इलाहाबाद विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाएं स्थगित।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाएं स्थगित।

नई तिथि जल्द होगी जारी। स्वतंत्र प्रभातप्रयागराज।इलाहाबाद विश्वविद्यालय एवं इससे संबद्ध डिग्री कॉलेजों में स्नातक की वार्षिक परीक्षाएं अगले आदेश तक स्थगित कर दी गई है. ये परीक्षाएं 1 जुलाई से शुरू होनी थी. केन्द्र सरकार ने देश में कोरोना वायरस कोविड -19 के संक्रमण को देखते हुए सामान्य रेल सेवा के संचालन को

‌ नई तिथि जल्द होगी जारी।

‌स्वतंत्र प्रभात

‌प्रयागराज।

‌इलाहाबाद विश्वविद्यालय एवं इससे संबद्ध डिग्री कॉलेजों में स्नातक की वार्षिक परीक्षाएं अगले आदेश तक स्थगित कर दी गई है. ये परीक्षाएं 1 जुलाई से शुरू होनी थी. केन्द्र सरकार ने देश में कोरोना वायरस कोविड -19 के संक्रमण को देखते हुए सामान्य रेल सेवा के संचालन को 30 जून 2020 तक बंद कर दिया है. इन परिस्थितियों में दूसरे शहर में रहने वाले छात्रों को विश्वविद्यालय पहुंच कर परीक्षा में शामिल हो पाना आसान नहीं होगा.

‌इन्हीं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन  वार्षिक परीक्षा का नया संशोधित कार्यक्रम जारी करने की योजना बना रहा है.

‌विदित हो कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय की 18 मार्च से होने वाली स्नातक (यूजी) की वार्षिक परीक्षाएं स्थगित कर दी गई थी. परिणाम स्वरूप अन्य शहरों में रहने वाले छात्र- छात्राएं अपने घर वापस चले गए थे.

‌यूजीसी के आदेश के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरआर तिवारी की अध्यक्षता में 4 मई को परीक्षा समिति की बैठक हुई थी. बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि यूजी (स्नातक) की वार्षिक परीक्षाएं 1 जुलाई से और परास्नातक सहित अन्य कोर्स की सेमेस्टर परीक्षाएं 16 जुलाई से करवाई जाएँ. परन्तु भारत सरकार के रेलवे मंत्रालय ने 30 जून तक सामान्य ट्रेनों के संचालन पर रोक लगा दी है. हालाँकि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों पर इस आदेश का कोई प्रभाव नहीं होगा.

‌आपको स्मरण करादें कि 4 मई को हुई परीक्षा समिति की बैठक में इलाहाबाद विश्वविद्यालय और इससे सम्बद्ध महाविद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2020-21 के लिए स्नातक, परास्नातक, विधि सहित विभिन्न प्रोफेशनल कोर्सेस में प्रवेश हेतु ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 10 मई से शुरू करने का भी निर्णय भी लिया गया था. बैठक में यह भी फैसला किया गया कि प्रवेश परीक्षाएं अगस्त में करवाई जाये गी।

‌प्रयागराज से दयाशंकर त्रिपाठी की रिपोर्ट।

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