पराली जलाने पर होगी सख्त कार्यवाही — जिलाधिकारी

पराली जलाने पर होगी सख्त कार्यवाही — जिलाधिकारी

अंबेडकरनगर

जिलाधिकारी अनुपम शुक्ला ने समस्त उपजिलाधिकारी, तहसीलदार, पुलिस क्षेत्राधिकारी, प्रभारी निरीक्षक, थानाध्यक्ष, उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया है कि प्रदेश एवं जनपद में कृषि अपशिष्ट (पराली) जलाने के कारण बढ़ते वायु प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण किया जाए।

       उन्होंने कहा कि पराली जलाने से मानव स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है, जिसके कारण मा० सर्वोच्च न्यायालय ने इसे संज्ञान में लिया है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि ग्राम पंचायत स्तर पर बीट कांस्टेबल, ग्राम प्रहरी, राजस्व कर्मी एवं ग्राम प्रधानों के माध्यम से सतत निगरानी रखी जाए तथा पराली जलाने की घटनाओं पर तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

      जिलाधिकारी ने बताया कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार की अधिसूचना दिनांक 06 नवम्बर 2024 के अनुसार पर्यावरण क्षति की भरपाई हेतु पर्यावरण क्षतिपूर्ति वसूली का प्रावधान किया गया है। इसके तहत 02 एकड़ से कम क्षेत्रफल वाले कृषकों से ₹5,000, 02 से 05 एकड़ वाले से ₹10,000 तथा 05 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल वाले कृषकों से ₹30,000 तक की वसूली की जाएगी। यह वसूली राजस्व विभाग द्वारा की जाएगी। साथ ही, राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम की धारा-24 के अंतर्गत क्षतिपूर्ति की वसूली एवं धारा-26 के तहत उल्लंघन की पुनरावृत्ति होने पर कारावास और अर्थदंड की कार्यवाही भी की जाएगी।

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       उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि मा० उच्चतम न्यायालय के आदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जाए और किसी भी परिस्थिति में अवहेलना न हो। यदि किसी क्षेत्र में पराली अथवा कृषि अपशिष्ट जलाने की घटना पाई जाती है, तो उसे अत्यंत गंभीरता से लिया जाएगा और संबंधित अधिकारी प्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार होंगे।

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       जिलाधिकारी ने कहा कि पराली जलाने से रोकथाम के लिए ग्राम सभाओं, चौपालों, गोष्ठियों, किसान दिवसों, समाचार पत्रों एवं अन्य मीडिया माध्यमों से जनजागरूकता अभियान चलाया जाए ताकि किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित किया जा सके और जनपद में प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित हो सके।

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