IAS Success Story: कभी कमजोर अंग्रेजी का लोग उड़ाते थे मजाक, IAS अफसर बनकर पेश की मिसाल

IAS Success Story: कभी कमजोर अंग्रेजी का लोग उड़ाते थे मजाक, IAS अफसर बनकर पेश की मिसाल

IAS Success Story : कहते हैं कि कोशिश करने वालों के सामने चाहे कोई भी चुनौती हो वह हार नहीं मानते। संघर्ष करके सफलता हासिल कर लेते हैं। इस बात को सच कर दिखाया है आईएएस सुरभि गौतम ने जिन्होंने अपनी मेहनत के दम पर सफलता हासिल की।

अक्सर लोगों के मन में धारणा होती है कि अंग्रेजी स्कूल में पढ़ने वाले लोग ही IAS- PCS बन सकते हैं, गांव के बच्चों या फिर हिंदी मीडियम वालों को तो इस बारे में सोचना ही नहीं चाहिए लेकिन सुरभि ने इन सारी भ्रांतियों को गलत साबित कर दिया।

उन्होंने अपनी मेहनत से साबित कर दिया कि अगर आप किसी भी चीज को ठान लें और रात -दिन उसके लिए मेहनत करें तो निश्चित रूप से सफलता आपके कदम चूमेगी।

मालूम हो कि मध्य प्रदेश के सतना जिले के अमदरा गांव की रहने वाली सुरभि शुरू से ही काफी मेधावी थीं, उनकी दसवीं तक की पढ़ाई गांव के ही स्कूल में हुई थी और यहीं पर इन्होंने 10वीं के बोर्ड एग्जाम में 93.4% नंबर अर्जित किए।

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सुरभि को गणित में 100 में से 100 नंबर मिले

खास बात ये थी कि सुरभि को गणित में 100 में से 100 नंबर मिले थे, वो मेरिट लिस्ट में भी आई थीं, 12 वीं तक गांव के ही स्कूल से ही पढ़ने के बाद सुरभि ने एमपी के स्टेट इंजीनियरिंग की परीक्षा पास की, मेरिट अच्छी थी इसलिए भोपाल इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला मिला।

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सुरभि ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन की पढ़ाई की

जहां से सुरभि ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन की पढ़ाई की, ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाली सुरभि को ठीक से अंग्रेजी भी बोलनी नहीं आती थी, जिसके लिए उन्हें काफी परिहास का भी सामना करना पड़ता था।

सुरभि ने अपनी अंग्रेजी को सुधारने का फैसला किया

लेकिन कहते हैं ना जिसके अंदर कुछ कर गुजरने की चाह होती है, वो मुसीबत में भी कुछ सकारात्मक चीजें खोज ही लेता है। सुरभि ने भी वही किया, उन्होंने लोगों के उपहास को सकारात्मक लेते हुए अपनी अंग्रेजी को सुधारने का फैसला किया और ठान ली कि वो खुद से ही अंग्रेजी में बातें करेंगी, उन्होंने नियम बनाया, जिसके तहत वो रोज 10-12 अंग्रेजी के शब्द सीखा करती थी, और आज वो धारा प्रवाह अंग्रेजी बोलती हैं।

उन्होंने इंजीनियरिंग के पहले सेमेस्टर में ही टॉप किया था, इंजीनियरिंग करने के बाद उनकी जॉब टीसीएस में मोटी सैलरी पर लग गईं थी लेकिन सुरभि का सपना IAS बनने का था, जिसकी वजह से उन्होंने कुछ दिन जॉब करके नौकरी छोड़ी दी और यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं और दिन-रात एक कर दिया।

IAS बनकर अपने गांव और परिवार का नाम किया रोशन

उनकी मेहनत रंग लाई और साल 2013 में उन्होंने यूपीएससी क्रैक कर लिया और ऑल इंडिया 50वीं रैंक हासिल की और IAS बनकर अपने गांव और परिवार का नाम रौशन किया। जिस सुरभि का लोग मजाक उड़ाया करते थे वो ही सुरभि आज लाखों करोड़ो लोगों के लिए मिसाल हैं।

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