जब एक IAS अफसर की बीबी का 2 साल तक होता रहा रेप,कहानी चंपा विश्वाश की।
इंसान ताकतवर होने के बावजूद कई बार मजबूर हो जाता है।
18 जुलाई 1990 को आईएएस अफसऱ बीबी विश्वाश की शादी चंपा विश्वाश से होती है 1995 में ये बिहार में समाज कल्याण विभाग में सचिव के पद पर तैनाती हुई. जिस समाज कल्याण विभाग की चेयर मैन हेमलता यादव आरजेडी की नेता थी।
फिर यही से आरजेडी नेता के बेटे की ब्लैकमेलिंग शुरु होती है।
और फिर सिर्फ मृत्युंजय ने ही नही बल्कि उसके दोस्तो ने चंपा विश्वाश का कई बार रेप किया. जिसकी वजह से चंपा विश्वाश प्रेगनेंट भी हो गई और फिर उन्होने अबार्शन भी करवाया। फिर ये बात बी बी विश्वाश के संग्यान में आया उन्होने अपने कुछ पुलिस दोस्त से बात की और इसकी शिकायत की जिसको पुलिस ने नेता के दबाव में आकर ये फाइल दबा दी ।
चंपा विश्वाश से लेकिन रेप का सिलसिला रुका नहीं फिर चंपा विश्वाश ने इस तकलीफ से बचने के लिए अपनी नसबंदी भी करवा ली ।
फिर जब पुलिस मदद नहीं मिली तो आईएएस अफसर बीबी विश्वास ने राज्यपाल को चिट्टी लिखी जिसका मौजूदा राज्यपाल ने संग्यान लिया और बकायदा इस घटना पर प्रेस कांफ्रेंस किया जिस पर पुलिस महकमा ने भी संग्यान लिया और फिर जाकर मृत्युंजय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया.और वो लगभग 5 साल जेल में रहा और उसकी माँ 3 साल तक जेल में रही उसके कुछ दिन बाद दोनों को बेल मिल गयी।
Read More अस्वस्थ चल रहे प्रखंड अध्यक्ष का हालचाल जानने रिम्स पहुंचे महेशपुर विधायक प्रो.स्टीफन मरांडीफिर 2002 में पटना की लोवर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया जिसमें मृत्युंजय को इस रेप का दोषी करार दिया और मृत्युंजय को 10 साल की कठोर कारावस की सजा सुनाई और उनकी माँ को इस घटना में सहयोगी मानते हुए 3 साल की सजा सुनाई ।चुंकि 3 साल की सजा पहले ही हेमलता यादव काट चुकी थी इसलिये उनको जेल नही हुई लेकिन मृत्युंजय को जेल भेज दिया गया।
फिर मृत्युंजय ने इनको पटना हाईकोर्ट में चैलेंज किय फिर पटना हाई कोर्ट ने निचली आदालत के फैसले को पलट दिया और मृत्युंजय को बरी कर दिया गया. इस पर ये दलील दी गयी की 2 साल तक चंपा विश्वास का रेप होता रहा और उन्होनें इसकी खबर क्यों नहीं पुलिस को दी ।
जबकि वो एक पावर फुल लेडी थी विपक्ष के वकील ने ये दलील दी की दरसअल चपा विश्वस और मृत्युंजय की प्रेम कहानी चल रही थी जिस वजह से वो 2 साल तक चुप रही और बाद में चंपा विश्वाश ने जब मृत्युंजय से शादी करने की जबरदस्ती की और शादी के लिए मृत्युंजय द्वारा मना किये जाने पर रेप का झूठा केस लगवा दिया।
सरकारी विभाग द्वारा ठीक से तथ्य न पेश कर पाने की वजह से चंपा विश्वास ये केस हार गयी।इस गम के साथ दोनो पति पत्नी दिल्ली शिफ्ट हो गये क्योंकि यहाँ पर उनको तरह तरह की धमकिया आये दिन मिलती रहती थी। और फिर चंपा विश्वाश पटना छोड़कर कोलकाता सिफ्ट हो गयी और एक गुमनामी की जिंदगी जीने लगी।इस गिले के साथ कि एक ताकतवर इंसान की पत्नी होने के बवाजूद वो 2 साल तक रेप को सहती रही और कोर्ट में भी केस न जीत सकी।

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