सुपौल में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर अहम बैठक
सभी अंचल अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश
जितेन्द्र कुमार "राजेश"
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि पिछले वर्ष लंबित भुगतान, जैसे नाव/नाविक और गृह क्षति सहायता, को अगले दो दिनों के भीतर हर हाल में निष्पादित किया जाए। इसके लिए संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारियों को विशेष रूप से जिम्मेदार ठहराया गया।
इसके साथ ही, जी.आर. (ग्रैच्युटस रिलीफ) से संबंधित डाटा का अविलंब अपडेशन प्रारंभ करने तथा आपदा संपूर्ति पोर्टल पर अपलोडेड डाटा का वार्ड स्तर पर भौतिक सत्यापन सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए। इस कार्य में अनुमंडल पदाधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता एवं अंचल अधिकारियों की जवाबदेही तय की गई है।
जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि अपने-अपने अंचलों में स्थित सभी बाढ़ शरण स्थल एवं सामुदायिक रसोई केंद्रों का निरीक्षण कार्य समय पर पूरा किया जाए ताकि बाढ़ की स्थिति में राहत कार्यों में कोई बाधा न आए।
बैठक में उप विकास आयुक्त सारा अशरफ अपर समाहर्ता (आपदा प्रबंधन) राशीद कलीम अंसारी, अनुमंडल पदाधिकारी सुपौल एवं निर्मली, भूमि सुधार उप समाहर्ता (सुपौल, निर्मली, वीरपुर), आपदा प्रभारी चंद्रभूषण कुमार, तथा सुपौल, किशनपुर, सरायगढ़-भपटियाही, निर्मली, मरौना एवं बसंतपुर अंचलों के अंचल अधिकारी समेत अन्य कर्मी उपस्थित थे।
प्रशासन ने बाढ़ से पहले की तैयारी को अत्यंत गंभीरता से लेने और निर्धारित समय-सीमा के भीतर सभी कार्यों को निष्पादित करने पर विशेष बल दिया है।

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