अपराध मुक्त उत्तर प्रदेश के लिए अभियोजन निदेशालय की स्थापना को मंजूरी।
प्रत्येक जिले में जिला अभियोजन निदेशालय होगा स्थापित।
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स्वतंत्र प्रभात।
ब्यूरो प्रयागराज।
एससीआर की तर्ज पर प्रयागराज-चित्रकूट और वाराणसी के लिए बनेंगे दो नये डेवलपमेंट रीजन।कै बिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पत्रकारों को दी जानकारी।चित्रकूट से गोरखपुर तक के बीच विकास को गति देने के लिए 'मास्टरप्लान' मंजूरदो नए लिंक एक्सप्रेसवे और गंगा और यमुना पर दो बड़े पुलों के निर्माण को भी मिली कैबिनेट की मंजूरीगंगा और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए बनेगा नया लिंक एक्सप्रेसवे, वाराणसी से सोनभद्र के लिए भी नये लिंक एक्सप्रेसवे की घोषणा।
अपराध मुक्त प्रदेश की संकल्पना को साकार करने के लिए योगी सरकार ने अभियोजन निदेशालय की स्थापना का निर्णय लिया है। म अरैल स्थित त्रिवेणी संकुल में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के लागू होने के बाद जिसमें एक अभियोजन निदेशक होगे। मौजूदा अभियोजन निदेशालय का पूरा स्टाफ अभियोजन निदेशालय के रूप में समामेलित हो जाएगा तथा भविष्य में नवस्थापित अभियोजन निदेशालय के लिए अलग से धनराशि आवंटित की जाएगी।
प्रत्येक जिले में जिला अभियोजन निदेशालय होगा स्थापित।
प्रस्ताव के तहत प्रत्येक जिले में भी जिला अभियोजन निदेशालय स्थापित किया जाएगा। अभियोजन निदेशालय का प्रमुख अभियोजन निदेशक होगा, जो राज्य में गृह विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के लिए कार्य करेगा। कोई व्यक्ति अभियोजन निदेशक के रूप में नियुक्ति के लिए तभी पात्र होगा, यदि वह अधिवक्ता या अभियोजन के रूप में कम से कम 15 वर्ष तक व्यवसाय में रहा हो, या सेशन न्यायधीश रहा हो।
यह भी प्राविधान किया गया है कि किसी आपराधिक मामले में या भ्रष्टाचार के मामले में या फिर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में अक्षम पाया जाता है तो उसे राज्य सरकार उनके पद से तीन वर्ष की अवधि पूर्ण होने से पूर्व ही उसकी जिम्मेदारियों से मुक्त कर सकती है।
62 आईटीआई होंगे अपग्रेड, 5 सीआईआईआईटी की स्थापना।
टाटा टेक्नोलॉजी लि. (टीटीएल) के सहयोग से प्रदेश के 62 आईटीआई को अपग्रेड करने और 5 सीआईआईआईटी (सेंटर फॉर इनोवेशन, इन्वेंशन, इंक्यूबेशन एंड ट्रेनिंग) की स्थापना किए जाने के लिए सरकार एवं टीटीएल के मध्य एमओयू की भी मंजूरी दी गई।
एमओए के तहत परियोजना की कुल लागत 3634 करोड़ रुपए से ज्यादा है,
जिसमें टीटीएल का योगदान 2851 करोड़, जबकि सरकार का योगदान 783 करोड़ से ज्यादा का रहेगा। एमओए की अवधि 11 वर्ष होगी, जिसमें एक वर्ष परियोजना क्रियान्वयन की तैयारी के लिए निर्धारित है। 10 वर्ष की अवधि पूरी होने के बाद दोनों पक्षों की आपसी सहमति से परियोजना को रिन्यू करने पर विचार किया जाएगा।
आगरा में नवीन आवासीय परियोजना को मंजूरी।
योगी सरकार ने आगरा में नवीन आवासीय परियोजना के लिए भी मंजूरी दी है। वहीं, आगरा विकास प्राधिकरण की 100 मी. चौड़ी इनर रिंग रोड एवं लैण्ड पार्सल योजना को भी मंजूर किया है। इसके अलावा आगरा की 442.4412 हेक्टेयर भूमि के वर्ष 2010 के सर्किल रेट और वर्तमान सर्किल रेट के अंतर की धनराशि 204.34 करोड़ की अनुग्रह धनराशि के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने अनुमोदित कर दिया है। दूसरी ओर उ०प्र० राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण के औद्योगिक विकास क्षेत्र से ग्राम रहनकलां एवं रायपुर की भूमि को अलग करने के लिए औद्योगिक विकास विभाग की अधिसूचना को तत्सीमा तक संशोधित करने के प्रस्ताव पर भी सहमति प्रदान की गई है। इससे आगरा विकास प्राधिकरण को आवासीय योजना हेतु लैण्ड बैंक उपलब्ध होगा तथा उक्त क्षेत्र का सुनियोजित विकास सुनिश्चित हो सकेगा।
प्रयागराज, वाराणसी एवं आगरा नगर निगम के लिए जारी होंगे म्युनिसिपल बॉण्ड।
नगर निगम प्रयागराज, वाराणसी एवं आगरा के लिए म्युनिसिपल बॉण्ड निर्गत करने तथा अवस्थापना विकास निधि के लिए धनराशि उपलब्ध कराए जाने पर अनुमोदन प्रदान किया गया। वहीं, म्युनिसिपल बॉण्ड के जरिए धनराशि मार्केट से जुटाने पर प्रत्येक 100 करोड़ रुपए के सापेक्ष 13 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जाएगा। भारत सरकार द्वारा प्रोत्साहन की धनराशि एस्क्रो अकाउंट में डालने का प्रावधान किया गया है। दूसरी ओर, नगर निगम आगरा में 50 करोड़, प्रयागराज में 50 करोड़ तथा वाराणसी में 50 करोड़ तक के म्युनिसिपल बॉण्ड निर्गत किया जाना प्रस्तावित है।
विकास को गति देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंत्रिपरिषद की इस ऐतिहासिक बैठक में पूर्वी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों तक विकास को प्रशस्त करने के लिए स्वीकृत किये गये 'मास्टर प्लान' के अंतर्गत जहां स्टेट कैपिटल रीजन की तर्ज पर दो नए रीजन बनाए जाएंगे, वहीं दो नये लिंक एक्सप्रेसवे और गंगा और यमुना नदी पर दो बड़े पुलों का भी निर्माण किया जाएगा।
इन महत्वपूर्ण फैसलों की जानकारी बुधवार को महाकुम्भ नगर में आयोजित कैबिनेट की बैठक के उपरांत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मीडिया को दी। इस अवसर पर प्रदेश के दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक सहित मंत्रीपरिषद् के सभी सदस्य मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 144 वर्ष के अंतराल पर प्रयागराज में महाकुम्भ के शुभ संयोग पर महाकुम्भ नगर में मंत्रीपरिषद् की अहम बैठक आयोजित की गई। इसमें विभिन्न महत्वपूर्ण प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई है। उन्होंने बताया कि कैबिनेट की बैठक में चित्रकूट, प्रयागराज, मीरजापुर, भदोही, वाराणसी, चंदौली और सोनभद्र में बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ बनाने और आर्थिक विकास को गति देने के लिए कई परियोजनाओं को मंजूरी दी गई।
प्रयागराज-चित्रकूट डेवलेपमेंट रीजन को मिली मंजूरी
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रयागराज-चित्रकूट डेवलेपमेंट रीजन को स्टेट कैपिटल रीजन (एससीआर) की तर्ज पर विकसित करने का प्रस्ताव स्वीकृत कर लिया गया है। यह क्षेत्र धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होगा और इससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
वाराणसी-विंध्य डेवलपमेंट रीजन पर जोर।
मुख्यमंत्री ने बताया कि बैठक में वाराणसी-विंध्य डेवलपमेंट रीजन के विकास को प्राथमिकता देते हुए प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इस क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन, सांस्कृतिक धरोहर और आर्थिक गतिविधियों का केंद्र बनाने के लिए विशेष योजनाओं पर काम किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सभी परियोजनाएं प्रदेश की बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करेंगी और आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगी।
गंगा एक्सप्रेसवे का विस्तार।
गंगा एक्सप्रेसवे को प्रयागराज से मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, चंदौली और गाजीपुर तक विस्तार दिया जाएगा। यह नया लिंक एक्सप्रेसवे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से भी जुड़ जाएगा, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और सशक्त होगी। इसके अलावा वाराणसी, चंदौली और सोनभद्र को जोड़ने के लिए नया लिंक एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा। इन दोनों प्रोजेक्ट को 'प्रयागराज-विंध्य-काशी एक्सप्रेसवे' के रूप में विकसित किया जाएगा।
नए पुलों और ब्रिजों का निर्माण।
सीएम योगी ने कहा कि यमुना नदी पर सिग्नेचर ब्रिज के समानांतर एक नए सिक्स लेन पुल के निर्माण के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है। इसके साथ ही सलोरी-हेतापट्टी-झूंसी के बीच फोर लेन ब्रिज की मंजूरी दी गई है, जो प्रयागराज को मीरजापुर, जौनपुर, वाराणसी, आजमगढ़ और गोरखपुर से जोड़ेगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया है। साथ ही रीवा नेशनल हाईवे से कनेक्टिविटी के लिए कार्य योजना को मंजूरी दी गई है।
कैबिनेट द्वारा स्वीकृत अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव।
योगी सरकार का बड़ा फैसला, प्रयागराज, वाराणसी, मीरजापुर, चंदौली और सोनभद्र तक बनेगा विंध्य एक्सप्रेसवे, 320 किमी होगी लंबाई चंदौली से गाजीपुर तक बनेगा 100 किमी लम्बा विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस वे प्रयागराज में सलोरी से हेतापट्टी तक बनेगा नया ब्रिज, शास्त्री ब्रिज और यमुना सिग्नेचर ब्रिज के समानांतर नया ब्रिज को भी सैद्धांतिक मंजूरी
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