सशक्त महिलाओं का बढ़ता कदम, बन रहा बदलाव की मिसाल -स्वाति गौड़  

सशक्त महिलाओं का बढ़ता कदम, बन रहा बदलाव की मिसाल -स्वाति गौड़  

कुमारगंज [अयोध्या]। आशा भगवान बक्श सिंह महाविद्यालय में शनिवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में महिला सशक्तिकरण के विषय पर  परिचर्चा एवं विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में महराजगंज थाने की महिला उपनिरीक्षक स्वाति गौड़  एवं वैशाली अग्रवाल ने शिरकत की। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ की गई और इसके बाद महिला सशक्तिकरण को लेकर कई प्रस्तुतियां दी गई। महाविद्यालय की डॉ. गीता आर्य ने आए हुए अतिथियों को पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। 
 
प्राचार्य डॉ. नीलमणि सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। हमें प्रेरणा लेनी चाहिए कि बदलते परिवेश में महिलाओं ने पूरे विश्व में उन्नति व कामयाबी की एक नई मिसाल कायम की है।अगर महिलाएं सशक्त होगी तो समाज और ज्यादा सशक्त होगा और राष्ट्र भी उन्नति करेगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं का सम्मान हमेशा हमारे लिए सर्वोपरि होना चाहिए। 
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 परिचर्चा में महिला उप निरीक्षक स्वाति गौड़ ने अलग-अलग स्तरों पर स्त्रियों के साथ होने वाले शोषण और विभिन्न क्षेत्रों में असमान प्रतिनिधित्व पर तथ्यों को प्रस्तुत करते हुए बताया कि स्त्री सशक्तीकरण राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक संसाधनों तक महिलाओं की पहुंच संभव करता है। उन्होंने आर्थिक क्षेत्र में असमान वेतन दर और इस असमानता को कम करने के तरीकों पर भी विस्तार से चर्चा की।
 
कार्य क्षेत्र में असमानता और शारीरिक शोषण जैसे संजीदा मुद्दों पर बोलते हुए उन्होंने जोर दिया कि लैंगिक भेद को कम करने में केवल स्त्रियों की नहीं अपितु पूरे समाज की समान भूमिका होती है। उन्होंने छेड़खानी की घटना होने पर क्या करें और यदि उनके साथ किसी तरह का अपराध होता है तो निडर होकर पुलिस तक कैसे पहुंचे इस बात पर भी विस्तृत चर्चा की।
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महाविद्यालय की महिला प्रकोष्ठ इंचार्ज एवं विभागाध्यक्ष (विज्ञान) डॉ. नेहा श्रीवास्तव ने अपने वक्तव्य में कहा कि महिलाओं के विकास में सरकार अहम भूमिका निभा रही है और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाएं इसकी परिचायक हैं। शिक्षा, व्यापार और राजनीतिक क्षेत्र में महिलाएं आज अहम भूमिका निभा रही हैं। आज समाज और देश के विकास में महिलाओं का अहम योगदान है। महिलाओं का आत्मनिर्भर होना बहुत जरूरी है, क्योंकि आत्मनिर्भरता से आत्मविश्वास आता है और आत्मविश्वास से जीवन संवरता है।
 
 वैशाली अग्रवाल ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के महत्व पर अपने विचार साझा करते महिला सुरक्षा के प्रति सभी को प्रेरित किया। उन्होंने वित्तीय साक्षरता के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने की आवश्यकता को रेखांकित किया और इसके लिए उपयुक्त कदम उठाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
 
वाचन प्रतियोगिता में देवांसी ने प्रथम स्थान हासिल किया। साथ ही पोस्टर  प्रतियोगिता में  कनिका ने प्रथम, आकांक्षा ने द्वितीय, मानसी ने तृतीय स्थान, मेंहदी में खुशी गौड़ ,रंगोली में रोशनी, स्लोगन में रानी मोदनवाल तथा निबंध प्रतियोगिता में रितिका सफल प्रतिभागी रहीं और उन सभी को मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित किया गया। 
 
अंत में कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए डॉ. गोपाल नंदन श्रीवास्तव (समन्वयक राजर्षि टण्डन विश्वविद्यालय) ने धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि महिला दिवस का आयोजन सशक्तीकरण को प्रतिबिंबित करता है  साथ ही महाविद्यालय की महिला प्रकोष्ठ और छात्राओं को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राध्यापक शिवानी पांडे, नित्या सिंह, दीपमाला, निरुपमा श्रीवास्तव, प्रीती सिंह और विभिन्न संकाय की छात्राएँ मौजूद रहीं।

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