48 घण्टो की रिमझिम के साथ तेज बारिश से फसले जलमग्न

किसानों के चेहरों पर छाई मायूसी जलमग्न खेत देखकर किसान सदमे में


पिरौना (जालौन)


जिले के ग्रामीण क्षेत्र में मंगलवार रात से हो रही लगातार बारिश ने जहां किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें बढ़ा दी हैं, तो वही दूसरी और झमाझम बारिश से कई गांव व कस्बों जलभराव की स्थिति बन गई। वहीं लगातार बारिश से खरीफ की फसल तिल, बाजरा, मूंग व उर्द आदि की फसल को नुकसान हुआ है। वहीं, धान के किसानों को इस बारिश से लाभ भी हुआ है, लेकिन जिले में सिर्फ 05 प्रतिशत ही किसान धान की फसल को बोते हैं। अधिकांश हिस्सों में अन्य की बुआई होती है,

 जिससे किसान परेशान हैं 48 घण्टो से लगातार हुई रिमझिम बारिश से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। लगभग तेज बारिश ने खरीफ की फसल को बर्बाद कर दिया। काफी समय बाद किसानों को अच्छी खरीफ फसल की उम्मीद थी। इसमें ज्वार, बाजरा, तिल, मूंग की फसल बोई थी, लेकिन बारिश ने फसल नष्ट कर दी। खेतों में लबालब पानी भरा है। वहीं दूसरी तरफ, बारिश से गांव की गलियों में भी जलभराव हो गया, जिससे लोगों का घरों मे पहुंचना मुश्किल हो गया वही गांव के नाला की सफाई न होने से गांव में पलायन की स्थिति आ जाएगी अगर ऐसी ही बारिश होती रही तो गांव मे जलभराव हो जाएगा और घरों में पानी भर जाएगा

पिरौना में बुधवार से रुक रुककर हो रही बारिश ने क्षेत्र के किसानों की नींद उठा दी है। स्थिति यह है कि बारिश से खरीफ की फसल को सड़ने की कगार पर पहुंच गई है। किसानों का कहना है कि ज्यादा बारिश से हाल में हुई तिली की बुआई को सबसे ज्यादा नुकसान है, केवल धान की फसल को ही फायदा है, लेकिन क्षेत्र में धान की फसल नाम मात्र की है, अधिकांश किसान खरीफ की अन्य फसलों की बुआई करते है। क्षेत्र में बुधवार से हो रही तेज बारिश से कई गांवों में खरीफ की फसल वर्षा के पानी से जलमग्न है।

तेज बारिश से सबसे ज्यादा तिल की फसल को नुकसान है तिल का पौधा अधिक पानी से सड़ जाता है। उर्द, ज्वार, बाजरा सभी जलमग्न है, अगर अब और बारिश होती है तो इन फसलों को भी खतरा है। खेतों में अब पानी भर गया, जिससे फसल को नुकसान हो सकता हैं। महंगाई के दौर में खेत की एक बार जुताई व बुआई करना मुश्किल हो जाता हैं। अब बरसात के कारण फसल होने की उम्मीद भी टूटती जा रही हैं।

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