सोनवै गांव में अंधेरा और अव्यवस्था: दो साल से टूटी पड़ी इस्टीट लाईटें, ग्रामीण परेशान

विधायक और प्रधान की लापरवाही ने बढ़ाई जनता की परेशानी, धार्मिक स्थल भी अंधकार में

सोनवै गांव में अंधेरा और अव्यवस्था: दो साल से टूटी पड़ी इस्टीट लाईटें, ग्रामीण परेशान

बारा प्रयागराज। शंकरगढ़ ब्लॉक के सोनवै ग्राम सभा में स्थानीय लोगों की जिंदगी अंधेरे और अव्यवस्था के साए में फंसी हुई है। गांव के तीन प्रमुख चौराहों और सिद्धनाथ बाबा बजरंगबली आश्रम के मंदिर की इस्टीट लाईटें पिछले दो वर्षों से खराब पड़ी हैं। अंधेरे के कारण रात में बच्चों और बुजुर्गों के लिए घरों तक पहुंचना मुश्किल और खतरनाक हो गया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि मंदिर और आश्रम क्षेत्र केवल धार्मिक केंद्र ही नहीं हैं, बल्कि गांव के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन की धड़कन भी हैं। अंधेरे के कारण वहां होने वाले अनुष्ठान, पूजा पाठ और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभावित हो रहे हैं।
 
लोग कहते हैं कि कई बार रात में चोरों और अन्य अपराधियों का डर भी उन्हें सताने लगा है। ग्रामीणों का आरोप है कि वर्तमान विधायक वाचस्पति और ग्राम प्रधान ने इस गंभीर समस्या पर अब तक कोई ध्यान नहीं दिया। यह इस्टीट लाईटें पूर्व विधायक अजय भारतीय के कार्यकाल में लगाई गई थीं, लेकिन उनका रखरखाव न होने के कारण आज तक टूटी पड़ी हैं। लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या उनकी सुरक्षा और धार्मिक स्थलों की जिम्मेदारी कभी महत्व रखती है या सिर्फ चुनाव के समय ही याद आती है।
 
युवाओं और स्थानीय नागरिकों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द इस समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो वे उच्च अधिकारियों से शिकायत करेंगे और आंदोलन करने को भी तैयार हैं। उनका कहना है कि अब और इंतजार नहीं किया जा सकता। विशेषज्ञ और ग्रामीण बताते हैं कि यह समस्या केवल अंधेरे की नहीं है, बल्कि यह गांव के विकास और प्रशासन की गंभीर असफलता को भी उजागर करती है। स्थानीय लोग आशा कर रहे हैं कि अधिकारी जल्द इस ओर ध्यान देंगे और सोनवै गांव को फिर से सुरक्षित और रोशन बनाएंगे। ग्रामीणों ने साफ शब्दों में कहा, "हम अपने धार्मिक स्थलों और बच्चों की सुरक्षा के लिए आवाज उठाने से पीछे नहीं हटेंगे। दो साल से अंधेरा छाया है, अब पर्याप्त है।"  
 
 

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