Haryana: हरियाणा के इस जिले में बनेगा ‘गिफ्ट सेल’, लोगों को मिलेगा ये बड़ा फायदा

Haryana: हरियाणा के इस जिले में बनेगा ‘गिफ्ट सेल’, लोगों को मिलेगा ये बड़ा फायदा

Haryana: हरियाणा सरकार अब उद्योग और रोजगार के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। इसी दिशा में सोमवार को मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में उद्योग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) और अवसंरचना विकास से जुड़ी योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार का उद्देश्य छोटे और मध्यम उद्यमों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना और निवेशकों के लिए हरियाणा को सबसे आकर्षक गंतव्य बनाना है।

हरियाणा सरकार ने ग्लोबल इंटरफ़ेस फॉर ट्रेड फैसिलिटेशन (वैश्विक व्यापार सुगमता केंद्र) (गिफ्ट सेल) के नाम से पंचकूला में एक समर्पित केंद्र की स्थापना की है, जिस पर 13 करोड़ 59 लाख रुपये की राशि खर्च की गई है। यह केंद्र रैम्प योजना (आरएएमपी) के अंतर्गत बनाया गया है और इसमें 8 विशेषज्ञ अधिकारी नियुक्त किए गए हैं जो राज्य के छोटे और मध्यम उद्यमों को निर्यात, गुणवत्ता प्रमाणन और वैश्विक बाजार में विस्तार की दिशा में सहायता प्रदान कर रहे हैं।इन विशेषज्ञों की टीमें अंबाला, फरीदाबाद और गुरुग्राम में भी कार्यरत हैं, जो स्थानीय उद्योगों को अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों में भाग लेने और विदेशी खरीदारों से संपर्क स्थापित करने में मदद कर रही हैं। यह पहल हरियाणा के छोटे उद्योगों को सीमाओं से बाहर ले जाकर वैश्विक मंच पर स्थापित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो रही है।

हरियाणा की क्लस्टर ‘प्लग एंड प्ले’ योजना ने राज्य के औद्योगिक विकास में नई ऊर्जा भर दी है। इस योजना के तहत उद्यमियों को तैयार कारखाना शेड, बिजली, पानी, सड़क और सभी आवश्यक सुविधाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे उद्योग शुरू करने की प्रक्रिया बेहद आसान हो गई है।अब तक 64 परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है, जिन पर 318 करोड़ 49 लाख रुपये का अनुदान स्वीकृत किया गया है। योजना को 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ा दिया गया है। इसके तहत राज्य सरकार परियोजना लागत का 50 प्रतिशत (अधिकतम 5 करोड़ रुपये) तक का सहयोग देती है।मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने कहा कि यह मॉडल “उद्योगों के लिए तत्काल प्रस्थान मंच” की तरह काम कर रहा है, जिससे छोटे और मध्यम उद्योगों को गति मिली है और रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। 

राज्य सरकार का लक्ष्य केवल शहरों तक सीमित नहीं है। एमएसएमई उन्नति के लिए त्वरित विकास कार्यक्रम (पद्मा योजना) के तहत हरियाणा के 143 प्रखंडों में लघु औद्योगिक पार्क स्थापित किए जा रहे हैं। प्रत्येक पार्क में कम से कम 10 ‘प्लग एंड प्ले’ शेड होंगे जिनमें साझा सुविधाएं और आधुनिक ढांचा उपलब्ध होगा।अब तक 16 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 7 परियोजनाओं को अंतिम मंजूरी और 3 को प्रारंभिक स्वीकृति दी जा चुकी है। छोटे शहरों में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार नई व्यापक नीति भी तैयार कर रही है, जिससे द्वितीय और तृतीय श्रेणी के शहरों में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।मुख्य सचिव ने इसे “हरियाणा की ग्रामीण औद्योगिक क्रांति” बताते हुए कहा कि इससे छोटे कस्बों और गांवों में रोजगार और उद्यमिता दोनों को मजबूती मिलेगी।

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बैठक में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के आयुक्त-सचिव डॉ. अमित कुमार अग्रवाल ने जानकारी दी कि राज्य सरकार ने 14 अधिनियमों के अंतर्गत 1,113 अनुपालन समाप्त किए हैं और 37 छोटे प्रावधानों को अपराध मुक्त किया गया है। इससे उद्योग जगत को राहत मिली है और कारोबारी वातावरण और अधिक पारदर्शी हुआ है।इसके अलावा 842 व्यवसाय-संबंधी और 271 नागरिक-संबंधी नियमों को भी सरल किया गया है। लक्ष्य है कि दिसंबर 2025 तक कुल 1,500 नियमों में कटौती की जाए। इसके लिए 27 अगस्त 2025 को ‘नियमन समाप्ति समिति’ गठित की गई थी, जो प्रशासनिक सुधारों में अंतरराष्ट्रीय मानकों को अपनाने पर कार्य कर रही है। ‘हरियाणा कैबिनेट ने हरियाणा जन विश्वास विधेयक, 2025’ मंज़ूरी दे दी हैं , जिसके तहत छोटे नियम उल्लंघनों पर जेल के बजाय आर्थिक दंड का प्रावधान होगा। इससे सरकार और उद्योगों के बीच भरोसे का रिश्ता और मजबूत होगा।

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राज्य के सभी 100 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं अब प्रधानमंत्री गतिशक्ति पोर्टल के माध्यम से योजना और निगरानी के अधीन लाई गई हैं। अब तक 55 विभागों के अधिकारी प्रशिक्षित किए जा चुके हैं और दिसंबर 2025 तक 10 बड़ी परियोजनाओं को इस मंच पर लागू करने का लक्ष्य रखा गया है।इससे बिजली, परिवहन और भंडारण व्यवस्था से जुड़े विभागों के बीच समन्वय मजबूत हुआ है और परियोजनाओं की गति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।राज्य में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार ने कई प्रभावी कदम उठाए हैं। वर्तमान में 33 महिला थाने, 200 महिला सहायता डेस्क और हर जिले में दुर्गा शक्ति त्वरित कार्रवाई बल कार्यरत है।

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“दुर्गा शक्ति एप” को “डायल 112” से जोड़ा गया है जिससे आपात स्थिति में संकेत मिलते ही गश्ती वाहन तुरंत मौके पर पहुंच जाता है।वहीं युवाओं के कौशल विकास के लिए हरट्रॉन (हरियाणा राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम) द्वारा 86 उन्नत कौशल केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें से 62 संचालित हैं। यहां कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर सुरक्षा, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, क्लाउड कंप्यूटिंग और बड़े आंकड़ा विश्लेषण जैसी आधुनिक तकनीकों की प्रशिक्षण दी जा रही है। हर वर्ष लगभग 25,000 युवाओं को इससे लाभ मिलेगा।राज्य में अब तक 8,800 से अधिक उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) में पंजीकृत स्टार्टअप कार्यरत हैं, जिनमें 45 प्रतिशत महिला उद्यमियों द्वारा संचालित हैं।

हरियाणा नवाचार नीति 2022 के तहत 10 नई वित्तीय सहायता योजनाएं शुरू की गई हैं और 12 नवाचार केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।इसके साथ ही सरकार की वाहन परित्याग नीति 2024 के तहत पर्यावरण-अनुकूल पुनर्चक्रण इकाइयों को उद्योग का दर्जा दिया गया है। इस नीति में 20 करोड़ रुपये तक का अनुदान, 100 प्रतिशत स्टांप शुल्क वापसी और हरित उद्योगों के लिए पूंजी सहायता शामिल है।बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव (परिवहन) राजा शेखर वुंडरू  , अतिरिक्त मुख्य सचिव (उच्च शिक्षा) विनीत गर्ग, अतिरिक्त मुख्य सचिव (सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता) जी. अनुपमा, और अतिरिक्त मुख्य सचिव (नगर एवं ग्राम नियोजन) ए.के. सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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