सोनभद्र चोपन के गोठानी सोमनाथ मंदिर में सौंदर्यीकरण के नाम पर भ्रष्टाचार के आरोप
लोगों ने लगाया मानक के विपरीत कार्य कराने का आरोप
गोठानी मन्दिर चढ़ा भ्रष्टाचारियों की भेंट
अजित सिंह ( ब्यूरो रिपोर्ट)
जिले के चोपन ब्लॉक में स्थित प्राचीन गोठानी सोमनाथ मंदिर में चल रहे सौंदर्यीकरण कार्य में गंभीर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप सामने आए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ठेकेदार मानकों को ताक पर रखकर मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं, जिससे सरकार द्वारा पर्यटन स्थल के विकास के लिए आवंटित धन का गलत इस्तेमाल हो रहा है।

यह ऐतिहासिक सोमनाथ मंदिर सदियों पुराना है और इसे प्राचीन काल की मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। त्रिवेणी संगम के पास स्थित होने के कारण इसका विशेष धार्मिक महत्व है। महाशिवरात्रि, बसंत पंचमी और सावन के महीने में यहां लाखों श्रद्धालु जुटते हैं। पुराने समय में इस जगह को 953 गली 52 बाजार और पहले का बनारस व गुप्तकाशी भी कहते थे, जो इसके समृद्ध इतिहास और धार्मिक महत्व को दर्शाता है।
हालांकि वर्तमान में इस पवित्र स्थल पर चल रहा सौंदर्यीकरण कार्य कथित भ्रष्टाचार के कारण इसकी गरिमा को ठेस पहुंचा रहा है।आरोप है कि सौंदर्यीकरण कार्य में गुणवत्ता मानकों की अनदेखी की जा रही है। ठेकेदार अपनी मनमानी कर रहे हैं और निर्माण सामग्री की गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार इस स्थल को पर्यटन केंद्र बनाने की कोशिश कर रही है, लेकिन भ्रष्ट अधिकारी और ठेकेदार मिलकर जनता की मेहनत की कमाई को लूटने में लगे हैं।
यह सवाल उठ रहे हैं कि इस काम की गुणवत्ता की निगरानी कौन कर रहा है और इसे किस मापदंड पर मंजूरी मिली है। स्थानीय निवासी इस बात से नाराज़ हैं कि विकास के नाम पर केवल कमीशनखोरी हो रही है, जिससे सार्वजनिक धन का दुरुपयोग हो रहा है।जनता ने ऐसे भ्रष्ट निर्माण कार्य पर तुरंत कार्रवाई की मांग की है। वे चाहते हैं कि संबंधित अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं और कार्य की गुणवत्ता की निष्पक्ष जांच हो। स्थानीय लोगों का मानना है कि अगर यही 'विकास' है, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे सरकार की विकास योजनाओं पर सवाल खड़े होते हैं।
इस मामले में जिला प्रशासन और संबंधित विभाग से तुरंत हस्तक्षेप की उम्मीद की जा रही है, ताकि गोठानी सोमनाथ मंदिर का सौंदर्यीकरण कार्य सही गुणवत्ता के साथ पूरा हो सके और इस प्राचीन धार्मिक स्थल का महत्व बना रहे।

Comment List