अवैध विदेशियों के मामलों में भारत को अमेरिका से सीख लेनी चाहिए
On
भारत, एक विशाल और विविधतापूर्ण देश है। भौगोलिक संरचना की दृष्टि से इसका एक बहुत बड़ा भूभाग स्मार्ट फैंसिंग रहित है, विशाल खुला समुद्री क्षेत्र है तथा कुछ स्थानों पर नदी के खुले किनारे हैं। ये वो स्थान है जो अवैध रूप से भारत में घुसने वाले विदेशियों को अवसर प्रदान करते हैं। भारत की संस्कृति ही कुछ ऐसी है कि काम में रूचि रखने वाले गरीबों के लिए अर्थ उपार्जन के अवसर अन्य देशों की तुलना में यहां सहज रूप से मिल ही जाते हैं । क्योंकि भारतीय न सिर्फ सहिष्णु होते हैं अपितु उनमें गरीबों के प्रति सहायता, दया एवं करूणा कूट- कूट कर भरी हुई रहती है।
भारत में शायद इसीलिए जगह-जगह पर आरामगाह/रात्रि विश्राम कक्ष,अन्नपूर्णा क्षेत्र,आश्रम खुले हुए हैं जहां बहुत कम टोकन राशि पर या निशुल्क भोजन और आवास की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है वो भी जाति, धर्म, भाषा, लिंग के भेदभाव बिना। दान-पुण्य में विश्वास रखने वाले भारतीयों का एक वर्ग इन स्थानों के लिए खुले मन से सेवा और आर्थिक मदद करता है। किन्तु इसे भारत का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि सरकारों के चाहने के बाबजूद भी भारत से भ्रष्टाचार खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। भ्रष्टाचारी कोई न कोई रास्ता भ्रष्टाचार के लिए इजात कर ही लेते हैं।
इसी बुराई के कारण घुसपैठियों का अवैध रूप से न सिर्फ भारत मे घुसना आसान हो जाता है अपितु भारत में रहने के लिए आवश्यक दस्तावेज (आधार कार्ड, वोटर आई कार्ड, राशन कार्ड आदि) बनाना भी कोई मुश्किल काम नहीं होता है।कई विदेशियों को समय-समय पर इन नकली दस्तावेजों के साथ पकड़ा भी गया है।भारतीयों का इस तरह का व्यवहार ही दुनिया भर के घुसपैठियों को भारत में अवैध रूप से घुसने के लिए आकर्षित करता है। भारत में अवैध रूप से कितने विदेशी लोग रह रहे हैं, इसका सही- सही आंकड़ा कोई नहीं जानता।
किन्तु अनुमान लगाया जा रहा है कि इनकी संख्या लाखों में है।इन अवैध रूप से रह रहे विदेशीयों में एक वर्ग ऐसा भी है जो भारत में मौका मिलते ही आतंक वादी गतिविधियों को अंजाम देता हैं या नारकोटिक्स ड्रग तथा हथियार आदि की तस्करी जैसे गैर कानूनी धंधे में संलग्न रहता है, नकली करेंसी प्रिंट कर चलन में लाता है तथा खुफिया रुप से भारत की सैन्य गतिविधियों की जानकारी भारत के दुश्मनों तक पहुंचाता है। ऐसी भी शंका व्यक्त की जा रही है कि इन्होंने मतदाता तथा आधारकार्ड जैसे पहचान पत्र ग़लत तरीके से प्राप्त कर लिये है जिसकी मदद से चुनाव परिणाम को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वोटर कार्ड की शक्ति इन्हें राजनीतिक पार्टियों की शरण प्राप्त करने में मदद करती है। हाल ही में सिने स्टार सैफ अली खान के साथ घटी चाकू बाजी की घटना के बाद अब तो अपराधिक गतिविधियों में भी इनका हाथ प्रमाणिक रूप से सामने आने लगा है।
इस तथ्य से भी शायद ही कोई इंकार करे कि अवैध रूप से विदेशियों का भारत में रहना सिर्फ देश की सुरक्षा के लिहाज से खतरा मात्र नहीं है, अपितु आर्थिक, सामाजिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से भी भारत के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं क्योंकि ये अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिक न सिर्फ भारत के नागरिकों का हक मारते हैं, अपितु देश के संसाधनों पर अनावश्यक दबाव डालते हैं, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, रोजगार के अवसर, और सब्सिडी वाली सुविधाएं आदि।
भारत में रह रहे अवैध विदेशी नागरिकों में मुख्य रूप से बांग्लादेश, म्यांमार, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नेपाल, श्रीलंका और कुछ अफ्रीकी आदि देशों के लोग का शामिल होना सामने आया है। ऐसा देखा गया है कि इनमें से कई लोग वैध वीजा पर भारत आते हैं, लेकिन वीजा की अवधि समाप्त होने पर अपने देश वापिस जाने की वजह भारत में ही रुक जाते हैं। वहीं कुछ लोग बिना किसी वैध दस्तावेज के खुली सीमाओं के जरिए अवैध रूप से घुसपैठ कर भारत में प्रवेश करते हैं तथा विभिन्न असंवैधानिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं।
भारत में घुसपैठियों की समस्या पूर्वोत्तर सीमावर्ती राज्यों के साथ पश्चिम बंगाल, असम, दिल्ली, मुंबई, और केरल जैसे बड़े महानगरों में ज्यादा गंभीर है , किन्तु ऐसा नहीं है कि इन्होंने अन्य राज्यों में अपना ठिकाना न बनाया हो।हर राज्यों में ये अपने मददगार खोज ही लेते हैं।एनआरसी के तहत अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों की पहचान कुछ राज्यों में आरंभ भी हुई है, किन्तु कुछ राजनीतिक कारणों के चलते पूरे देश में 'अवैध विदेशी खोजों अभियान' प्राथमिकता के आधार पर आरंभ नहीं हो सका है। मेरी दृष्टि में यह स्थिति देश के लिए अच्छी नहीं है क्योंकि इनकी उपस्थिति भारत की आंतरिक सुरक्षा की दृष्टि से जायज़ नहीं ठहराईं जा सकती।
हम सब इस घटना से वाकिफ ही है कि भारत के प्रधानमंत्री के अमेरिकी राष्ट्रपति से अच्छे संबंध हैं, दोनों देशों के मध्य भी संबंध अच्छे ही है फिर भी अमेरिका ने अपने देश और देशवासियों के हितों को प्राथमिकता देते हुए भारत के नागरिक जो अमेरिका में गैरकानूनी तरीके से रह रहे थे एक अपराधी की तरह वापिस कर दिया। निश्चित रूप से इन भारतीयों ने गैरकानूनी रास्ता अपना कर भारत की छवि को नुक्सान पहुंचाया है। अतः भारत को भी अमेरिका की तरह अपने देश में अवैध रूप से रह रहे विदेशियों को चुन-चुनकर बाहर निकालने की कार्रवाई सुनिश्चित करना चाहिए।
तथा राष्ट्र हित मे पार्टी पोलिटिक्स से उपर उठकर सभी राजनीतिक दलों को सरकार के इस अभियान में सहयोग देना चाहिए। मैं तो उस दिन का इंतजार कर रहा हूं जब विपक्षी पार्टियां सरकार पर विदेशी घुसपैठियों को देश से बाहर निकालने के लिए दबाव डालें। घुसपैठ रोकने के लिए यदि भारत को लगता है उसके कानून पर्याप्त नहीं हैं तो उसमें आवश्यक सुधार किये जाना चाहिए , साथ ही यदि सीमाओं को और अभेद्य बनाये जाने की जरूरत है,तो अविलंब इस पर काम शुरू होना चाहिए। घुसपैठ रोकने के लिए सार्वजनिक जागरूकता जैसे कदम उठाने की भी आवश्यकता है, ताकि कोई भारतीय विदेशियों की सहायता न करें और न ही पनाह देने पर विचार करे।मेरा ऐसा मानना है कि भारत को अपनी सुरक्षा और संप्रभुता बनाए रखने के लिए संतुलित और प्रभावी नीति अपनानी होगी, ताकि मानवीय मूल्यों और राष्ट्रीय हितों के बीच संतुलन बना रहे।
About The Author
स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।
राष्ट्रीय हिंदी दैनिक स्वतंत्र प्रभात ऑनलाइन अख़बार
12 Dec 2025
12 Dec 2025
11 Dec 2025
Post Comment
आपका शहर
10 Dec 2025 20:28:56
Kal Ka Mausam: उत्तर भारत इस समय कड़ाके की ठंड का सामना कर रहा है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार...
अंतर्राष्ट्रीय
28 Nov 2025 18:35:50
International Desk तिब्बती बौद्ध समुदाय की स्वतंत्रता और दलाई लामा के उत्तराधिकार पर चीन के कथित हस्तक्षेप के बढ़ते विवाद...

Comment List