स्वाति मालीवाल से जुड़ा बवाल

स्वाति मालीवाल से जुड़ा बवाल

आम आदमी पार्टी की ख़ास नेत्री सुश्री स्वाति मालीवाल   के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निज सचिव द्वारा की गयी मारपीट की घटना अब रोचक हो गयी है। इस घटना की तह में जाने से पहले आपको स्वाति का अर्थ और स्वाति का महत्व समझना चाहिए। स्वाति का अर्थ है सरस्वती। स्वाति का अर्थ है तलवार। स्वाति हिन्दू धर्म से जुड़ा बहुत ही मन मोहने वाला नाम है। स्वाति सरस्वती है और एक नक्षत्र भी। स्वाती नाम की राशि कुंभ है। इस राशि की लड़कियां स्वभाव से बेहद ईमानदार होती हैं। यह किसी भी परिस्थिति के हिसाब से अपने आप को ढाल लेती हैं। स्वाती नाम की लड़कियां अक्सर दोस्ती करने से पहले सामने वाले व्यक्ति को व्यक्तिगत रूप से परखती है। इस राशि की स्वाती नाम की लड़कियों के करियर की बात करें तो यह फोटोग्राफर, वैज्ञानिक, लेखिका, मनोवैज्ञानिक व वकील सफलतापूर्वक बन सकती हैं।


आप की नेता और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष के साथ जो कुछ हुआ वो विस्मयकारी,पीड़ादायक और निंदनीय है । लेकिन सवाल ये है कि सामाजिक आंदोलन से होते हुए आम आदमी पार्टी से जुड़ी स्वाति के साथ मुख्यमंत्री के निज सचिव को इतनी बदतमीजी करने का साहस अचानक आ कहाँ से गया ? स्वाति न मुक्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए नई हैं और न उनके निज सचिव के लिये ।  आप ने स्वाति  को महिला आयोग का अध्यक्ष भी बनाया और राज्य सभा  भी भेजा,जाहिर है कि वे पार्टी के लिए महत्वपूर्ण रहीं हैं ,लेकिन अचानक उनके साथ मुख्यमंत्री के निज सचिव का दुर्व्यवहार ये जाहिर करता है कि स्वाति के किसी क्रियाकलाप से मुख्यमंत्री के निज सचिव अवगत  थे और उन्होंने इसीलिए स्वाति को मुख्यमंत्री से मिलने से रोका और जब नहीं रुकीं तो जो किया सो सब सीसीटीवी में कैद है।


 इस घटना के बाद स्वाति आप में रहेंगीं इसमें  मुझे संदेह है। मुझे आशंका है कि वे आजकल में ही भाजपा के शरणार्थी शिविर में आश्रय ले सकतीं है।मामला पुलिस के पास पहुँच चुका है और पुलिस मुख्यमंत्री आवास के कार्यालय तक। भाजपा बहुत पहले से वहां पहुंचना चाहती थी ,लेकिन रास्ता अब बना ,वो भी स्वाति के जरिये। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भाजपा की आँखों की सबसे बड़ी किरकिरी हैं,और शायद इसीलिए केजरीवाल की जमानत का भाजपा निविरोध किय।  गनीमत है कि बड़ी अदालत ने जमानत की आलोचना को दरियादिली के साथ लिया और कुछ कहा नहीं। आखिर में स्वाति भाजपा के काम आयीं और उन्होंने जानबूझकर एक तय पटकथा के तहत जो करना था सो किया। उन्हें इसका फल मिलेगा ,न्याय भी मिलेगा लेकिन उन्होंने अपने आपको समाप्त भी कर लिया। अब वे सरस्वती नहीं रहीं। सचमुच की स्वाति से हटकर उनका व्यक्तित्व  शून्य बन गया है।  


 आपको बता दें की स्वाति नक्षत्र आकाश मंडल में 15वाँ नक्षत्र होकर इसका स्वामी राहु यानि अधंकार है।स्वाति मालीवाल भी मुमकिन है कि आम आदमी पार्टी का 15  वां  नक्षत्र ही हों और उनका स्वामी भी कोई अन्धकार ही  हो।  कहावत भी है कि जब स्वाति नक्षत्र में ओस की बूँद सीप पर गिरती है तो मोती बनता है। इस बूँद के लिए चातक भी तरसता है और सीप भी। मुमकिन है कि आप भी स्वाति को इतना ही महत्वपूर्ण मानता हो। लेकिन अब आम आदमी पार्टी के लिए स्वाति पहले वाली स्वाति नहीं रही। आम आदमी पार्टी की मंत्री आतिशी ने कहा कि स्वाति मालीवाल के लगाए सारे आरोप झूठे और निराधार है।  साजिश के तहत स्वाति को बीजेपी ने भेजा था।  स्वाति सीएम हाउस में जबरदस्ती घुसी थी।  बीजेपी ने पूरे मामले की साजिश रची है।  बिभव पर झूठे आरोप लगाए गए हैं। बिभव कुमार ने स्वाति मालीवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।  


स्वाति हर पार्टी में है।  हर पार्टी का अपनी महिला नेत्रियों के प्रति एक जैसा रवैया होता है। मैंने अपने पांच दशक के पत्रकारिता के जीवन में निकट से जाना है कि चाहे कांग्रेस हो,भाजपा हो,वामपंथी हों ,समाजवादी हों या फिर और कोई विचारधारा के दल महिलाओं का केवल इस्तेमाल करते हैं और वक्त आने पर उन्हें दूध में पड़ी मख्खी कीतरह निकाल भी फेंकते है।  उन्हें संरक्षण  कोई नहीं देता ।  स्वाति ने भी इस हकीकत को शायद समझा नहीं या समझ लिया तो कुछ ज्यादा ही समझ लिया। स्वाति आम चुनाव के पांचवें चरण के पहले सत्तापक्ष की और से चली गयी एक गोटी भर हैं। जिन्हें उनका इस्तेमाल करना था वे  कर चुके हैं और स्वाति को पता भी नहीं चला ।

 

 अब पुलिस और अदालत स्वाति को जितना न्याय दिला सकती है शायद दिला भी दे किन्तु स्वाति का जो नुक्सान होना था उसकी भरपाई कोईनहीं कर सकता ,न भाजपा और न आप। स्वाति को कांग्रेस के जमाने के स्त्री उत्पीड़न के मामले शायद याद नहीं है।वे तंदूर कांड भूल गयीं   वे भाजपा के दस साल के कार्यकाल में हुए स्त्री उत्पीड़न की घटनाओं को भी शायद याद नहीं रख पायी। वे मप्र का हनीट्रैप कांड और कर्नाटक का ताजा रेमन्ना कांड भी याद नहीं रख सकीं , और उस पार्टी के खिलाफ इस्तेमाल कर ली गयीं जिस पार्टी ने उन्हें पहचान,रूतबा,पद और पैसा उपलब्ध कराया। वे पीड़िता हैं इसलिए मैं उनके साथ हूँ किन्तु उन्होंने जिस तरह से अपना इस्तेमाल होने दिया उसे देखते हुए मैं उनके साथ नहीं भी हू।  वे अब स्वाति नक्षत्र की उस बूँद जैसी हैं जो किसी सीप में पड़े कच्चे माल को मोती में तब्दील नहीं कर सकतीं। वे किस अतृप्त चातक के लिए जीवनदायनी भी साबित नहीं हो सकती।  वे द्रोपदी की तरह अपमानित भी हुईं और महाभारत भी नहीं करा पायीं,क्योंकि उनके होने या न होने से अब आप का कोई नुक्सान होने वाला नहीं है।


बहरहाल अब आने वाले दिनों   में स्वाति को न्याय मिलेगा या नहीं ? भाजपा उन्हें शरण देगी या नहीं ? आप उन्हें अपनाएगी या नहीं ? ऐसे सवाल हैं जिनका जबाब कोई नहीं दे सकता। बस प्रतीक्षा कीजिये की आने वाले दिनों में राजनीति कितनी और बदसूरत हो सकती है। हर दल की स्वातियों को सावधान हो जाना चाहिए और अपने आपको इस्तेमाल होने से बचना चाहिए।

 राकेश अचल

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