जिलाधिकारी महोदया जिले के 598 नलकूपों की मरम्मत करने के नाम पर प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए का हो रहा घोटाला शासन को भेजी जाती है गलत रिपोर्ट
खराब पड़े नलकूपों पर भी सिंचाई विभाग के ऑपरेटर द्वारा बराबर से कागजों में दिखाया जा रहा है चालू नल को
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जबकि किसानों को पड़ रही भारी समस्याएं सिंचाई न होने से फसलों को हो रहा नुकसान
स्वतंत्र प्रभात बृजभूषण तिवारी
ब्यूरो गोण्डा। प्रतिवर्ष सिंचाई के नाम पर नलकूप विभाग के द्वारा नलकूपों की मरम्मत करने के नाम पर करोड़ रुपये का हेर फेर किया जा रहा है जो की चिंताजनक बात बनी हुई है आपको बता दें कि जिले में प्रत्येक नलकूपों को चलाने के लिए मरम्मत के नाम पर सरकार द्वारा 123 रुपए रोजाना खर्च किया जा रहा है जो की कुल मिलाकर प्रतिवर्ष एक नलकूप के मरम्मत के नाम पर 45000 रुपए मिलते हैं जिले में 598 नलकूप की धनराशि करीब-करीब लगभग 27 करोड रुपए हो जाती है यह रुपए मरम्मत के नाम पर हर साल खर्च कर दिया जाता है लेकिन कहां खर्च होता है इसका कोई अता-पता नहीं चलता है।
क्षेत्र में कार्य न होने से लगभग लगभग बहुत सारे नलकूप बंद पड़े हुए हैं कहीं गुलाबा फटे हुए हैं तो कहीं नालिया टूटी हुई है जिसकी शिकायत भी कई बार विभागीय अधिकारियों को की जाती है किसानों के द्वारा लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है आपको बता दें वर्षों से अगर जांच कराई जाए तो कई कई ऐसे नलकूप है जो वैसे ही काग़ज़ों में चल रहे हैं लेकिन किसानों की खेतों तक पानी नसीब नहीं हो रहा है आपको बता दें कि विकासखंड रूपईडीह ब्लॉक के ग्राम पंचायत देवरिया कला के 86 जीजी राजकीय नलकूप जो विगत दो वर्षों से बंद पड़ा हुआ है।
जिसका गुलाब व नालियां पूरी तरह से टूटी पड़ी हुई है इसकी ग्रामीणों द्वारा शिकायत भी कई बार की गई लेकिन विभागीय अधिकारियों द्वारा टालमटोल कर दिया गया वहीं दूसरी तरफ इसी ग्राम पंचायत के माथेडीह स्थित राजकीय नलकूप की भी नालियां पूरी तरह से टूटी पड़ी हुई है वह भी विगत कई वर्षों से बंद पड़ा हुआ है विकासखंड रुपईडीह के देवरहना मैं भी राजकीय नलकूप की नालियां टूटी पड़ी हुई है ऐसे ही जिले के ज्यादातर नलकूप पूरी तरह से बंद पड़े हुए हैं फसले सूख रही हैं किसानों को खींचने के लिए डीजल खरीदने में परेशानियां हो रही है महंगाई के चलते जिले की सभी ब्लॉक में टीम गठित कर जांच कराई जाए नलकूपों की तो विभागीय अधिकारियों के द्वारा जो करोड़ों रुपए का घोटाला किया जा रहा है मरम्मत के नाम पर उसकी परत दर परत विभाग की कलई खुल सकती है।
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