आत्म निर्भर वार्ड बनाने पर दिया जा रहा जोर, ओडीएफ के बाद वाटर प्लस की भी कर रहे तैयारी
खुले में शौच व मूत्र करने पर लगेगा जुर्माना-निगमायुक्त
स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 की तैयारियां में नगर निगम तेजी से बढ़ रहा आगे, सिटीजन एंगेजमेंट बढ़ाने पर दिया जा रहा जोर, होटल, ढाबे, अस्पताल, स्कूल व विभिन्न एसोसिएशन के बीच स्वच्छता मानदंडो को लेकर होगी प्रतिस्पर्धा, श्रेष्ठ रैंकिंग पाने वाले संस्थानो को करेंगे सम्मानित-नगर निगम आयुक्त डॉ. मनोज कुमार।
करनाल नगर निगम करनाल स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में सम्मानजनक रैंकिंग हासिल करने के लिए अपनी तैयारियों को तेजी से आगे बढ़ा रहा है। इसके लिए नगर निगम सिटीजन एंगेजमेंट बढ़ाने पर काफी जोर दिया जा रहा है। इसके तहत होटल, ढाबे, अस्पताल, स्कूल व कॉलेज, रेजिडेंट वैल्फेयर एसोसिएशन, मार्किट एसोसिएशन तथा सरकारी दफ्तरों के बीच स्वच्छता मानदंडो को लेकर प्रतिस्पर्धा रहेगी, श्रेष्ठ संस्थानो को नगर निगम सम्मानित करेगा।
निगम आयुक्त डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि सूचना, शिक्षा और संचार (आई.ई.सी.) गतिविधियों के तहत नगर निगम अपनी तैयारियों में जुटा है। गत मास से ही सिटीजन एंगेजमेंट बढ़ाने के लिए निगम एरिया में स्थित सभी होटल, ढाबे, अस्पताल, रेस्टोरेंट, स्कूल व कॉलेज, रेजिडेंट वेल्फेयर एसोसिएशन, मार्किट एसोसिएशन तथा सरकारी दफ्तरों में साफ-सफाई को लेकर जागरूकता बढ़ाई जा रही है। इसके लिए ऐसे संस्थानो में एक प्रतिस्पर्धा रहेगी और विभिन्न पैरामीटर्स के आधार पर जो भी संस्थान साफ-सफाई के लिहाज से सबसे श्रेष्ठ पाया जाएगा, उसकी रैंकिंग कर उसे सम्मानित किया जाएगा।
कम्पीटिशन के यह होंगे पैरामीटर- संस्थान अथवा संस्थाओं के बीच साफ-सफाई को लेकर जो पैरामीटर रहेंगे, उनमें भवन की कंडीशन, शौचालयों की साफ-सफाई, गीले व सूखे कचरे का प्रबंधन, कम्पोस्ट पिट, सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर प्रतिबंध, वेट वेस्ट को कम्पोस्टिंग में परिवर्तित करना तथा जीरो वेस्ट कार्यक्रम करने शामिल है। स्वच्छ सर्वेक्षण में इस कम्पोनेंट के 625 अंक निर्धारित किए गए हैं।
आयुक्त ने बताया कि नगर निगम करनाल गत कई वर्षों से ओ.डी.एफ घोषित हो रहा है। यही नहीं ओ.डी.एफ. प्लस और फिर ओ.डी.एफ. प्लस-प्लस का भी दर्जा हासिल कर चुका है। अब सबसे अंतिम या हाईएस्ट दर्जा, वाटर प्लस हासिल करने का है। उन्होंने बताया कि इसके लिए सभी शौचालय पूरी तरह से उपयोगी बनाए गए हैं। घरों से निकलने वाला गंदा पानी एस.टी.पी. में उपचारित हो रहा है तथा उसे ग्रीन बेल्ट, पार्कों व डिवाईडरों पर लगे पौधों को पानी देने तथा सड़कों पर छिड़काव कर पुन: प्रयोग में भी लिया जा रहा है।
निगमायुक्त ने बताया कि नगर निगम की ओर से खुले में शौच व मूत्र करने पूणर्त: प्रतिबंध लगाया है, इसे लेकर जो व्यक्ति खुले में शौच व मूत्र करता पाया गया, उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि वे खुले में शौच करने के बजाए शहर में जगह-जगह बनाए गए शौचालयों का ही प्रयोग करें तथा शहर को स्वच्छ रखने में अपना सहयोग दें।
नगर निगम आयुक्त डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि शहर में काफी समय से हाऊस होल्ड को गीला व सूखा कचरा अलग-अलग देने व घरों में ही कम्पोस्ट पिट बनाकर स्वयं गीले कचरे का निस्तारण करने के लिए जागरूक किया जा रहा है और इसके तहत निगम को वार्ड 9 व 10 में काफी सफलता भी मिली है। उन्होंने बताया कि इन वार्डों के हर घर में सोर्स सैग्रीगेशन किया जा रहा है। कचरे का प्रबंधन वार्ड से बाहर ना जाकर, अपने ही वार्ड में किया जा रहा है, इसके लिए नागरिक होम या कम्यूनिटी कम्पोस्टिंग कर रहे हैं। सिंगल यूज़ प्लास्टिक बैन करने पर काम हो रहा है तथा नागरिक साफ-सफाई को लेकर काफी प्रेरित हैं।
उन्होंने बताया कि नगर निगम ने वार्ड की सभी आर.डब्ल्यू.ए. को इस मुहिम में शामिल किया है, ताकि वह अपने वार्ड को आत्म निर्भर वार्ड बनाने में अपना शत प्रतिशत सहयोग दे सकें। उन्होंने शहर के नागरिकों से अपील कर कहा है कि जो वार्ड गीले व सूखे कचरे का समूचित निस्तारण करेगा, उसे आत्म निर्भर वार्ड घोषित करेंगे। उन्होंने कहा कि यह नागरिकों के सहयोग से ही सम्भव होगा और इससे स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 पर भी अच्छा असर पड़ेगा।
Comment List