मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के खिलाफ सबसे ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं ।
स्वतंत्र प्रभात।
ब्यूरो प्रयागराज ।
एक नई रिपोर्ट में पाया गया है कि देश के 30 मुख्यमंत्रियों में से 12 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किये हैं।चुनाव अधिकार संस्था एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, इसका अर्थ यह है कि भारत में 40 प्रतिशत वर्तमान मुख्यमंत्री आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं।
इसके अतिरिक्त, 10 (33 प्रतिशत) मुख्यमंत्रियों ने अपने विरुद्ध गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जिनमें हत्या का प्रयास, अपहरण, रिश्वतखोरी, आपराधिक धमकी आदि से संबंधित मामले शामिल हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने अपने खिलाफ 89 मामले घोषित किए हैं, जिससे वे सबसे ज़्यादा आपराधिक मामलों वाले मुख्यमंत्री बन गए हैं। कांग्रेस नेता पर इन 89 आपराधिक मामलों में 72 गंभीर आईपीसी आरोप और 160 अन्य आईपीसी आरोप हैं।
आरोपों में आपराधिक धमकी के 34 मामले, तथा चुनाव पर अनुचित प्रभाव डालने और महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के एक-एक मामले शामिल हैं। सबसे अधिक आपराधिक आरोपों वाले मुख्यमंत्रियों की सूची एडीआर रिपोर्ट के अनुसार, यहां उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों की सूची दी गई है जिनके खिलाफ सबसे अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं:
1. रेवंत रेड्डी, तेलंगाना: 89 आपराधिक मामले,2. एमके स्टालिन, तमिलनाडु: 47 आपराधिक मामले,3. चंद्रबाबू नायडू, आंध्र प्रदेश: 19 आपराधिक मामले,4. सिद्धारमैया, कर्नाटक: 13 आपराधिक मामले,5. हेमंत सोरेन, झारखंड: 5 आपराधिक मामले,6. देवेंद्र फडणवीस, महाराष्ट्र: 4 आपराधिक मामले,7. सुखविंदर सिंह, हिमाचल प्रदेश: 4 आपराधिक मामले,8. पिनाराई विजयन, केरल: 2 आपराधिक मामले,9. पीएस तमांग, सिक्किम: 1 आपराधिक मामला,10. भगवत मान, पंजाब: 1 आपराधिक मामला,11. मोहन चरण मांझी, ओडिशा: 1 आपराधिक मामला,12. भजन लाल शर्मा, राजस्थान:
1 आपराधिक मामल यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब सरकार तीन विधेयक लेकर आई है, जिनमें गंभीर आपराधिक आरोपों में 30 दिनों के लिए गिरफ्तार किए गए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को हटाने की बात कही गई है ।एडीआर ने कहा कि उसने राज्य विधानसभाओं और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी 30 मौजूदा मुख्यमंत्रियों के स्व-शपथ पत्रों का विश्लेषण किया।यह डेटा उनके पिछले चुनाव लड़ने से पहले दायर किए गए हलफनामों से है।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा विश्लेषण किए गए चुनावी हलफनामों के आंकड़ों से पता चला है कि भारत के लगभग 42 प्रतिशत मुख्यमंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। यह जानकारी ऐसे समय में सामने आई है जब विपक्ष ने नरेंद्र मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि वह गंभीर आरोपों में गिरफ्तार होने पर मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों और यहां तक कि प्रधानमंत्री को हटाने के लिए विधेयक पेश करके तानाशाही थोपने की कोशिश कर रही है।
मुख्यमंत्रियों द्वारा भारत के चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामों से प्राप्त जानकारी के आधार पर दिसंबर 2024 में एडीआर द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट से पता चला कि 31 मुख्यमंत्रियों में से 13 ने अपने खिलाफ आपराधिक आरोप घोषित किए हैं।
इनमें से 10 मुख्यमंत्रियों पर हत्या के प्रयास, अपहरण, रिश्वतखोरी और आपराधिक धमकी जैसे गंभीर आरोप हैं। इन 10 में से सात मुख्यमंत्री विपक्ष शासित राज्यों से हैं, दो भाजपा के सहयोगी दलों के और एक भाजपा का है।
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