सफाई का नसीहत देने वाला ब्लाक परिसर ही झाड़ झंखाड़ में तब्दील

महराजगंज। नौतनवां रतनपुर स्थित ब्लाक कार्यालय दूसरों को साफ सफाई करने का नसिहत देता है, लेकिन वहीं अगर ब्लाक कार्यालय की बात करें तो ब्लाक कार्यालय पूरी तरह से झाड़ झंखाड़ में तब्दील है जिसपर किसी भी जिम्मेदार अधिकारी की नजर नहीं पहुंच रही है। इतना ही नहीं विडियो कार्यालय के पीछे स्थित सभागार कक्ष

महराजगंज। नौतनवां रतनपुर स्थित ब्लाक कार्यालय दूसरों को साफ सफाई करने का नसिहत देता है, लेकिन वहीं अगर ब्लाक कार्यालय की बात करें तो ब्लाक कार्यालय पूरी तरह से झाड़ झंखाड़ में तब्दील है जिसपर किसी भी जिम्मेदार अधिकारी की नजर नहीं पहुंच रही है।

इतना ही नहीं विडियो कार्यालय के पीछे स्थित सभागार कक्ष परिसर नशेड़ियों का अड्डा बना हुआ है जहां करीब सैकड़ों शराब की बोतलें पड़ी हुई है इससे स्पष्ट होता है कि ब्लाक कार्यालय नशेड़ियों का अड्डा बनता जा रहा है।
बताते चलें कि नौतनवां रतनपुर ब्लाक परिसर में झाड़ झंखाड़ का अंबार लगा हुआ है, जिससे दिन में ही मच्छर लोगों के ऊपर हमला करते रहते है, देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे ब्लॉक परिसर की कभी सफाई ही नहीं होती है।

जबकि ब्लॉक प्रशासन के देखरेख में हर दिन सफाई के लिए कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है, और उनका प्रमुख कार्य सफाई का ही है। परंतु यहां ब्लॉक के उच्चाधिकारियों के सांठगांठ से सफाईकर्मी सफाई नहीं बल्कि कम्प्यूटर चला रहे है, क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि ब्लॉक के अधिकारी सफाईकर्मियों के हाथों में झाड़ू की जगह कम्प्यूटर थमा दिए हैं, तो कचरा कौन साफ करेगा।

वहीं केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर से गांवों तक सफाई व स्वच्छता के निर्देश जारी किए जा रहे हैं, लेकिन यहां अधिकारी और कर्मचारी सरकार के आंखों में धूल झोकते हुए अपनी मनमानी करने पर आमदा हैं सफाई कागजों में हो रही है। सोचने की बात है कि जब ब्लॉक परिसर ही सफाई से नहरुम है, तो फिर ब्लॉक क्षेत्र के गांवों की स्थिति कैसी होगी स्मरणीय है।

ऐसे में लाजमी है कि जब ब्लाक कार्यालय ही झाड़ झंखाड़ तथा गंदगी के अंबार से भरा हुआ है तो ब्लाक के अधिकारी ग्राम पंचायत को साफ सुथरा रखने के लिए कैसे आदेशित कर पाते होंगे यह एक यक्ष प्रश्न है।

ब्लाक कार्यालय मूलभूत सुविधाओं से नदारद

वहीं नौतनवां ब्लाक परिसर पूरी तरह से मूलभूत सुविधाओं से वंचित है, जहां एक शौचालय मे हर वक्त ताला लटका रहता है और बाकी निर्माणाधीन है, जिसके कारण ब्लाक परिसर में आए लोग खुले में शौच करने को विवश हैं, और ब्लाक के जिम्मेदार अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं।

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