स्वतंत्र प्रभात
अम्बेडकर नगर।बेसहारा पशुओं के लिए गांवों में बनाए गए गो आश्रय केन्द्र में ग्राम पंचायतों में लगे सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी गौशाला में लगाने के मामले में पड़ताल शुरू हो चुकी है। जनपद अम्बेडकर नगर के ग्राम पंचायतों में समुचित साफ सफाई के लिए 2009 मे प्रत्येक राजस्व ग्राम में ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की भर्ती की गई।शासन ने इन कर्मचारियों को सार्वजनिक स्थानों, नाली, स्कूल, पंचायत भवन, मंदिर, मस्जिद इत्यादि की साफ सफाई का जिम्मा सौंपा।परन्तु धीरे धीरे इन कर्मचारियों को शासनादेश के बिपरीत ग्राम पंचायत से हटाकर बिभिन्न कार्यालयों में सम्बद्ध किया गया।
जिससे ग्राम पंचायतों में सफाई व्यवस्था प्रभावित होने लगी इसके बाद सफाई कर्मचारियों को उनके मूल कार्य से बंचित कर गौशालाओं में लगा दिया गया।उ०प्र०पंचायती राज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ अम्बेडकर नगर के जिलाध्यक्ष शिवकुमार मौर्य ने बताया कि जनपद में बने बिभिन्न गौशालाओं एवं कार्यालयों में सम्बद्ध सभी सफाई कर्मचारियों को मुक्त करने के लिए कई बार जिला पंचायत राज अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी एवं जिलाधिकारी को पत्राचार किया गया परन्तु समस्या का समाधान नहीं हो सका।यह समस्या सिर्फ जनपद अम्बेडकर नगर में ही नहीं है ऐसे कई जनपद है जहां सफाई कर्मचारियों से शासनादेश के बिपरीत गौशाला में कार्य लिया जा रहा है।
मांग के बावजूद कई जनपदों में सफाई कर्मचारियों को गौशाला से मुक्त नहीं किया जा सका। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सहित निदेशक पंचायती राज उ०प्र०शासन,अपर निदेशक पंचायती राज प्रशासन को लिखित पत्राचार कर समस्याओं से अवगत कराया गया।ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ अम्बेडकरनगर के जिलाध्यक्ष शिवकुमार मौर्य के साथ साथ प्रदेश अध्यक्ष क्रांति सिंह ने अपर निदेशक प्रशासन से जनपद अम्बेडकर नगर समेत अन्य जिलों में सफाई कर्मचारियों को गौशाला से मुक्त कराने की मांग की थी।
अपर निदेशक प्रशासन राजकुमार ने जनपद अम्बेडकर नगर ,गोण्डा, आगरा, बाराबंकी, जौनपुर, फतेहपुर अमरोहा, गाजीपुर, औरैया, चित्रकूट तथा मऊ के डी पी आर ओ से शासनादेश के विपरीत गौशाला में कार्य लिए जाने के संबंध में रिपोर्ट तलब की है।