इस बार बजट में नई शिक्षा नीति को मिल सकता है अच्छा खास पैकेज…
स्वतंत्र प्रभात – ऐसी सम्भावना है की इस बजट में शिक्षा क्षेत्र को मजबूती देने वाली कुछ बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं। वैसे भी नई शिक्षा नीति के माध्यम से इसे मजबूती देने का पूरा मसौदा तैयार है। अभी इसकी आधिकारिक घोषणा शेष है, लेकिन इसके अमल को लेकर सरकार को एक बड़ी पूंजी की
स्वतंत्र प्रभात –
ऐसी सम्भावना है की इस बजट में शिक्षा क्षेत्र को मजबूती देने वाली कुछ बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं। वैसे भी नई शिक्षा नीति के माध्यम से इसे मजबूती देने का पूरा मसौदा तैयार है। अभी इसकी आधिकारिक घोषणा शेष है, लेकिन इसके अमल को लेकर सरकार को एक बड़ी पूंजी की जरूरत होगी। ऐसे में सरकार इसके लिए एक पैकेज की घोषणा कर सकती है। मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने भी इसे लेकर वित्त मंत्रलय को अपनी राय दी है।
पिछले वर्षो में सरकार का जोर शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने पर दिखा था। ऐसे में माना जा रहा है कि बजट में अब शिक्षा को लेकर जो भी प्रावधान होगा, वह नई शिक्षा नीति को केंद्रित करते हुए ही होगा। स्कूली शिक्षा की तर्ज पर इस बार उच्च शिक्षा के बिखरे ढांचे को भी समेटने की कोशिश हो सकती है। इसमें विश्वविद्यालय, तकनीकी संस्थान, प्रबंधन संस्थान और टीचर एजुकेशन जैसे क्षेत्रों में बंटी पूरी उच्च शिक्षा को एक दायरे में लाया जा सकता है। दो साल पहले प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक जैसे स्कूली शिक्षा को एक साथ जोड़कर समग्र शिक्षा के दायरे में लाया गया था।
सूत्रों के मुताबिक, प्रस्तावित नई शिक्षा नीति के अमल का फिलहाल जो ड्राफ्ट तैयार किया गया है, उसके तहत अगले पांच वर्षो में उसे पूरी तरह से लागू करने की सिफारिश की गई है। ऐसे में इस बदलाव के लिए सरकार को भारी भरकम बजट की भी जरूरत होगी। मौजूदा समय में शिक्षा का जो बजट है, उनमें प्रस्तावित नई शिक्षा नीति की सिफारिशों को लागू करना संभव नहीं है। मौजूदा समय में देश में शिक्षा का कुल बजट करीब 94 हजार करोड़ रुपये है। इनमें स्कूली शिक्षा के लिए करीब 56 हजार करोड़ रुपये और उच्च शिक्षा के लिए करीब 38 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
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