गौरसन्स पर अवैध वसूली के आरोप तेज, खरीदारों ने YEIDA से की तुरंत कार्रवाई की मांग
गौरसन्स पर भारी अवैध वसूली के आरोप, YEIDA से त्वरित कार्रवाई की मांग — प्लॉट मालिकों में गहरी नाराज़गी, कई मामलों में RERA व अदालत की शरण
गौतमबुद्ध नगर/यमुना एक्सप्रेसवे:
यमुना एक्सप्रेसवे के सेक्टर-18 स्थित गौर यमुना सिटी में रहने वाले सैकड़ों प्लॉट मालिकों ने बिल्डर गौरसन्स के खिलाफ अवैध वसूली, दबाव और मनमानी का गंभीर आरोप लगाया है। निवासियों का कहना है कि बिल्डर ने “कंस्ट्रक्शन पेनल्टी” के नाम पर लाखों रुपये की वसूली शुरू कर दी है, जबकि YEIDA प्राधिकरण ने साफ शब्दों में कहा है कि इस तरह की पेनल्टी प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित ही नहीं है।
🔶 कैसे शुरू हुआ विवाद?
निवासियों के अनुसार:
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उन्होंने 2018 से 2021 के बीच गौरसन्स से प्लॉट खरीदे।
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इस अवधि में YEIDA के कुछ मामलों और कोविड की वजह से रजिस्ट्री प्रक्रियाएं लंबी खिंच गईं।
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बाद में किसानों के मुआवजे की राशि के रूप में ₹1,20,000 प्रति प्लॉट अतिरिक्त लिया गया, जिसे अधिकांश प्लॉट मालिकों ने समय से जमा भी किया।
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रजिस्ट्री होने और निर्माण शुरू होने के बाद अब बिल्डर की ओर से नई मांगें सामने आने लगीं।
🔶 कंस्ट्रक्शन पेनल्टी का बड़ा खेल?
निवासियों का आरोप है कि बिल्डर अब:

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₹2 लाख से ₹10 लाख तक की “कंस्ट्रक्शन पेनल्टी”
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बिना किसी आधिकारिक आदेश
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बिना YEIDA की अनुमति
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और बिना किसी लिखित कारण
मांग रहा है।
लोगों का कहना है कि यह पेनल्टी पूरी तरह “मनमानी और अवैध” है, क्योंकि YEIDA की ओर से इस तरह की कोई वित्तीय देनदारी अधिसूचित ही नहीं है।
YEIDA के अधिकारियों से निवासियों ने लिखित उत्तर भी मांगा, जिसमें स्पष्ट किया गया कि प्राधिकरण की ओर से ऐसी कोई पेनल्टी नहीं लगाई गई।
🔶 NOC और बिजली कनेक्शन रोकने के आरोप
निवासियों ने आरोप लगाया कि बिल्डर:
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पेनल्टी न चुकाने वालों का NOC रोक रहा है
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घर बन चुके प्लॉटों का कम्प्लीशन सर्टिफिकेट जारी नहीं कर रहा
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और सबसे गंभीर रूप से बिजली कनेक्शन देने से भी मना कर रहा है
जिससे कई परिवार निर्माण पूरा करने के बाद भी अपने घरों में शिफ्ट नहीं कर पा रहे।
एक पीड़ित प्लॉट मालिक ने बताया:
“बिल्डर के ऑफिस में साफ कह दिया जाता है—पेनल्टी दो, तभी NOC और बिजली मिलेगी। यह खुला धमकी भरा व्यवहार है।”
🔶 RERA में दर्ज शिकायतें, अदालतों में लंबित केस
कई निवासियों ने इस मामले की शिकायत UP-RERA में की है, जहां कुछ पर सुनवाई भी शुरू हो चुकी है।
इसके अलावा:
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कई प्लॉट मालिकों ने सिविल अदालत में याचिकाएं दाखिल की हैं
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कुछ मामलों में निवासियों ने कंज़्यूमर फोरम का दरवाज़ा भी खटखटाया है
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कुछ लोग सामूहिक शिकायत दर्ज कराने की तैयारी में हैं
निवासियों का कहना है कि बिल्डर ने बिल्डर-बायर एग्रीमेंट (BBA) में मौजूद एक अस्पष्ट क्लॉज का गलत इस्तेमाल कर अवैध वसूली का रास्ता बनाया है।
🔶 आर्थिक और मानसिक तनाव में खरीदार
लोगों का कहना है कि:
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प्लॉट खरीदने के बाद पहले किसानों का मुआवजा,
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फिर रजिस्ट्री की प्रक्रिया,
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और अब अचानक लाखों रुपये की अतिरिक्त मांगे
उन्हें गंभीर आर्थिक बोझ में धकेल रही हैं।
कई खरीदारों ने बताया कि वे होम लोन चुकाते हुए घर का निर्माण भी कर रहे थे, ऐसे में यह पेनल्टी किसी भी तरह स्वीकार्य नहीं।

🔶 YEIDA से निवासियों की प्रमुख मांगें
निवासियों ने YEIDA को ज्ञापन देकर इन मांगों पर कार्रवाई की अपील की है:
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बिल्डर द्वारा की जा रही अवैध वसूली की जांच
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“कंस्ट्रक्शन पेनल्टी” को तुरंत निरस्त कर बिल्डर को रोकना
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बिना पेनल्टी वसूले NOC और बिजली कनेक्शन जारी करने का आदेश
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बिल्डर के खिलाफ कड़ी दंडात्मक कार्रवाई
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प्रोजेक्ट की सभी वित्तीय और तकनीकी अनियमितताओं का ऑडिट
🔶 YEIDA की प्रतिक्रिया — जांच के संकेत
YEIDA के कुछ अधिकारियों ने अनौपचारिक रूप से निवासियों को आश्वस्त किया है कि:
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शिकायतों को गंभीरता से लिया गया है
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आवश्यक दस्तावेज मंगाए जा रहे हैं
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और यदि बिल्डर की गलती पाई गई, तो कठोर कार्रवाई की जाएगी
हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक प्रेस नोट जारी नहीं हुआ है।
🔶 समापन: निवासियों में रोष, कार्रवाई की प्रतीक्षा
गौर यमुना सिटी के निवासी कहते हैं कि बिल्डर की मनमानी उनके सपनों का घर बसाने की प्रक्रिया को बेहद कठिन बना रही है। लोग चाहते हैं कि YEIDA और संबंधित विभाग हस्तक्षेप कर पारदर्शिता बहाल करें और खरीदारों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करें।
निवासी एक स्वर में कहते हैं:
वहाँ के लोगों का कहना है कि गौरसन्स पिछले 3 साल से सभी निवासियों से मेंटेनेंस चार्ज वसूल रहा है, जबकि बिल्डर द्वारा जो मूलभूत सुविधाएँ प्रदान की जानी चाहिए थीं, वे आज तक पूर्ण नहीं की गई हैं। न तो प्रोजेक्ट में आवश्यक सुविधाएँ समय पर उपलब्ध कराई गईं और न ही मेंटेनेंस के बदले कोई संतोषजनक सेवा दी गई। इस कारण वहाँ के निवासी गंभीर रूप से परेशान हैं और इसे स्पष्ट रूप से एक अनुचित वसूली बता रहे हैं।
“हम नियमों के अनुसार सब कुछ दे चुके हैं। अब जो वसूली हो रही है, वह पूरी तरह अवैध है। YEIDA को हस्तक्षेप करना ही होगा।”

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