ओबरा नगर पंचायत में नाला निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप, घटिया सामग्री के इस्तेमाल का वीडियो वायरल
स्थानीय लोगों ने लगाया मानक के विपरीत कार्य करने का आरोप, किया जाँच की मांग
ओबरा नगर पंचायत का मामला
अजित सिंह/आर.एन सिंह ( ब्यूरो रिपोर्ट)
ओबरा/सोनभद्र-
ओबरा नगर पंचायत में चोपन रोड पर चल रहे नाला निर्माण कार्य में गंभीर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप सामने आए हैं। स्थानीय लोगों ने निर्माण कार्य में निर्धारित मानकों को ताक पर रखकर घटिया सामग्री का इस्तेमाल किए जाने का दावा किया है। इस कथित भ्रष्टाचार का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें निर्माण कार्य में इस्तेमाल किए जा रहे मसाले की गुणवत्ता पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
वायरल वीडियो और स्थानीय सूत्रों के अनुसार, चोपन रोड पर बन रहे नाले के निर्माण में ठेकेदार द्वारा मानकों को दरकिनार करते हुए पांच एक के मसाले का इस्तेमाल किया जा रहा है। तकनीकी विशेषज्ञों के अनुसार, नाला निर्माण जैसे महत्वपूर्ण कार्य के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले मसाले का अनुपात निर्धारित होता है, ताकि निर्माण मजबूत और टिकाऊ हो सके।
आरोप है कि यहां ठेकेदार द्वारा दस तगाड़ी गिट्टी, दस तगाड़ी बालू के साथ मात्र दो तगाड़ी सीमेंट मिलाकर मसाला तैयार किया जा रहा है, जो कि निर्धारित मानकों से काफी कम है। इस तरह के घटिया मसाले का उपयोग नाले की गुणवत्ता और मजबूती को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है और यह निर्माण कार्य भविष्य में जल्द ही क्षतिग्रस्त हो सकता है।
स्थानीय निवासियों ने इस मामले पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि नगर पंचायत द्वारा जनता के टैक्स के पैसे से कराए जा रहे निर्माण कार्यों में इस तरह का भ्रष्टाचार अस्वीकार्य है। घटिया सामग्री का इस्तेमाल न केवल सरकारी धन की बर्बादी है, बल्कि यह निर्माण की गुणवत्ता को भी खतरे में डालता है, जिससे भविष्य में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने नगर पंचायत प्रशासन और संबंधित अधिकारियों से इस मामले की तत्काल जांच कराने और दोषी ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। उनका कहना है कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता की निष्पक्ष तकनीकी जांच होनी चाहिए और यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट किया जाना चाहिए और घटिया सामग्री से किए गए निर्माण को दोबारा कराया जाना चाहिए।
ओबरा नगर पंचायत में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और निगरानी प्रणाली पर गंभीर सवाल उठाती है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि नगर पंचायत प्रशासन इस वायरल वीडियो और स्थानीय लोगों की शिकायतों पर कितनी जल्दी संज्ञान लेता है और भ्रष्टाचार के इन आरोपों की निष्पक्ष जांच कराकर क्या कार्रवाई करता है। जनता को उम्मीद है कि इस मामले में पारदर्शिता बरती जाएगी और दोषियों को दंडित किया जाएगा ताकि भविष्य में इस प्रकार की अनियमितताओं पर अंकुश लगाया जा सके और विकास कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।
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