आशीष दीक्षित हत्याकांड का खुलासाः सातवें दिन पुलिस के हत्थे चढ़े अभियुक्त

आशीष दीक्षित हत्याकांड का खुलासाः सातवें दिन पुलिस के हत्थे चढ़े अभियुक्त

स्वतंत्र प्रभात।
 
प्रयागराज। नैनी कोतवाली के नंदन तालाब, अरैल निवासी आशीष दीक्षित हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। एसओजी और करछना थाने की पुलिस ने हत्याभियुक्त को गिरफ्तार किया है। उसकी निशानदेही पर आलाकत्ल चापड़ भी बरामद किया है। बताते चलें कि दस दिसंबर को मिर्जापुर हाईवे पर स्थित अशोक लीलैंड के सर्विस सेंटर के पीछे मिले आशीष दीक्षित का शव पाया गया था। उक्त मामले में पुलिस ने धारा 302 का केस दर्ज किया था। 
 
उक्त मामले की जांच में जुटी करछना और एसओजी की टीम उक्त घटना का खुलासा किया है। मामले की जानकारी देते हुए पुलिस उपायुक्त सौरभ दीक्षित ने बताया कि आशीष दीक्षित हत्याकांड के मामले में नितीश सैनी पुत्र यशपाल सैनी (निवासी ग्राम निरंजनपुर, लश्कर, हरिद्वार, उत्तराखंड) को गिरफ्तार किया गया है। उसकी निशानदेही पर घटना में इस्तेमाल किया गया चापड़ भी बरामद किया गया है। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि आशीष दीक्षित और नितीश सैनी पिछले छह माह से एक दूसरे को जानते-पहचानते थे। दोनों की मुलाकात हरिद्वार में हुई थी। आशीष दीक्षित के प्रभाव में आने के बाद नितीश ने अपनी नौकरी छोड़ दी और आशीष के साथही रहने लगा और दैवीय सिद्धि प्राप्त कर भविष्य सुधारने के लिए दोनों पूजा-पाठ करने लगे। हालांकि नितीश के परिजनों ने इसका विरोध किया तो नितीश और आशीष दोनों, उत्तर प्रदेश आ गए।
 
पुलिस उपाय़ुक्त ने बताया कि दोनों ने आठ दिसंबर को विंध्यवासिनी धाम जाकर पूजा-अर्चना की थी। अगले दिन वापसी में आशीष दीक्षित ने नितीश सैनी से कहा कि उसे सिद्धि प्राप्त करनी है, यदि नितीश उसे मार देगा तो वह सिद्धि प्राप्त कर लेगा और फिर से जीवित हो जाएगा। इसके बाद आशीष के द्वारा बताए नियमों के अनुसार दोनों ने पूजाकी। नितीश को उक्त कार्य के लिए तैयार करने के लिए आशीष ने बर्बरीक और तमाम ऋषियों की कहानी यू-ट्यूब पर दिखाई। 
 
इसके बाद नौ दिसंबर की रात अशोक लीलैंड के सर्विस सेंटर के पीछे नितीश ने आशीष की गला रेत कर हत्या कर दी और आशीष के रक्त से अपने माथे पर तिलक लगाया और पूजन सामग्री को गंगा नदी में प्रवाहित करदिया। इसके बाद नितीश प्रयागराज स्टेशन पहुंच गया। और, उसने आशीष के जीवित होकर आने का इंताजर किया। काफी इंतजार के बाद नितीश अपने घर चला गया। गला काटने से पहले आशीष दीक्षित ने शराब और कुछ दवाओं का भी सेवन किया था। उक्त मामले का खुलासा करने वाली टीम में करछना प्रभारी निरीक्षक विश्वजीत सिंह, एसओजी यमुनानगर प्रभारी रंजीत सिंह, सर्विलांस टीम से प्रभारी शांतनु चतुर्वेदी अपनी पूरी टीम के साथ शामिल रहे।
 
 

About The Author

Post Comment

Comment List

आपका शहर

सुप्रीम कोर्ट ने दी गौतम नवलखा को जमानत- '4 साल में भी आरोप तय नहीं'। सुप्रीम कोर्ट ने दी गौतम नवलखा को जमानत- '4 साल में भी आरोप तय नहीं'।
स्वंतत्र प्रभात ब्यूरो।     सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को जमानत दे...

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel