोनपुर धुतकहवा में भ्रष्टाचार की गंध तेज, जांच के नाम पर लीपापोती – ग्रामीणों में उबाल
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बलरामपुर। विकासखंड तुलसीपुर की ग्राम पंचायत सोनपुर धुतकहवा में भ्रष्टाचार का जाल इस कदर फैल चुका है कि अब ग्रामीण न्याय की गुहार लगाते-लगाते थक चुके हैं। पंचायत के कार्यों में प्रधान और सचिव द्वारा किए जा रहे सरकारी धन के बंदरबांट और फर्जी भुगतान की शिकायतें लंबे समय से होती आ रही हैं, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
शिकायतकर्ता अजमल शाह और अन्य ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत में विकास कार्यों के नाम पर कागजी खानापूर्ति की जा रही है। कई योजनाओं में बिना मिट्टी पटाई और निर्माण कार्य कराए ही लाखों रुपये का भुगतान कर दिया गया है। गांव में न तो कोई साफ-सफाई की व्यवस्था दिखती है, न ही सरकारी योजनाओं का कोई ठोस परिणाम। ग्रामीणों का कहना है कि प्रधान और सचिव मिलकर सरकारी फंड का मनमाना उपयोग कर रहे हैं और उच्च अधिकारियों को गुमराह कर रहे हैं।
ग्रामीणों ने जब इस संबंध में खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) सुनील कुमार आर्य से शिकायत की, तो बीडीओ स्वयं गांव पहुंचे और जांच की औपचारिकता पूरी की। लेकिन ग्रामीणों के मुताबिक बीडीओ की जांच निष्पक्ष न होकर पूरी तरह प्रधान और सचिव के पक्ष में झुकी हुई दिखाई दी। शिकायतकर्ताओं का पक्ष सुने बिना ही प्रधान को क्लीनचिट देने जैसा रवैया ग्रामीणों के बीच गुस्से का कारण बन गया है।
जांच का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें बीडीओ को शिकायतों को नकारते और प्रधान-सचिव का पक्ष लेते देखा जा रहा है। इस वीडियो ने पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार और प्रशासनिक मिलीभगत की पोल खोल दी है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि जांच के नाम पर लीपापोती की जा रही है, ताकि दोषियों को बचाया जा सके।
गांव के बुजुर्गों और समाजसेवियों का कहना है कि पंचायत में हुए विकास कार्य सिर्फ कागजों में पूरे दिखाए गए हैं, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। सड़कें टूटी हुई हैं, नाली जाम हैं, पंचायत भवन अधूरा है और स्वच्छता योजना के तहत बना शौचालय भी उपयोग के लायक नहीं। इसके बावजूद प्रधान और सचिव हर माह सरकारी फंड का उपभोग कर रहे हैं।
ग्रामीणों ने जिलाधिकारी बलरामपुर से निष्पक्ष जांच की मांग की है और कहा है कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो वे सामूहिक रूप से जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करेंगे। लोगों ने यह भी कहा कि बीडीओ के खिलाफ भी जांच होनी चाहिए, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि आखिर क्यों वे भ्रष्टाचारियों के पक्ष में खड़े दिखाई दे रहे हैं।
वहीं जिले के वरिष्ठ अधिकारी अब तक इस पूरे मामले पर मौन हैं। उनके इस रवैये से ग्रामीणों में यह सवाल गूंज रहा है कि “क्या गरीबों को न्याय सिर्फ कागजों तक सीमित रह गया है?” ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो वे पंचायत स्तर पर जन आंदोलन खड़ा करेंगे और उच्चाधिकारियों से हस्तक्षेप की मांग करेंगे। सोनपुर धुतकहवा पंचायत का यह मामला अब पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है, जिससे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
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