स्वतंत्र प्रभात
गौरा चौकी गोंडा- पिछले कई दिनों से खेतों में छुट्टा जानवर झुंड मे घूम रहे हैं और धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ती ही जा रही है। किसानों द्वारा बोई गई गेहूं की फसल को खाकर और पैरों से कुचलकर नष्ट कर रहे हैं।
क्षेत्र के कई गांवों में छुट्टा जानवरों की बाढ़ सी आ गई है, जिनको देखकर किसान परेशान हैं। उन्हें कुछ नहीं सूझ रहा है कि कैसे मेहनत से बाई गई फसल को छुट्टा जानवरों से बचाएं। कुछ किसान तो दिन-रात खेतों पर डेरा डालकर फसल की रखवाली कर रहे हैं। जो किसान फसल की रखवाली के लिए नही पहुंच पाते हैं, उनकी फसल को छुट्टा जानवर खाकर व पैरों से कुचल कर नष्ट कर रहे हैं। पेट भर जाने पर लिप्टस और सागवन के बाग में घुस जाते हैं और जैसे ही मौका पाते हैं फिर से गेहूं की फसल खाने में जुट जाते है। गाजीपुर निवासी किसान साबिर अली ने बताया कि वह सुबह ही अपने खेत को छुट्टा जानवरों से बचाने के लिए पहुंच जाते हैं और शाम तक खेत में बैठे रहते हैं l रौतापुर भानपुर निवासी किसान कल्लू प्रसाद ने बताया कि छुट्टा जानवर से फसलों को बचाने के लिए कई ग्रामीणों ने हांक कर अपने गांव से दूर भगा दिया l किसान रामबरन मौर्या ने बताया छुट्टा जानवरों से उनको अपने सब्जी की फसल बचाने के लिए रात भर उठ उठ कर खेत में जाना पड़ता है l कुछ तो अपने गांव से दूसरे के गांवों में छुट्टा जानवरों को हांक दे रहे हैं। इन हरकतों से किसानों में आपसी विवाद की स्थिति भी बन रही है।
फसल को बचाने के लिए छुट्टा जानवरों का अब तक कोई इंतजाम नहीं हो पाया है। न ही प्रशासन द्वारा किसानों को किसी तरह का सुझाव अभी तक दिया गया है। यहां पास में कोई गौशाला नहीं है जो गौशाला बनी हुई है वह काफी दूर है ऐसे में किसानों को नहीं सूझ रहा है कि फसलों को कैसे बचाएं।
इस बारे में जब ब्लॉक बभनजोत खंड विकास अधिकारी विजय कुमार सिंह से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि किसान छुट्टा पशुओं को पकड़ने में सहयोग करें तो वह घारी घाट मे बनी गौशाला में आवारा पशुओं को भेजकर छोड़ देंगे l