18वें लोकसभा चुनाव- रोमांचक है मुकाबला
On
दोस्तो भूतकाल के सभी चुनावों के दौर से गुजरते हुए हम अब आ पहुंचे है वर्तमान में हो रहे 18वीं लोकसभा गठन के चुनावी दौर में यानि लोकसभा चुनाव 2024 में। यदि हम इस लोकसभा चुनाव की पृष्टभूमि की बात करें तो 17वें लोकसभा चुनावों में बम्पर जीत के बाद भाजपा गठबंधन की ओर से नरेंद्र मोदी ने 30 मई 2019 को लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाला। महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सरकार ने 30 जुलाई 2019 को भारत की संसद में तीन तलाक की प्रथा को अवैध और असंवैधानिक घोषित कर दिया और 1 अगस्त 2019 से इसे दंडनीय अधिनियम बना दिया। इसके कुछ दिनों बाद एक बहुत बड़ा एवंम ऐतिहासिक फैसला जम्मू-कश्मीर पर लिया गया। 5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया, साथ ही राज्य को 2 हिस्सों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया। और दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया।
निस्संदेह यह देश हित में लिया गया शानदार और अतीत में की गई गलती को सुधारने वाला फैसला था। एनडीए सरकार 2.0 ने अभी एक साल भी पूरा नही किया था कि तभी वैश्विक महामारी कोरोना (कोविड-19) ने भारत में दस्तक दी। यह महामारी बड़ी तेजी से पूरे विश्व के साथ-साथ भारत के लोगों को अपनी चपेट में ले रही थी। अन्य देशों के साथ-साथ विकसित देश भी इस महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुए। कई देशों में लॉकडाउन की घोषणा हो चुकी थी। भारत में संक्रमित मरीजों की संख्या अभी 500 तक ही पहुंची थी कि तभी मोदी सरकार ने पहले 22 मार्च 2020 को 14 घंटे के स्वैच्छिक जनता कर्फ्यू की घोषणा की। महामारी को भारत सहित पूरे विश्व में भयंकर रूप धारण करता देख 24 मार्च 2020 की शाम को मोदी सरकार ने पूरे देश में कोविड -19 महामारी को फैलने से रोकने के लिए 21 दिन के देशव्यापी तालाबंदी यानि लॉकडाउन के आदेश जारी किए। लॉकडाउन 5 चरणों में 30 मई तक लागू रहा।
5 जून 2020 को मोदी सरकार तीन कृषि बिलों को अध्यादेश के जरिए लेकर आई। कोरोना काल के बीच लाए गए अध्यादेश को लेकर विपक्षी दलों ने विरोध किया। 14 सितंबर को पहली बार केंद्र सरकार ने इन अध्यादेशों को संसद में पेश किया। भारी हंगामे के बीच 17 सितंबर 2020 को तीनों कृषि बिल लोकसभा से पारित हुए। 20 सितंबर 2020 को तीनों कृषि बिल विपक्ष के भारी विरोधी के बावजूद राज्यसभा में भी पारित हो गए। 27 सितंबर 2020 के दिन तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीनों कृषि बिलों पर हस्ताक्षर किए और यह तीनों बिल कानून बन गए। किसान संगठनो ने इन कानूनों को किसान विरोधी बता इन्हें वापिस करवाने के लिए संघर्ष आरम्भ किया। धरना-प्रदर्शनों से कुछ होता ना देख नवंबर में किसान संगठनों ने दिल्ली चलो आंदोलन का आह्वान किया।
पंजाब, हरियाणा, यू.पी, राजस्थान के किसान ट्रैक्टर- ट्रॉलीयां ले दिल्ली के बॉर्डरों की ओर चल पड़े। पुलिस ने किसानों को दिल्ली की ओर बढ़ने से रोकने के लिए वॉटर कैनन, आंसू गैस के गोले, बैरिकेडिंग और लाठी चार्ज आदि का उपयोग किया पर किसान इन सब से पार पाते हुए दिल्ली तक आ पहुंचे और दिल्ली के बॉर्डरों को घेर कर बैठ गए। 3 दिसंबर 2020 को सरकार और किसानों के बीच बातचीत का दौर शुरू हुआ पर किसान बिल वापसी से कम पर मानने को तैयार नही थे। किसान और सरकार में हर वार्ता बेनतीजा खत्म हो रही थी। संघर्ष चलते चलते एक साल से ज्यादा का वक्त गुजर गया। किसान बड़ी संख्या में गर्मी,सर्दी, बरसात, आंधी-तूफान का सामना करते हुए दिल्ली बॉर्डरों पर बैठे रहे।
इस बीच करीब 700 से ज्यादा किसानों की इस संघर्ष में शिरकत करते हुए मौत हो चुकी थी। पूरे विश्व में किसान आंदोलन एक चर्चित विषय बन गया था। आखिरकार मोदी सरकार को किसानों की मांगे मानने के लिए मजबूर होना पड़ा। 19 नवंबर 2021 को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापिस लेने का ऐलान किया। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में एक बार फिर नोटबंदी हुई। इस बार सिर्फ 2000 के नोट ही बंद किए गए। अपने पहले कार्यकाल में मोदी सरकार ही 2000 का नोट लाई थी और उसी ने अपने दूसरे कार्यकाल में इस नोट को बंद किया। इसी सरकार के कार्यकाल में अर्थव्यवस्था के लिहाज से भारत ने 2022 में ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया। 31 मार्च 2022 को खत्म हुई तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 854.7 अरब डॉलर के आंकड़े को छूते हुए आगे निकल गई। ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 816 अरब डॉलर के साथ छठे पायदान पर खिसक गई।
इस तरह भारतीय अर्थव्यवस्था ब्रिटेन को पीछे छोड दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई। 28 मई 2023 के दिन नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया। इसके बाद से संसद की सभी कार्यवाही नए भवन से होने लगी। इसी सरकार के कार्यकाल में 22 जनवरी 2024 अयोध्या जी में बने भव्य श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर में भगवान श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा स्वंय प्रधानमंत्री मोदी ने की। 17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून 2024 को समाप्त हो जाएगा। 18वीं लोकसभा के गठन के लिए चुनाव पूरे देश में चल रहे हैं। यह लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल 2024 से 01 जून 2024 तक सात चरणों में पूर्ण होंगे। नतीजों की तारीख 04 जून 2024 है।
इस बार चुनावी मुकाबला मुख्य तौर पर भाजपा नेतृत्व में लड़ रहे 42 दलों के गठबंधन एनडीए और कांग्रेस नेतृत्व में लड़ रहे 40 दलों के गठबंधन आईएनडीआईए के बीच है। कुछ राजनीतिक दल इन दोनों गठबंधनो से दूरी बनाकर भी चुनाव लड़ रहे हैं। एनडीए की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर एक बार फिर नरेंद्र मोदी चुनावी मैदान में है। वहीं दूसरी ओर आईएनडीआईए गठबंधन ने अपने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा अभी तक नही की है। इन चुनावों में कुल 6 राजनीतिक दल राष्ट्रीय पार्टी की हैसियत से चुनाव लड़ेंगे। ये 6 राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, बहुजन समाज पार्टी , नेशनल पीपुल्स पार्टी और आम आदमी पार्टी हैं।
इन चुनावों में लोकसभा की 543 सीटों के लिए मतदान हो रहा है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक इन चुनावों में कुल मतदाता लगभग 96 करोड़ हैं। जिनमें से लगभग 47 करोड़ महिला वोटर हैं।
इन चुनावों के लिए पूरे भारत में 12 लाख से अधिक मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं और
संसदीय चुनावों का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए लगभग 1.5 करोड़ मतदान कर्मियों को तैनात किया गया है। अब तक हुए मतदान को देखकर यही लग रहा है कि एनडीए गठबंधन और आईएनडीआईए गठबंधन के बीच कड़ा और रोमांचक मुकाबला हो रहा है।
About The Author
स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।
Related Posts
राष्ट्रीय हिंदी दैनिक स्वतंत्र प्रभात ऑनलाइन अख़बार
14 Dec 2025
13 Dec 2025
12 Dec 2025
Post Comment
आपका शहर
14 Dec 2025 22:42:57
School Holiday: साल के आखिरी महीने दिसंबर का दूसरा सप्ताह अब समाप्त होने जा रहा है। इसके साथ ही उत्तर...
अंतर्राष्ट्रीय
28 Nov 2025 18:35:50
International Desk तिब्बती बौद्ध समुदाय की स्वतंत्रता और दलाई लामा के उत्तराधिकार पर चीन के कथित हस्तक्षेप के बढ़ते विवाद...

Comment List