भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ द्वारा विचार संगोष्ठी व सम्मान समारोह का आयोजन

अवसरों के साथ चुनौतियों का भी दौर है आधुनिक पत्रकारिता

भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ द्वारा विचार संगोष्ठी व सम्मान समारोह का आयोजन

पत्रकारिता दिवस पर संगोष्ठी में वक्ताओं ने पत्रकारों की भूमिका पर रखे विचार

अजित सिंह ( ब्यूरो रिपोर्ट) 

ओबरा/सोनभद्र-

पत्रकारिता दिवस के उपलक्ष्य में मंगलवार की शाम को ओबरा में भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के तत्वावधान में एक महत्वपूर्ण विचार संगोष्ठी और सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर आज के दौर में पत्रकारों की भूमिका और जिम्मेदारी विषय पर गहन मंथन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार राहुल श्रीवास्तव ने किया, जबकि संचालन की जिम्मेदारी पत्रकार संजय यादव ने संभाली।

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संगोष्ठी में ओबरा नगर पंचायत अध्यक्षा चांदनी देवी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। विशिष्ट अतिथियों में अधिशासी अधिकारी मधुसूदन जयसवाल, सीओ ओबरा हर्ष पाण्डेय, थाना प्रभारी राजेश कुमार सिंह, कस्बा चौकी प्रभारी विष्णु प्रभा सिंह, समाजसेवी देव प्रकाश मौर्या और एसपी तनेजा शामिल थे।कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ पत्रकार नरेंद्र नीरव, सुनील तिवारी, मनोज चौबे, भोला दूबे और राजवंश चौबे ने बारी-बारी से अपने विचार रखे।

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वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि आधुनिक पत्रकारिता ने जहाँ संवाद को तेज, सुलभ और वैश्विक बनाया है, वहीं इसके साथ कई खतरे और जिम्मेदारियाँ भी जुड़ गई हैं।नरेंद्र नीरव ने कहा कि डिजिटल युग में खबरों की गति तेज हुई है, लेकिन उनकी सत्यता और विश्वसनीयता की कसौटी और कठोर हो गई है।सुनील तिवारी ने पत्रकारों की आर्थिक और सामाजिक असुरक्षा को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की।

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मनोज चौबे ने कहा कि पत्रकारों को आज सिर्फ सवाल पूछने की नहीं, बल्कि समाज को सही दिशा देने की भूमिका भी निभानी चाहिए।संगोष्ठी में आधुनिक पत्रकारिता के लाभ और हानि पर विशेष चर्चा हुई। वक्ताओं ने माना कि सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म ने जहां अभिव्यक्ति की आज़ादी को विस्तार दिया है, वहीं फेक न्यूज़ (झूठी खबरें), पक्षपात और कॉर्पोरेट नियंत्रण से पत्रकारिता की साख को बड़ी चुनौती भी मिली है।

मुख्य अतिथि श्रीमती चांदनी ने पत्रकारों को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बताया और उनकी स्वतंत्रता को लोकतंत्र की मजबूती के लिए आवश्यक करार दिया। सीओ हर्ष पांडेय और ईओ मधुसूदन जायसवाल ने समाज के हित में सकारात्मक पत्रकारिता के महत्व को रेखांकित किया। कार्यक्रम के अंत में, कार्यक्रम अध्यक्ष राहुल श्रीवास्तव ने निष्कर्ष रूप में कहा कि पत्रकारों को न केवल सूचना देना है, बल्कि उसकी प्रामाणिकता और समाज पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

वरिष्ठ पत्रकार सतीश भटिया, भोला दूबे, सुरेंद्र सिंह, आलोक गुप्ता और महासंघ के जिलाध्यक्ष महेश पाण्डेय ने कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित कर आभार प्रकट किया।इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार पीडी राय, शमशाद आलम, राम प्यारे सिंह, मनमोहन शुक्ला, सौरभ गोस्वामी, उत्तम सिंह, जीतेन्द्र गुप्ता,

राकेश अग्रहरी, नीरज भटिया, हरिओम विश्वकर्मा, अभिषेक पाण्डेय, प्रशांत सिंह, सतेंद्र सिंह, सैयद आरिफ, अमरदीप सिंह, मनोज तिवारी, राज किशोर गुप्ता, अरविन्द कुशवाहा, पार्वती पाण्डेय, महेश अग्रहरी, किरन गोंड, मुस्ताक अहमद, अजीत कुमार सिंह, राजू चौधरी, कृपा शंकर पाण्डेय, जगदीश तिवारी, नीरज पाठक, संतोष साहनी, विकास कुमार, सद्दाम कुरैशी सहित ओबरा और चोपन के अनेक पत्रकार उपस्थित रहे। यह आयोजन पत्रकारों की भूमिका और चुनौतियों पर विचार-विमर्श का एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ।

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