आर्मी चीफ बनते ही असीम मुनीर ने शुरू की बगावत, सेना के दो बड़े अफसरों ने दिया इस्तीफा
स्वतंत्र प्रभात
पाकिस्तान में नए आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने सेना की कमान संभाल ली है। उन्होंने कमर बाजवा की विदाई के बाद इस पद को संभाला है। कई आंतरिक मुद्दों के अलावा उनके सामने कई बड़ी अंतराष्ट्रीय चुनौतियां भी खड़ी हैं। इसके अलावा मुनीर को अपनी नियुक्ति के बाद सेना में उठ रहे बगावती सुरों का सामना भी करना पड़ेगा। हकीकत यह कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा आसिम मुनीर को आर्मी चीफ बनाने से पाकिस्तान में नाराजगी व अशांति का माहौल है। माना जा रहा है कि मुनीर के सेना प्रमुख बनते ही आर्मी में बगावत के सुर उठने लगे हैं।
दरअसल, आर्मी चीफ बनने की रेस में दो और नाम लें ज. फैज हमीद और लें ज. अजहर अब्बास आगे चल रहे थे।
इन दोनों ही नामों को ऑर्मी चीफ के लिए शॉर्टलिस्ट कर लिया गया था लेकिन ऐन मौके पर दोनों का ही पत्ता साफ हो गया और ये पद आसिम मुनीर के पास चला गया। इस वजह से अब दोनों फैज हमीद और अजहर अब्बास ने जल्दी रिटायरमेंट का फैसला कर लिया है। हामीद की तरफ से तो हाई कमांड को इस्तीफा भेज भी दिया गया है। कहा जा रहा है कि उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। बड़ी बात ये भी है कि इस प्रकार से इस्तीफा देना कार्यकाल के शुरुआत में ही आसिम मुनीर को काफी सशक्त कर जाएगा।
असल में सेना प्रमुख को कई पदों पर बड़े अफसरों को नियुक्त करना होता है। अगर समय से पहले ही कुछ अधिकारी इस्तीफा दे दें, उस स्थिति में आर्मी चीफ नए लोगों की नियुक्ति कर सकता है। यहां भी आसिम मुनीर के पास अब वो मौका आता दिख रहा है। मुनीर की बात करें तो वे पाकिस्तान के 17वें आर्मी चीफ बने हैं। रावलपिंडी में उनका शपथ ग्रहण समारोह भी हो गया है। उस मौके पर बाजवा ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि आर्मी का कमांड सुरक्षित हाथों में सौंप कर जा रहा हूं। मुझे पूरी उम्मीद है कि वे आर्मी और देश दोनों के लिए अच्छा काम करेंगे।
उन्होंने अपने बयान में इस बात का भी संकेत दिया कि वे रिटायर जरूर हो रहे हैं, लेकिन आर्मी गतिविधियों से जुड़े रहेंगे। आसिम मुनीर को लेकर बड़ी बात ये भी है कि वे ISI और MI को भी हेड कर चुके हैं। वे पहले पाक चीफ हैं जिन्होंने इन दो अहम पदों पर भी अपनी सेवा दी है। अब उनका अनुभव तो पाकिस्तान के काम आ सकता है, लेकिन इमरान खान की पार्टी उन्हें लेकर ज्यादा आश्वस्त नहीं है। फवाद चौधरी ने कहा है कि जब तक हम नए आर्मी चीफ का आचरण नहीं देख लेते, उनको लेकर कुछ नहीं कह सकते. लेकिन पिछले 6 महीनों में आर्मी चीफ की जो भूमिका रही है, वो काफी विवादस्पद है।
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