टोक्यो से भी बड़ा कारनामा! भारत ने जीता पहला ब्लाइंड महिला T20 विश्व कप, पीएम मोदी–जय शाह ने की जमकर सराहना
भारत ने इतिहास रचते हुए पहला दृष्टिबाधित महिला टी20 विश्व कप जीत लिया। कोलंबो में खेले गए फाइनल में भारतीय टीम ने नेपाल को 7 विकेट से हराकर यह विरल उपलब्धि अपने नाम की। टीम पूरे टूर्नामेंट में अपराजित रही, जो इस जीत को और भी खास बनाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X पर पोस्ट कर टीम की ऐतिहासिक जीत पर खुशी जताई। उन्होंने लिखा कि:
भारतीय दृष्टिबाधित महिला टीम ने पहला विश्व कप जीतकर अविस्मरणीय कीर्तिमान बनाया
Read More IAS Success Story: लंदन में नौकरी छोड़कर शुरू की UPSC की तैयारी, पहले बनी IPS और फिर बनीं IAS अफसरपूरी श्रृंखला में अपराजित रहना टीम के दृढ़ संकल्प, मेहनत और सामूहिक प्रयास का प्रतीक है
यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगी
पीएम ने प्रत्येक खिलाड़ी को “चैंपियन” बताते हुए टीम के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं।
ICC अध्यक्ष जय शाह बोले: ‘क्षमता की सीमाओं को फिर से परिभाषित किया’
आईसीसी अध्यक्ष जय शाह ने भी भारतीय टीम की इस शानदार उपलब्धि की सराहना की। उन्होंने लिखा कि:
- यह टूर्नामेंट दुनिया भर के दिव्यांग एथलीटों के लिए नई आशा और प्रेरणा है
- भारतीय टीम ने यह साबित कर दिया कि “क्षमता” की परिभाषा सीमित नहीं है
- पहला ब्लाइंड महिला टी20 विश्व कप जीतना एक नई युग की शुरुआत है
- भारत की दमदार गेंदबाजी—नेपाल 114/5 पर सीमित
फाइनल में पहले गेंदबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने:
- बेहतरीन लाइन-लेंथ पर गेंदबाज़ी
- दबाव बनाकर विकेट निकालने की रणनीति
- नेपाल को 20 ओवर में 114/5 पर रोक दिया
भारत की नियंत्रित बॉलिंग ने मैच का रुख शुरुआत से ही अपने पक्ष में कर दिया।
फूला सरेन और करुणा K. ने दिलाई आसान जीत
लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय बल्लेबाज़ों ने बेहद प्रभावशाली प्रदर्शन किया:
फूला सरेन — 44 रन (27 गेंद, 4 चौके)
करुणा K. — 42 रन (27 गेंद)
पहले 10 ओवरों में ही भारत ने 100 रन पूरे कर मैच को एकतरफा बना दिया।
सरेन को उनके दमदार प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।
भारत ने 13वें ओवर में ही लक्ष्य हासिल कर इतिहास रच दिया।
कप्तान दीपिका TC बोलीं: “पूरी टीम ने इतिहास के लिए मेहनत की”
मैच के बाद कप्तान दीपिका TC ने कहा कि:
यह जीत सिर्फ एक खिताब नहीं, बल्कि वर्षों की मेहनत का फल है
पूरी टीम ने हर मैच दिल से खेला और आज भारत के लिए इतिहास लिखा
यह विश्व कप उन सभी दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए समर्पित है जो सपने देखने की हिम्मत रखते हैं

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