अहमदाबाद प्लेन क्रैश 2025: एक दर्दनाक दोपहर जिसने देश को झकझोर दिया
अहमदाबाद प्लेन क्रैश 2025: एक दर्दनाक दोपहर जिसने देश को झकझोर दिया
स्थान: अहमदाबाद, गुजरात
खबर:अमित राघव
आज की दोपहर भारत के लिए सिर्फ एक और तारीख नहीं रही — यह एक काली दोपहर बन गई, जब आसमान से उड़ान भरता हुआ एक सपना ज़मीन पर आकर बिखर गया। एयर इंडिया की उड़ान AI171, जो अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुई थी, टेक-ऑफ के चंद पलों बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
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हादसे का क्षण
घड़ी में करीब 1:38 बज रहे थे। जैसे ही बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर ने सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरी, अचानक तकनीकी खराबी की आशंका के चलते MAYDAY कॉल दी गई। कुछ ही पलों में विमान अहमदाबाद के मेघानी नगर क्षेत्र में एक बहुमंज़िला डॉक्टर हॉस्टल से टकरा गया।
गवाहों के अनुसार, तेज़ धमाके की आवाज़ के साथ पूरा इलाका काले धुएं और मलबे से भर गया। "हमने चीखें सुनीं, हर तरफ़ आग थी और धुआं ही धुआं था," एक स्थानीय निवासी ने बताया।
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कितने लोग थे विमान में?
कुल लोग: 242
230 यात्री
12 चालक दल
राष्ट्रीयताएं:
169 भारतीय
53 ब्रिटिश
7 पुर्तगाली
1 कनाडाई
हालांकि मृतकों और घायलों की सटीक संख्या की आधिकारिक पुष्टि फिलहाल नहीं हुई है, परन्तु दृश्य बेहद भयावह थे — सड़कें रक्तरंजित थीं, और कई परिवारों के सपनों की चिताएं उसी धुएं के साथ हवा में घुल गईं।
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राहत और बचाव कार्य
हादसे के तुरंत बाद NDRF, दमकल विभाग, एंबुलेंस और पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंच गए। प्रशासन ने आसपास के 2 किलोमीटर के दायरे को सील कर दिया और राहत कार्य तेज़ी से शुरू कर दिए गए। स्थानीय लोग भी मदद के लिए आगे आए — किसी ने घायल यात्रियों को अस्पताल पहुँचाया, किसी ने पानी और प्राथमिक चिकित्सा दी।
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देशभर से प्रतिक्रियाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे “दिल दहला देने वाला हादसा” कहा और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
UK के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भी दुःख जताया और ब्रिटिश नागरिकों के प्रति चिंता ज़ाहिर की।
Air India के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन ने घोषणा की कि पीड़ितों और उनके परिवारों को हरसंभव सहायता दी जाएगी।
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अब आगे क्या?
DGCA (Directorate General of Civil Aviation) और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने जांच शुरू कर दी है। बोइंग कंपनी भी इस जांच में सहयोग कर रही है।
प्राथमिक संकेत एक इंजन फेलियर या इलेक्ट्रिकल फॉल्ट की ओर इशारा कर रहे हैं, लेकिन अंतिम निष्कर्ष आने में कुछ समय लगेगा।
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यह सिर्फ हादसा नहीं था…
यह उन 242 लोगों की उम्मीदों का अंत था जो या तो अपनों से मिलने जा रहे थे, या नई ज़िंदगी शुरू करने की आस में सफ़र पर निकले थे। एक मां का बेटा, एक दादी की पोती, एक प्रेमी की साथी — सब एक झटके में खो गए।
यह घटना हमें याद दिलाती है कि तकनीक और तरक्की के इस युग में भी ज़िंदगी कितनी नाज़ुक है।
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हम क्या कर सकते हैं?
1. सोशल मीडिया पर अफवाह न फैलाएं।
2. सही जानकारी साझा करें।
3. ज़रूरतमंद परिवारों की मदद करें — चाहे आर्थिक रूप से, या भावनात्मक रूप से।
4. उन मृतकों के लिए दो मिनट का मौन रखें, जिन्होंने इस हादसे में जान गंवाई।

उन सभी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि जो इस दुखद हादसे का शिकार हुए।

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