साथी की हत्या को लेकर वकीलों का आक्रोश बढ़ा, नारेबाजी कर कामकाज का किया बहिष्कार

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को ज्ञापन भेजवाकर एसआईटी गठन की उठाई आवाज

 साथी की हत्या को लेकर वकीलों का आक्रोश बढ़ा, नारेबाजी कर कामकाज का किया बहिष्कार

लालगंज, प्रतापगढ़। तहसील के वरिष्ठ अधिवक्ता की जघन्य हत्या तथा जानलेवा हमले मे दो अन्य अधिवक्ताओं के घायल होने को लेकर बुधवार को भी वकीलों मे आक्रोश पनपा दिखा। नाराज वकीलो ने संयुक्त अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी महेश व महामंत्री हरिश्चंद्र पाण्डेय की संयुक्त अगुवाई में लालगंज दीवानी परिसर में पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। न्यायिक कामकाज का बहिष्कार कर वकीलों ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को संबोधित ज्ञापन सिविल जज को सौंपा।

लालगंज तहसील के अधिवक्ता एवं सांगीपुर थाना क्षेत्र के बवरिहा पहाड़पुर निवासी रूद्र प्रताप पाण्डेय 71 व हाईकोर्ट के अधिवक्ता एवं प्रदेश भाजपा किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष बालकृष्ण पाण्डेय व अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय समेत चार पर बाइस अक्टूबर की शाम विपक्षियों ने कातिलाना हमला बोल दिया। घटना में सांगीपुर पुलिस ने आधा दर्जन नामजद तथा कुछ अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया। तीन नवंबर की रात गंभीर रूप से घायल अधिवक्ता रूद्र प्रताप पाण्डेय का लखनऊ के एक उच्चस्तरीय सरकारी अस्पताल में निधन हो गया। अधिवक्ता की मौत को लेकर पुलिस ने दर्ज मुकदमें में हत्या की धारा में बढ़ोत्तरी की है।
 साथी की हत्या को लेकर वकीलों का आक्रोश बढ़ा, नारेबाजी कर कामकाज का किया बहिष्कार
बुधवार को अधिवक्ता रूद्र प्रताप हत्याकाण्ड को लेकर सैकड़ो वकील लालगंज दीवानी अदालत परिसर में एकत्रित हुए। नाराज वकीलो ने दीवानी गेट से लेकर परिसर के अंदर विरोध मार्च निकालते हुए पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। संघ के अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी महेश की अध्यक्षता में कार्यकारिणी ने बैठक कर न्यायिक कामकाज के बहिष्कार का प्रस्ताव पारित किया। इससे अदालती कामकाज ठहर गया। आम सभा को संबोधित करते हुए आल इण्डिया रूरल बार एसोसिएसन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञानप्रकाश शुक्ल ने लालगंज सीओ तथा सांगीपुर एसओ पर जमकर निशाना साधा। उन्होने कहा कि सरकार के घोषित पचास हजार के ईनामिया पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।

उन्होने कहा कि लालगंज सीओ खुद एसपी से मिलकर सर्किल छोड़ने का अनुरोध करना चाहिए। वही संघ के अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी महेश ने सांगीपुर एसओ को बर्खास्त करने की वकीलों की ओर से आवाज उठाई। अधिवक्ताओं ने सामूहिक रूप से सिविल जज डा0 के मल्लिकार्जुन से मुलाकात की। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को संबोधित ज्ञापन में सरकार के लिए इस घटना को लेकर एसआईटी गठन के लिए नीतिगत निर्देश की मांग उठाई गयी। वही महामंत्री हरिश्चंद्र पाण्डेय ने कहा कि फरार हत्यारों को पुलिस गिरफ्तार न कर सकी तब वकीलों का आंदोलन तेज होने पर इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। संचालन वरिष्ठ अधिवक्ता राजेशचंद्र तिवारी ने किया।

आम सभा को संघ के पूर्व अध्यक्ष संदीप सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता पवन पाण्डेय एवं रमेश पाण्डेय, उमेश नारायण तिवारी, वीरेन्द्र सिंह, आशुतोष सिंह तथा शहजाद अंसारी ने संबोधित करते हुए प्रशासन पर तीखे आरोप जड़े। इस मौके पर विभूति शुक्ला, आलोक मिश्र, सतेश सिंह, संजय ओझा, शिवकुमार गुप्ता, शैलेन्द्र तिवारी, पवन गौतम, प्रशान्त तिवारी, गया प्रसाद मिश्र, भालचंद्र मिश्र, दीपक तिवारी, विपुल त्रिपाठी, बृजेश तिवारी, संजीव तिवारी, दिनेश सिंह आदि अधिवक्ता रहे।

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