उत्तर प्रदेश पशुपालन निदेशालय लखनऊ द्वारा उपकरणों की खरीद करने में किये जा रहे घोटाले पर विशेष रिपोर्ट
ऐसी स्तिथि में अति लघु और लघु उपकरणनिर्माता उपरोक्त निविदा में कैसे प्रतिभाग कर पाएंगे ??
उत्तर प्रदेश पशुपालन निदेशालय लखनऊ द्वारा पशुओं के लिए खरीदे जाने वाले उपकरणों की निविदा में कंपनियों से सांठ गांठ करके घोटाले की नीव रखी जा रही है,
उत्तर प्रदेश पशुपालन निदेशालय लखनऊ द्वारा उपकरण खरीद के लिए निविदा संख्या 809_PURCELL_EQUIP_III_24
आमंत्रित की गयी थी, जिसकी की अंतिम तिथि 10 जनवरी 2024 थी, उक्त निविदा के द्वारा तमाम प्रकार के उपकरणों की खरीद की जानी है, इसलिए पशुपालन निदेशालय लखनऊ के स्तर पर ही कंपनियों से सांठ गाँठ करके निविदा प्रपत्र का मूल्य रूपये25000/- कर दिया गया और उसपर 18 प्रतिशत की दर से GST लगाकर कुल मूल्य 29500/- रूपये कर दिया गया,
जिससे की निविदा प्रपत्र मूल्य अधिक RS. 29500/- होने के कारन अन्य कम्पनिया प्रतिभाग न कर सकें, जबकि निविदा के अंतर्गत आने वाले उपकरणों में किसी के लिए अर्नेस्ट मनी (EMD) रूपये 1500/- है, किसी उपकरण के लिए अर्नेस्ट मनी (EMD) रूपये 4500/- है और किसी के लिए अर्नेस्ट मनी (EMD) रूपये 10500/- है I
ऐसी स्तिथि में अति लघु और लघु उपकरणनिर्माता उपरोक्त निविदा में कैसे प्रतिभाग कर पाएंगे ??
उत्तर प्रदेश की उपयोगी सरकार अति लघु, लघु और माध्यम उद्योगों की उन्नति के लिए प्रयत्नशील है और उसके अधीनस्थ अधिकारी और कर्मचारी लूट में लगे हुए है और लूट का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे है,
ऐसा लगता है उत्तर प्रदेश शासन में एक भयमुक्त संगठित भ्र्ष्टाचारी अधिकारीयों एवं कर्मचारियों का गिरोह काम कर रहा है और उसपर किसी बड़े राजनेता का वरदहस्त है, मुख्यमंत्री को स्वयं प्रत्येक विभाग की समीक्षा करनी होगी वरना भ्र्ष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की योजना सिर्फ जुमला बनकर रह जाएगी I
जबकि पशुपालन निदेशालय लखनऊ के अन्य टेंडरों में निविदा शुल्क रूपये 1180/- मात्र है , सेटिंग टेंडरों के माध्यम से किये जाने वाले घोटालों में टेंडर फीस बढ़ा दी जाती है, जिससे केवल शातिर दलालों द्वारा ही निविदाओं में भाग लिया जा सके और घोटाले को अंजाम दिया जा सके
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