बलिदान और याद

तो वो उनकी प्रोब्लम है मेरी नहीं, मैं फिर कहता हूं किसी ने एक पुत्र बलिदान किया

बलिदान और याद

 
भारत ही नहीं दुनियाभर में गुरु गोविंद सिंह जेसी बलिदान की मिसाल आपकों इस विश्व में नहीं मिलेगी अपने चार पुत्र बलिदान किए संस्कृति की रक्षा के लिए, मुझे नहीं लगता कोई इतना बड़ा बलिदान इसलिए देंगे कि उनकी जय-जय कार हो आने वाली पीढ़ी उनकी जय जय कार करे, लेकिन जो वीरता बलिदान के उपासक हैं, वो बगैर किसी कारण गुरु गोविंद सिंह की जय जयकार करते रहेंगे, किये होगे बलिदान और भी वीर पुरषों ने लेकिन उनके बारे में अधिक जानकारी या लिखा नहीं गया है,
 
फिर भी मेरी नज़र में गुरु गोविंद सिंह जी से बड़ा बलिदान इस दुनिया में किसी ने नहीं किया होगा अपने चार पुत्र, पिताजी और अंत में स्वयं देश संस्कृति के लिए ऐसा बलिदान दुनिया में आज तक देखा नहीं गया, अब मैं हूं सच्चाई का पुजारी जो मेरा हृदय महसूस करता है वहीं बोलता लिखता हूं, न में किसी एक पंथ संप्रदाय धर्म का अंधभक्त हूं, मुझे जहां सच्चाई दिखाई देगी मैं वहीं हो जाऊंगा, लोगों को मेरी बातें कन्फ्यूज कर सकती हैं l
 
तो वो उनकी प्रोब्लम है मेरी नहीं, मैं फिर कहता हूं किसी ने एक पुत्र बलिदान किया किसी ने दो लेकिन पुरा कुनबा  बलिदान, इस दुनिया के इतिहास में किसी ने भी नहीं किया, इसलिए गुरु गोविंद सिंह को सरबंस दानी कहा गया है मतलब सब कुछ कुर्बान बलिदान करने वाला महापुरुष, और अंत में इतना ही कहूंगा कि मैं सिर्फ बलिदान दिवस पर ही महापुरुषों को याद नहीं करता मैं कभी भी किसी भी वक्त उन्हें नमस्कार करता हूं याद करता हूं

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