Highway: दिल्ली-देहरादून हाईवे को बनाया जाएगा सिक्स लेन, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी
NHAI इस डीपीआर के लिए एक निजी संस्था को नियुक्त करेगा, जो हाईवे की मौजूदा स्थिति, ट्रैफिक दबाव, फ्लाइओवर और अंडरपास आदि का विस्तृत सर्वेक्षण करेगी। इस सर्वे के आधार पर छह लेन निर्माण की योजना बनेगी। रिपोर्ट तैयार करने पर करीब दो करोड़ रुपये खर्च होंगे। हाईवे निर्माण की शुरुआत से पहले, संबंधित विभाग स्थानीय जनप्रतिनिधियों और मंत्रियों से विमर्श करेगा, ताकि उनके सुझावों के अनुसार परियोजना को आगे बढ़ाया जा सके।
परियोजना के तहत मेरठ से रुड़की तक के हिस्से में मौजूद सभी फ्लाइओवर और अंडरपास का तकनीकी परीक्षण किया जाएगा। इन्हें छह लेन के हिसाब से पुनः डिज़ाइन किया जाएगा ताकि भविष्य में ट्रैफिक अवरोध की समस्या न आए। साथ ही हाईवे पर मौजूद जानलेवा कटों को भी खत्म करने की योजना है। विशेष रूप से बिलासपुर कट पर फ्लाइओवर की मांग को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने स्वीकृति प्रदान कर दी है।
दिल्ली-देहरादून हाईवे के मेरठ क्षेत्र में फिलहाल एक फ्लाइओवर, तीन रेलवे ओवरब्रिज और सात अंडरपास मौजूद हैं। इनमें बागपत बाईपास, कंकरखेड़ा, मोदीपुरम, दौराला, सकौती, दादरी और भंगेला जैसे प्रमुख फ्लाइओवर शामिल हैं। वहीं अंडरपास में रायपुर-नंगली, जानसठ, भोपा बाईपास जैसे नाम हैं।
हाईवे पर कई ऐसे खतरनाक कट हैं, जो दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। इनमें पीनना तिराहा, बागोवाली चौराहा, रथेड़ी कट, पचेंडा फ्लाईओवर, रामपुर तिराहा, मंसूरपुर तिराहा, बेगराजपुर मेडिकल कॉलेज, देवराणा होटल कट, जड़ौदा स्टैंड और खतौली का केएफसी होटल कट प्रमुख हैं। इन स्थानों को सुरक्षित बनाने पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।
गौरतलब है कि वर्ष 2009 में यह हाईवे चार लेन में विकसित किया गया था, लेकिन बढ़ते ट्रैफिक दबाव के चलते अब इसका विस्तार समय की मांग बन गया है। दिल्ली से देहरादून तक की कुल दूरी लगभग 250 किलोमीटर है। छह लेन बनने के बाद सफर न केवल तेज और सुगम होगा, बल्कि यातायात जाम और दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।

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