इलाहाबाद लोकसभा सीट पर पर इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार उज्जवल रमण सिंह और भाजपा प्रत्याशी नीरज त्रिपाठी के बीच सीधा मुकाबला।
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दोनों प्रत्याशियों के पिता प्रदेश के दिग्गज नेताओं में शुमार थे।कांग्रेस प्रत्याशी उज्जवल रमण सिंह सपा सरकार में मंत्री थे तो भाजपा उम्मीदवार नीरज त्रिपाठी पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं।
स्वतंत्र प्रभात।
ब्यूरो प्रयागराज
दयाशंकर त्रिपाठी की रिपोर्ट।
दिग्गजों का क्षेत्र रहा है इलाहाबाद लोकसभा
इलाहाबाद लोकसभा सीट ऐतिहासिक निर्वाचन क्षेत्र माना जाता है इस क्षेत्र से जहां भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य और दिग्गज नेता पंडित मुरली मनोहर जोशी चुनाव जीतकर भारत सरकार में मानव संसाधन मंत्री रहे हैं वही समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य और दिग्गज नेता कुंवर रेवती रमण सिंह ने डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी को चुनाव हराकर उन्हें इलाहाबाद छोड़ने पर मजबूर कर दिया था ।
यही नहीं इसी सीट से लाल बहादुर शास्त्री पूर्व प्रधानमंत्री भी चुनाव लड़ चुके हैं फिल्म के मेगास्टार अमिताभ बच्चन हेमवती नंदन बहुगुणा जैसे प्रतिष्ठित नेता भी यहां का प्रतिनिधित्व अपने-अपने समय में कर चुके हैं ।राजनीतिक रूप से इलाहाबाद क्षेत्र बुद्धिजीवियों और जागरूक लोगों का क्षेत्र माना जाता है। लेकिन 2024 के इस चुनाव में एक तरफ कुंवर रेवती रमन सिंह के पुत्र उज्जवल रमण सिंह कांग्रेस पार्टी से उम्मीदवार हैं तो उनके सामने भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता और विधानसभा अध्यक्ष रहे विद्वान अधिवक्ता स्वर्गीय पंडित केसरी नाथ त्रिपाठी के पुत्र नीरज त्रिपाठी भारतीय जनता पार्टी से उम्मीदवार हैं ।

इस सीट से 2019 में रीता बहुगुणा जोशी भारतीय जनता पार्टी से निर्वाचित हुई थी ।लेकिन उनका टिकट इस बार भारतीय जनता पार्टी ने अधिक उम्र होने का फॉर्मूला बताकर काट दिया। हालांकि उनका इलाहाबाद सीट पर काफी अच्छी पकड़ मानी जाती थी और पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय हेभगवती नंदन बहुगुणा की सुपुत्री होने के नाते उनकी क्षेत्र में काफी लोकप्रियता थी। लेकिन इस बार उनके टिकट कटने से भारतीय जनता पार्टी के लोग जहां पर उदास दिखाई दे रहे हैं वही भारतीय जनता पार्टी की उम्मीद वार नीरज त्रिपाठी अपने पिता के स्वर्गीय हो जाने से कोई सहानुभूति नहीं बटोर पा रहे हैं ।उसका एक कारण और है कि पंडित केसरी नाथ त्रिपाठी लोकसभा की एक विधानसभा शहर दक्षिणी से प्रतिनिधित्व करते हुए विधानसभा मे पहुंचते थे । कभी लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ें।
पिता के सहारे लड़ रहे हैं दोनों पत्याशी।
दूसरी ओर कुंवर रेवती रमण सिंह 8 बार करछना विधानसभा क्षेत्र से लगातार विधायक चुन्नी जाते थे ।और एक बार डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी जैसे दिग्गज नेता को चुनाव हराकर अपनी जमीन पकड़ का लोहा मनवाने में सफल हुए थे।। जिसका कांग्रेस उम्मीदवार उज्जवल रमण सिंह लाभ मिल रहा है ।
जान कार लोगों का कहना है कि कुंवर रेवती रमन सिंह जब लोकसभा के सदस्य 2009 में हो गए थे तभी से उज्जवल रमण सिंह उनके विधानसभा क्षेत्र करछना में सक्रिय हो गए थे ।और उसके बाद वहां से चुनाव लड़ के विधायक और प्रदेश सरकार में मंत्री भी बने।
नीरज का पहला चुनाव है।
नीरज त्रिपाठी वकालत करने के अलावा कोई चुनाव नहीं लड़ें और पहला चुनाव लोकसभा का सीधे लड़ रहे हैं। जिससे पूरे क्षेत्र में कार्यकर्ताओं के बल पर ही उनका चुनाव आधारित है।
जबकि उज्जवल रमण अपने पिता की जमीनी पकड़ का लाभ करछना मेंजा कोराव तथा वारा क्षेत्र में मिल रहा हैं । जानकार लोगों का कहना है कि पांचों विधानसभा क्षेत्र में कोई ऐसा गांव नहीं है जहां पर रेवती रमण के कुछ लोग न हो।
मैजा विधानसभा में समाजवादी पार्टी का विधायक है । जबकि वारा करछना कोरांव तथा शहर दक्षिणी मैं भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं। उसका लाभ विधायक वर्तमान समय में जरूर है देख अप उसका लाभ वीर सिपाही को कितना मिल पाएगा । लोगों का कहना है कि टिकट के दावेदार जहां नंद कुमार नदी की पत्नी और इलाहाबाद की मेयर अभिलाषा गुफा की टिकट कटने से उनकी भी वी अभिरुचि नई दिखाई दे रही है ।
लोगों का कहना है कि फूलपुर की सांसद केसरी देवी पटेल और रीता बहूगुना जोशी का टिकट कट जाने से इन दोनों के समर्थकों में असंतोष दिखाई दे रहा है । कार्यकर्ताओं की फौज के सहारे नीरज त्रिपाठी कितना सफल हो पाएंगे यह तो समय ही बताएगा।
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