उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद भी उत्तर प्रदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग लाहपरवाह
M/S POCT SERVICES LUCKNOW, DIRECTOR SAURABH GARG, ABHAY AGARWAL के द्वारा घटिया जीवन रक्षक वॉयल सप्लाई करने पर तकरीबन 12500 वॉयल सीज़ करने के कारन विभागीय मंत्री नाराज़ थे और मौका मिलने पर डॉ ज्ञानेंद्र के विरुद्ध कार्यवाही कर दी गयी है,
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग के राजकीय मेडिकल कॉलेज की बुरी स्तिथि , पूर्णकालिक प्रधानचार्य ही नहीं है अधिकांश राजकीय मेडिकल कॉलेजों में लोक सेवा आयोग से चयनित प्रधानाचार्य नहीं है और अधिकांश राजकीय मेडिकल कॉलेजों कार्यवाहक प्रधानाचार्य के भरोसे चल रहे है किसी कार्यवाहक प्रधानाचार्य के पास दो, किसी कार्यवाहक प्रधानाचार्य के पास तीन मेडिकल कॉलेजों को चलाने का जिम्मा सौप रखा गया है,
चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग उत्तर प्रदेश महानिदेशालय सूत्रों के मुताबिक कार्यवाहक प्रधानाचार्य के रूप में कार्यरत डॉ आर्य देश दीपक जोकि आचार्य पद के लिए अयोग्य थे उनको प्रतापगढ़ राजकीय मेडिकल कॉलेज, हरदोई राजकीय मेडिकल कॉलेज, और लखीमपुर खीरी मेडिकल कॉलेज के कार्यवाहक प्रधानाचार्य का कार्य लिया जा रहा है,
इसी प्रकार सेअनुबंध के द्वारा सेवा देने वाले डॉ सलिल श्रीवास्तव भी लगातार कार्यवाहक प्रधानाचार्य बने हुए है पहले सिद्धार्थनगर राजकीय मेडिकल कॉलेज और अब सुल्तानपुर राजकीय मेडिकल कॉलेज ,
उत्तर प्रदेश का चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग अपने भ्र्ष्टाचार एवं अनिमित्ताओं के लिए कुख्यात हो चूका है , योग्य डॉक्टर मेडिकल कॉलेजों से इस्तीफा दे रहे है, जिनके पीछे राजनितिक दवाब और विभागीय भ्र्ष्टाचार है , पीएमएस एसोसिएशन के पदाधिकारी डॉ आर के सैनी द्वारा इस प्रकार कीशिकायतराष्ट्रिय मेडिकल कौंसिल में दर्ज़ कराई गयी है
हाल ही में लखीमपुर खीरी राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ शैलेश कुमार गोयल का इस्तीफ़ा, अयोध्या राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉक्टर ज्ञानेंद्र का लम्बी छुट्टी पर चले जाना, उनपर लगाए गए आरोपों के कारन, अयोध्या मेडिकल कॉलेज के सूत्रों के मुताबिक अयोध्या मेडिकल कॉलेज में पैथलॉजी चलाने वाली कंपनी M/S POCT SERVICES LUCKNOW, DIRECTOR SAURABH GARG, ABHAY AGARWAL के द्वारा घटिया जीवन रक्षक वॉयल सप्लाई करने पर तकरीबन 12500 वॉयल सीज़ करने के कारन विभागीय मंत्री नाराज़ थे और मौका मिलने पर डॉ ज्ञानेंद्र के विरुद्ध कार्यवाही कर दी गयी है,
देश का सबसे बड़ा प्रदेश जो राजनितिक एवं आर्थिक तथा सामाजिक महत्त्व से अति महत्वपूर्ण है उस प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं शातिर दलालों के भ्र्ष्टाचार के कारन लचर और दयनीय स्थिति में है l हालाँकि तेज तर्रार आईएएस अधिकारी किंजल सिंह को उत्तर प्रदेश चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग का महानिदेशक बनाया गए है, परन्तु जब तक इस विभाग के शातिर दलालों और भ्र्ष्ट अधिकारीयों पर सख्त कार्यवाही नहीं होगी तब तक यह विभाग जीवन रक्षक की जगह जीवन भक्षक ही बना रहेगा, भ्र्ष्टाचार लास्ट स्टेज कैंसर की तरह इस विभाग में फ़ैल गया है ,
जहा बाबू और चपरासी लूट लूट कर अरबपति बने हुए है, महानिदेशक किंजल सिंह को चाहिए है की सबसे पहले महानिदेशालय स्तर से कठोर कार्यवाही करते हुए फ़र्ज़ी दस्तावेज लगाकर टेंडर हथियाने वाली शातिर दलालों की कंपनियों को ब्लैकलिस्टेड करें और उन शातिर दलालों से सम्बन्ध और उनका संरक्षण करने वाले अधिकारीयों एवं कर्मचारियों पर कड़ी कार्यवाही करें, क्युकी विभाग का सफाई अभियान जरूरी है, तभी स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त होंगी और जनता को उनका लाभ मिलगा I
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