रबी की बुआई के बाद सिंचाई की दरकार, नहरों की नहीं हुई सिल्ट सफाई

बजहा, मरथी, मझौली, सिसवा, शिवपति सागर से निकली 225  किलोमीटर लंबी  नहरें सिल्ट और घास की झाड़ियां से भरे हुए हैं 

रबी की बुआई के बाद सिंचाई की दरकार, नहरों की नहीं हुई सिल्ट सफाई

सिद्धार्थनगर। रबी की फसल गेहूं की बुआई के लिए किसान रात दिन एक कर बुआई कर चुके हैं। किसान अब सिंचाई के लिए नहरों का इंतजार कर रहे है। मगर सिंचाई विभाग की लापरवाही किसानों के अरमानों पर पानी फेरने का काम कर रही है। अधिकांश नहरों की विभाग ने सिल्ट सफाई नहीं कराई जिससे किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। पिछले दो माह से खाद के लिए परेशान किसानों ने रबी की बुआई कर दी है। पहले बुआई करने वाले किसानों के खेतों में फसल उग आई है। जिससे अब किसान सिंचाई के लिए नहरों के संचालन के इंतजार में है।
 
 जिन किसानों के पास सिंचाई के लिए बोर की व्यवस्था है वह बोर से सिंचाई कर रहे है मगर अधिकांश किसान नहरों पर ही आश्रित है। मगर इन किसानों को सिंचाई के लिए परेशानी होगी। बजहा, मरथी मझौली, सिसवा, शिवपति आदि सागरों से निकली  225 किलोमीटर लंबी नहरों सैकड़ों गांवों की सिंचाई होती है।
 
मगर उक्त  सागरों से निकली नहर में सिल्ट जमा है। नोनहवा में नहर को लोगों ने कूड़ा डालकर पाट दिया है जिससे अब किसानों को परेशानी होगी। उक्त सागरों से निकली नहरों की भी दशा खराब है। सिंचाई विभाग के द्वारा नहरों की सिल्ट सफाई के नाम पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। क्षेत्र के किसानों का कहना  है कि नहरों की सिल्ट सफाई का विभाग ध्यान नहीं दे रहा है। पूर्व में खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए गूल व्यवस्था लगभग समाप्त हो गई है। प्राचीन नहरों और गूल पर जगह-जगह लोगों ने कब्जा कर लिए है।उक्त सागरों से निकली नहरें सिल्ट सफाई  नहीं हो पाई है। विभाग बजट न होने की बात कहकर किसानों से जुड़े मामले को नजरअंदाज कर रहा है।
 
क्या कहते हैं अधिकारी 
इस संबन्ध में अधिशासी अभियंता कृपा शंकर भारती का कहना है कि नहरों के सिल्ट सफाई कराने के लिए टेंडर भी निकाले गए थे लेकिन धन उपलब्ध होने के कारण कार्य नहीं कराया जा सका। लेकिन धन उपलब्ध होते ही सिल्ट सफाई का कार्य शुरू करा दिया जाएगा।

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