बुढ़ार में 'कबाड़ माफिया' का राज: कोयला और लोहा चोरी का सिंडिकेट बेखौफ!

जानकारी के अनुसार, कोल खदानों और रेलवे से बड़े पैमाने पर लोहे की चोरी की जा रही है, जिसे बाद में बुढ़ार स बहार  खुलेआम बेचा जा रहा है।

बुढ़ार में 'कबाड़ माफिया' का राज: कोयला और लोहा चोरी का सिंडिकेट बेखौफ!

 
शाहडोल :
 
जिले का बुढ़ार क्षेत्र इन दिनों अवैध कोयला और कबाड़ के बड़े सिंडिकेट का अड्डा बन गया है, जहां बेखौफ होकर यह काला कारोबार फल-फूल रहा है। सूत्रों के मुताबिक, बद्री पांडे और बडडे जैन जैसे नाम इस अवैध धंधे के सरगना के तौर पर उभरे हैं, जिन पर 'कबाड़ माफिया' होने का गंभीर आरोप लग रहा है।
 
जानकारी के अनुसार, कोल खदानों और रेलवे से बड़े पैमाने पर लोहे की चोरी की जा रही है, जिसे बाद में बुढ़ार स बहार  खुलेआम बेचा जा रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि यह सब दिन-दहाड़े और रात के अंधेरे में बिना किसी रोक-टोक के चल रहा है। अवैध कोयले और कबाड़ से लदी गाड़ियां लगातार बुढ़ार की सड़कों से गुजर रही हैं, जो इस बात का सीधा प्रमाण है कि यहां बड़े माफिया का राज स्थापित हो चुका है।
 
इस पूरे मामले में पुलिस और जिला प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि बुढ़ार थाने से लेकर जिला प्रशासन के 'ऊपर तक' इन तस्करों की मजबूत पकड़ है, जिसके चलते इनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पा रही है। यह स्थिति अपने आप में हैरान करने वाली है कि इतना बड़ा अवैध कोल और कबाड़ का सिंडिकेट जिला प्रशासन की नाक के नीचे चल रहा है।
 
सवाल यह उठता है कि क्या यह मान लिया जाए कि इस अवैध कारोबार में जिला प्रशासन की भी भूमिका शामिल है? या फिर माफियाओं के सामने प्रशासन ने घुटने टेक दिए हैं? जनता अब इस अवैध धंधे पर लगाम लगाने और इसमें शामिल सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रही है। बुढ़ार की कानून-व्यवस्था और जिले की छवि को देखते हुए, इस मामले में तत्काल और प्रभावी कदम उठाना बेहद जरूरी हो गया है।

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