सत्ताधारियों के आर्शीवाद के चलते सटोरियों के हौसले बुलंद, हाइटेक तरीके से हो रहा सट्टे का कारोबार

सत्ताधारियों के आर्शीवाद के चलते सटोरियों के हौसले बुलंद, हाइटेक तरीके से हो रहा सट्टे का कारोबार

सत्यवीर सिंह यादव
अलीगढ़,। सत्ताधारी सफेदपोशों के इशारे पर कहें या स्थानीय पुलिस का भरपूर आर्शीवाद कहें। जिसके चलते जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों के विभिन्न मौहल्लों में अनेक जगहों पर लोगों को कोड में बात करते हुए सुने तो आपको हैरान होने की जरूरत नहीं, क्योंकि इस शहर में सट्टे का कारोबार हाईटेक हो चुका है। एक तरह से देखा जाए तो यहां पर ओपन-क्लोज का खेल बंद है पर यही काम अब हाईटेक तरीके से मोबाइल फोन से हो रहा है। इसे संचालित करने बाकायदा नियत स्थान पर खाईवाल के एजेंट घूम रहे हैं जो लिखा-पढ़ी से नहीं फोन, इंटरनेट से सारा काम कर रहे हैं। यहां के सटोरियों के तार देश के बड़े महानगरों से जुड़े हुए हैं जहां करोड़ों का सट्टा रोज लगाया जा रहे है। सटोरियों तथा खाईवालों के चक्कर में हजारों घर बर्बाद हो चुके हैं।

फिर भी लोग सट्टे की लत छोड़ नहीं पा रहे हैं। संभ्रांत लोग सट्टे का लगातार विरोध करते आ रहे हैं। फिर भी इसमें हमेशा के लिए पाबंदी नहीं लगाई जा सकी है। सक्ती नगर सहित अंचल भर के हजारों लोग इस धंधे के शिकार हो रहे है। लोग तो अपने जरूरतों को भूलकर अपनी गाढ़ी कमाई सट्टे में लगाकर बर्बाद हो रहे हैं। लेकिन प्रशासन मौन बैठा है। क्योंकि उनके हिसाब से सट्टे का कारोबार पूरी तरह बंद है। शहर में ऐसे हाई प्रोफाइल सटोरिए सक्रिय हैं जिनके तार देश के कई बड़े शहरों से जुड़े हैं। कई सटोरिए लेन-देन का हिसाब करोड़ों में करते हैं।

खानापूर्ति कर रही पुलिस
थाना सासनीगेट क्षेत्र के पला साहिबाबाद,महेन्द्र नगर, रॉयल टॉकिज, पीपल के पेड़ के पास धामो हाथरस अड्डा,सराय पीताम्बर,जयगंज,वाल्मीकि बस्ती, वराई मौहल्ला,खिरनीगेट,थाना मडराक में पड़ियावली नवीन,नगला मंदिर में प्रधान का बेटा,गांधी पार्क क्षेत्र में गौरव , रमेश आदि सटोरियों सट्टा विरोधी पुलिसिया कार्रवाई से बेखौफ सट्टेबाज अब भी जमकर सट्टा खेला रहे हैं क्योंकि पुलिस छोटे खाईवालों पर कभी कभार कार्यवाही करती है। जिसके चलते हाई प्रोफाइल सटोरियों को संरक्षण मिल जाता है और उनके हौसले बुलंद हैं। जब कभी भी बड़ी कार्रवाई की जाती है तब ये हाई प्रोफाइल सटोरियों को सूचना मिल जाती है और वे भूमिगत हो जाते हैं।

गांव से संचालित होता है नेटवर्क
सट्टे का नेटवर्क संभालने वाले बड़े खाइवाल अब शहर में नहीं बल्कि गांव में बैठकर काम संचालित कर रहे हैं। कभी सूचना मिलने पर एक-दो कार्रवाई कर दी जाती है लेकिन कुछ ही दिनों बाद सट्टा का अवैध कारोबार फिर शुरू हो जाता है। सट्टे का कारोबार पहले कागजों के माध्यम से फैला हुआ था। जिसे पकड़े जाने के डर से इसे चलाने वाले मोबाइल से ही इस कारोबार को संचालित कर रहे हैं। नगर के कई ठिकानों में सट्टा लगाए जा रहे हैं। रुपयों का लेन-देन करोड़ों में हो रहा है और आरोपियों की स्थानीय पुलिस से सेटिंग भी रहती है। क्रिकेट के परवान चढ़ते जुनून के साथ क्रिकेट का सट्टा चरम पर है।

इनका कहना है..
इस सबंध में एसपी सिटी मृगांक शेखर पाठक का कहना है कि समय-समय पर पुलिस सटोरियों के खिलाफ अभियान चलाकर छापे मार कार्यवाही करती रहती है। पुलिस की सक्रियता के चलते शहर में सट्टा करोबार बंद चल रहा है। अगर फिर भी सट्टे की खाईवाड़ी की शिकायतें मिल रही हैं तो स्थानीय पुलिस को सट्टा कारोबार बंद कराने के निर्देश दिये गये हैं।

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