नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ की एफआईआर दर्ज नहीं।
On
प्रयागराज। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ की घटना को एक महीन हो चुका है, लेकिन अभी तक इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। बताया जा रहा है कि पुलिस रेलवे की तरफ मामले में गठित जांच टीम ने जांच पूरी नहीं की है। जांच रिपोर्ट के आधार पर रेलवे पुलिस घटना के संबंध में आगे जांच बढ़ाएगी।
वहीं दूसरी तरफ से भगदड़ की घटना के बाद रेलवे के पांच अधिकारियों को उनके पद से हटा दिया गया है। घटना के बाद रेल प्रशासन ने 4 मार्च को चार अलग-अलग आदेश जारी कर पांच अधिकारियों को उनके पद से हटाया दिया गया।हटाए गए अधिकारियों में स्टेशन डायरेक्टर महेश यादव, डिवीजनल कॉमर्शियल मैनेजर (सीनियर डीसीएम) आनंद मोहन, डिवीजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) सुखविंदर सिंह, एडिशनल डिवीजनल रेलवे मैनेजर (एडीआरएम) विक्रम सिंह राणा और रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के असिस्टेंट सिक्योरिटी कमिश्नर महेश चंद सैनी शामिल है।
इनमें से दो अधिकारियों को फिर से अलग-अलग जगह तैनात किया गया है। रेलवे सूत्रों ने बताया कि जिन अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही से हादसा हुआ है उनकी जवाबदेही तय करने के लिए उच्च स्तरीय जांच चल रही है। बताया जा रहा है कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को महज तबादले से नहीं छोड़ा जाएगा। उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी।
15 फरवरी की शाम को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म 14-15 पर भगदड़ हुई थी। यात्रियों की भारी संख्या महाकुंभ मेले में भाग लेने के लिए प्रयागराज जाने वाली ट्रेन पकड़ने कोशिश कर रहे थे। इसमें 18 लोगों की मौत हो गई थी और एक दर्जन से अधिक यात्री घायल हुई थे।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ से हुई मौत की घटना पहली बार नहीं हुई थी। इससे पहले भी दो बार भगदड़ हुई, जिसमें सात लोगों की मौत और 16 लोग घायल हुए थे। लेकिन खास बात यह है कि इन दोनों घटनाओं में पुलिस जांच आगे नहीं बढ़ी बल्कि रेलवे पुलिस ने मामलों की अनट्रेस रिपोर्ट दाखिल कर जांच को हमेशा के लिए बंद कर दिया।
13 नवंबर 2004 को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लैटफॉर्म संख्या 2-3 पर भगदड़ हुई थी। छठ पर्व के लिए प्लैटफॉर्म पर यात्रियों की भीड़ बढ़ रही थी। इसी दौरान धक्का लगने की वजह से भगदड़ मच गई। इस हादसे में 5 महिलाओं की मौत हो गई थी, जबकि 10 लोग घायल हो गए थे। पुलिस ने एक बुजुर्ग की शिकायत पर लापरवाही से मौत की धारा में मुकदमा दर्ज किया था। इसके दो साल बाद एक मार्च को जांच अधिकारी ने कोर्ट में अनट्रेस रिपोर्ट दाखिल कर दी।
यहां तक कि रेलवे को अपनी जांच में भी जिम्मेदार का पता नहीं चल पाया। दूसरी घटना 2010 को हुई। रेलवे स्टेशन के प्लैटफॉर्म संख्या 12-13 पर भगदड़ में दो यात्रियों की मौत हुई और छह लोग घायल हुए थे। प्लैटफॉर्म पर बिहार जाने वाली विक्रमशिला एक्सप्रेस के यात्री जमा हो रहे थे। इसी दौरान ट्रेन के प्लैटफॉर्म बदलने की सूचना प्रसारित हुई और भगदड़ मच गई। इस मामले में भी दो साल बाद अनट्रेस रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की गई।
स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।
About The Author
Related Posts
Post Comment
आपका शहर
24 Apr 2025 17:38:03
कानपुर। यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ ने आज जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में कायरतापूर्ण आतंकी हमले में 25 अन्य लोगों...
अंतर्राष्ट्रीय
22 Apr 2025 14:18:30
ईसाइयों के जगतगुरु पोप फ्रांसिस के सम्मान में भारत का राष्ट्रिय ध्वज 3 दिन के लिए झुका देखकर मैं भ्रम...
Online Channel
खबरें
राज्य

Comment List