डिप्टी आरएमओ पर लग रहे शासनादेश  के विपरीत काम करने का आरोप

धान खरीद शुरू होने से पहले ही खेल शुरू

डिप्टी आरएमओ पर लग रहे शासनादेश  के विपरीत काम करने का आरोप

स्वतंत्र प्रभात:अंबेडकर नगर

एक बहुत बड़े विद्वान ने कहा था कि सरकारें सारी अच्छा काम करती है और करना भी चाहती है लेकिन सरकार के सिपह सलाहकार और उच्च अधिकारियों के मनमानी रवईए और मोटी कमाई करने के चक्कर में सरकार की छवि का बंटाधार कर देते है।

आप अपने आप से पूछिए और अपने-अपने  गांव में चारो तरफ़ नज़र घुमा के देखिए कितने लोग सरकार द्धारा बनाए गए
लेवी या मार्केटिंग सेंटरों पर अपने  धान सरकारी दर पर बेंच पाते हैं? शायद आपका जवाब इक्का दुक्का ही होगा।आखिर क्यों किसान अपने धान बिचौलियों और आढ़तियों को औने पौने दाम में बेंचने को मजबूर हो जाते हैं।

डिप्टी आरएमओ पर लग रहे शासनादेश  के विपरीत काम करने का आरोप

कागज़ पर तौल क्यों आसमान पर रोज पहुंच जाती है जबकि भौतिक रूप से खरीद 20 प्रतिशत भी नहीं होती है। खैर अभी और खेल हम आपको बाद में बताएंगे पहले नव नियुक्त जिला विपरण अधिकारी विनीता मिश्रा और उनके सहयोगी ऑफिस में क्लर्क के पद पर तैनात प्रेम नारायन दूबे और मार्केटिंग इंस्पेक्टर भियांव राकेश पाण्डेय की ये तिकड़ी जिले में काफ़ी मशहूर है।

विश्वस्त सूत्रों द्वारा जानकारी आ रही है की डिप्टी आरएमओ द्वारा जिलाधिकारी को गुमराह कर आरएफसी को ताक पर रख करके अपने चहेतों को सेंटर अलॉट कर रही हैं जबकि शासनादेश के अनुसार जिले में सेंटरों पर तैनाती आरएफसी के अनुमोदन के बाद ही होना चाहिए।जिसका पालन डेप्युटी आरएमओ द्वारा नहीं किया गया। यही नहीं पिछली बार धान खरीद के समय जिलाधिकारी ने आदेश दिया था। कि  मंडी में सिर्फ़ अकबरपुर तहसील के धान की खरीद की जाएगी लेकिन अलग अलग जगह से आदेश को दरकिनार कर धान की तौल की गई थी।

डिप्टी आरएमओ पर लग रहे शासनादेश  के विपरीत काम करने का आरोप

सूत्रों द्वारा जानकारी आ रही है कि पूरे जिले में अढ़तियों और बिचौलियों से पर्दे के पीछे लेनदेन यही तिकड़ी करती है। सच्चाई क्या है ये जांच का विषय है बस हम चाहते है की तौल निष्पक्ष तरीके से हो जिससे आम किसान सरकारी रेट पर अपनी फ़सल का वाजिब रेट पाए न कि ये बिचौलिए, दलाल, और भ्रष्ट अधिकारी।

इस पूरे मामले पर हमारे संवाददाता ने डेप्युटी आरएमओ अंबेडकर नगर को फोन और मैसेज किया गया लेकिन न फोन उठा और न ही मैसेज का कोई जवाब आया। इसलिए उनका पक्ष नहीं लिखा जा सका।खाद्य रशद विभाग का एक बड़ा खेल अगले अंक में तथ्य के साथ प्रकाशित होगा।

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