यूपी की राजनीति में परिवारवाद; 23% संभाल रहे अपनों की विरासत, BJP में सबसे अधिक वंशवाद।

यूपी की राजनीति में परिवारवाद; 23% संभाल रहे अपनों की विरासत, BJP में सबसे अधिक वंशवाद।

ब्यूरो प्रयागराज 

 सामाजिक भागीदारी और सबकी हिस्सेदारी के जुमलों के बीच भारत की राजनीति में परिवारवाद या वंशवाबाद खूब फलफूल रहा है. जिसे अंग्रेजी में Nepotism या Dynastic politics भी कहा जाता है. यह भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण और विवादास्पद मुद्दा रहा है. विपक्ष पर परिवारवाद का आरोप लगाने वाली भारतीय जनता पार्टी भी खुद 'नेपोटिज्म' की शिकार है. यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वाच की ओर से जारी रिपोर्ट में दावा किया गया है.

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच (एनईडब्ल्यू) ने भारत में राजनीतिक परिवारों से आने वाले मौजूदा संसद सदस्यों (सांसदों), विधान सभा सदस्यों (एमएलए) और विधान परिषद के 5204 सदस्यों (एमएलसी) का व्यापक विश्लेषण किया है. जिसमें से 1107 यानी 21 फीसदी माननीय का परिवार या तो सियासत का हिस्सा है या रह चुका है. रिपोर्ट के अनुसार भारतीय लोकतंत्रत में वंशवादी राजनीति की आधार शिला बनी हुई है. वर्तमान में 5 में से 1 माननीय अपने परिवार के कारण सियासत में पैठ जमाए हुए है.

आंकड़ों में उत्तर प्रदेश नंबर वनः

एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार आंकड़ों में सभी राज्यों में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है. उत्तर प्रदेश के 604 विधायक, सांसद, एमएलसी और राज्यसभा सदस्यों में से 141 यानी 23 फीसदी माननीय परिवारवादी हैं. रिपोर्ट के अनुसार, यूपी में 4 में से 1 पुरुष राजनीतिक परिवारों से आते हैं. जबकि आधे से अधिक महिलाएं परिवार के बल पर राजनीति में एंट्री मारी है और काबिज हैं.

एडीआर के रिपोर्ट के अनुसार, 535 में से 112 पुरुष माननीयों का राजनीतिक बैक ग्राउंड रहा है. यानी 21 फीसदी पुरुष परिवारवादी हैं. वहीं, 69 में 29 यानी 42 फीसदी महिलाएं राजनीतिक रसूख के बल पर राजनीति कर रही हैं. रिपोर्ट के अनुसार अपने 91 विधायक अपने परिवार के बलबूते पर राजनीति कर रहे हैं. जबकि 50 सांसद, एमलएसी, राज्यसभा सदस्यों का भी परिवार राजनीति से जुड़ा रहा है.

पार्टीवार वंशवादी पृष्ठभूमिः।

एडीआर रिपोर्ट के अनुसार भाजपा के 53 विधायक और 24 सांसद, एमएलसी, राज्य सभा सदस्य अपने परिवार की विरासत संभाल रहे हैं. वहीं, अपना दल (सोनेलाल) के 2 विधायक, एक सांसद और एक एमएलसी से परिवारवादी हैं. समाजवादी पार्टी के 32 विधायक और मुखिया व सांसद अखिलेश यादव सहित 15 सांसद, राज्य सभा सदस्य और एमलसी का परिवार राजनीति से ताल्लुक रखते हैं. कांग्रेस के 1 विधायक आराधना मिश्रा, सांसद राहुल गांधी, तनुज पुनिया, इमरान मसूद और उज्जवल सिंह निकम भी परिवार की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. वहीं, जनतादल लोक तांत्रिक 1 विधायक और एक एमएलसी , निरबल इंडियन शोषित हमारा दल 1 विधायक और निर्दलीय 2 एमएलसी, सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी के 1 विधायक और रालोद से राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी और एक एमएलसी परिवारवादी हैं.

सपा के 89 फीसदी विधायक फैला रहे वंशवादः।

बता दें कि वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी से 255 विधायक, 33 सांसद, 24 राज्यसभा सदस्य, 75 एमएलसी हैं. जिसमें से 53 (20 फीसदी से अधिक) विधायकों की पृष्ठभूमि राजनीति रही है. वहीं, समाजवादी पार्टी के 111 विधायक, 37 सांसद, 4 राज्य सभा सदस्य, 10 एमएलसी हैं. सपा के 37 में से 32 विधायक यानी 89 फीसदी परिवारवादी हैं. जबकि अपना दल (एस) के 12 विधायक, 1 सांसद और 1 एमएलसी वर्तमान में हैं. राष्ट्रीय लोकदल के 8 विधायक, 2 सांसद, 1 राज्यसभा सदस्य, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के 6 विधायक, कांग्रेस के 2 विधायक और 6 सांसद, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के 2 विधायक हैं. वहीं, आजाद समाज पार्टी से चंद्रशेखर वर्तमान में नगीना से इकलौते सांसद हैं.

प्रसिद्ध वंशवादी माननीयः प्रसिद्ध पुरुष सांसद, विधायक और एमएलसीः राहुल गांधी (कांग्रेस), अखिलेश यादव (सपा), उज्जवल रमण सिंह (कांग्रेस), इमरान मसूद (कांग्रेस), धर्मेन्द्र यादव (सपा), आदित्य यादव (सपा), अक्षय यादव (सपा), जिया उर रहमान (एसपी), अफ़ज़ाल अंसारी (सपा), जितिन प्रसाद (भाजपा), रामगोपाल यादव (सपा), जयंत चौधरी (आरएलडी), पंकज सिंह (भाजपा), आशीष पटेल (अपना दल-सोनेलाल), दिनेश प्रताप सिंह (भाजपा).

प्रसिद्ध परिवारवादी सांसद हेमा मालिनी (भाजपा): पति धर्मेंद्र देयोल 2004-2009 तक भाजपा के टिकट पर बीकानेर, राजस्थान से लोकसभा सांसद थे. वहीं, सौतेले बेटे सनी देओल पंजाब के गुरदासपुर से लोकसभा सांसद (2019-2024) थे. सांसद इकरा चौधरी (सपा): पिता चौधरी मुनव्वर हसन 1991-1996 तक विधायक, सांसद लोकसभा (1996-1998, 2004-2008), राज्यसभा सांसद (1998-2003) रहे थे. सांसद प्रिया सरोज (सपा): पिता तुफानी सरोज वर्तमान में विधायक हैं. इससे पहले 1999-2014 तक सांसद रह चुके हैं.

सांसद डिंपल यादव (सपा) : पति अखिलेश यादव सांसद (2000-2012, 2019-2022, 2024-वर्तमान), यूपी सीएम (2012-2017), एलओपी और एमएलए (2022-2024), एमएलसी (2012-2018). वहीं, ससुर मुलायम सिंह यादव - पूर्व रक्षा मंत्री, तीन बार यूपी के सीएम और एमपी (1996-2022) रहे थे.

सांसद अनुप्रिया पटेल (अपना दल-। सोनेलाल): पिता सोनेलाल पटेल, अपना दल के संस्थापक थे. इनके पति आशीष पटेल यूपी सरकार में मंत्री हैं. राज्यसभा सदस्य जया बच्चन (सपा):। पति अमिताभ बच्चन 1984 में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में इलाहाबाद से लोकसभा के लिए चुने गए थे. विधायक पूजा पाल (सपा):। पति राजू पाल इलाहाबाद पश्चिम से 2004) में बसपा से विधायक चुने गए थे. विधायक डॉ. पल्लवी पटेल (एसपी। पिता डॉ. सोने लाल पटेल ने 1995 में अपना दल की स्थापना की थी. विधायक अदिति सिंह (भाजपा):। पिता अखिलेश कुमार सिंह पांच बार (1993-2012) रायबरेली सदर से विधायक रहे हैं.

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