सोनभद्र खनन अधिकारी पर लगा भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप, परिवार से लेकर नाते-रिश्तेदारों तक को बांट डाला विभाग

करोड़ों की अर्जित की है सम्पत्ति के मालिक खनन अधिकारी, शिकायतकर्ता ने कहा उनके पास भ्रष्टाचार के सबूत के सभी दस्तावेज मौजूद

सोनभद्र खनन अधिकारी पर लगा भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप, परिवार से लेकर नाते-रिश्तेदारों तक को बांट डाला विभाग

खनन अधिकारी सोनभद्र से जुड़ा मामला, शिकायतकर्ता ने किया जाँच की मांग

अजित सिंह/ राजेश तिवारी ( ब्यूरो रिपोर्ट) 

सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश-

सोनभद्र के खनन अधिकारी शैलेन्द्र सिंह पटेल पर अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगा है। बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में पहले से ही अनियमितताओं को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे थे। शाश्वत मंच के अध्यक्ष श्याम जी मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में खनन अधिकारी के खिलाफ कई सबूत पेश किए। उन्होंने बताया कि एक सरकारी कर्मचारी की सीमित आय के बावजूद शैलेंद्र सिंह पटेल विलासिता भरा जीवन जी रहे हैं।

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शिकायतकर्ताओं के अनुसार, कुछ ऐसे रिश्तेदार हैं जिनका उत्तर प्रदेश से कोई संबंध नहीं था। लेकिन खनन अधिकारी के यहां ट्रांसफर होते ही जमीन, फ्लैट और फार्म हाउस खरीदे जाने लगे। शाश्वत मंच ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से खनन अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि इस तरह के भ्रष्ट अधिकारी सरकार की छवि धूमिल करने का षड्यंत्र रच रहे है‌।

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शिकायकर्ता श्याम जी मिश्रा 2008 में खनन अधिकारी के रूप में चित्रकूट में नियुक्ति से पहले, उनके परिवार के पास केवल 25 एकड़ जमीन और एक कच्चा मकान था। वर्तमान में अधिकारी के परिवार के पास करोड़ों की संपत्ति है। इनमें शामिल हैं - 68 लाख रुपए का एक फ्लैट, 68 करोड़ रुपए का फार्म हाउस, 4 करोड़ रुपए का एक अन्य फ्लैट और एक फॉर्च्यूनर कार।

यह सभी संपत्तियां उनके भाई, माता और अन्य रिश्तेदारों के नाम पर दर्ज हैं। शिकायतकर्ता का आरोप है कि अधिकारी अवैध खनन और परमिट में गड़बड़ी के जरिए प्रति माह करीब एक करोड़ रुपए की अवैध कमाई कर रहे हैं। विशेष रूप से 2016-17 से उनकी संपत्ति में भारी वृद्धि देखी गई है। शिकायतकर्ता ने इस मामले को उच्च न्यायालय तक ले जाने और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने की बात कही है।

शिकायतकर्ता के पास अधिकारी के परिवार के सदस्यों जैसे भाई, पिता शंकर दयाल, माता, फूफा, बुआ, मामा और अन्य रिश्तेदारों के नाम पर दर्ज संपत्तियों के दस्तावेज हैं। उल्लेखनीय है कि 2008 में प्रयागराज में इनके पास कोई जमीन नहीं थी। शिकायतकर्ता प्रभव दुबे ने बताया, खनन अधिकारी ने 2008 के बाद से लगभग 300 करोड़ रुपये की संपत्ति जमा की है।

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आरोपी अधिकारी के पास 10 करोड़ का एक फार्म हाउस और 4 करोड़ का दूसरा फार्म हाउस है। उन्होंने अपने भाई जितेंद्र सिंह, जो राजस्थान में पढ़ते हैं, के नाम पर भी संपत्तियां रखी हैं। अधिकारी की पत्नी के नाम पर 1 करोड़ 83 लाख रुपये के बैंक लेनदेन के रिकॉर्ड मिले हैं। शिकायतकर्ता के पास सभी दस्तावेजों की फोटोकॉपी है। आरोप है कि अधिकारी खदानों से हर महीने 10 से 30 लाख रुपये की अवैध वसूली करते हैं।

पहले वे प्रति घन मीटर 300 रुपये तक वसूलते थे। शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने की इच्छा जताई है। उनका कहना है कि वे सभी प्रमाणों के साथ मुख्यमंत्री से मिलेंगे। अगर कार्रवाई नहीं होती है तो वे हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे।

खनन अधिकारी की चित्रकूट और बांदा में भी पोस्टिंग रही है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि जहां भी तैनाती हुई, वहां भ्रष्टाचार किया। इस मामले में कुछ स्थानीय लोगों और राजनीतिक हाथों की भी भूमिका होने की आशंका जताई गई है।

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