गोला तहसील की 9 राइस मिलों में धान कुटाई ठप, सरकारी खरीद पर संकट के बादल
गोला तहसील क्षेत्र की नौ राइस मिलों में धान की कुटाई का कार्य इस बार शुरू ही नहीं हो सका है। कुटाई न होने से मिलों में धान की आवक रुकी है और फिलहाल खरीदा गया पूरा धान गोदामों में ही पड़ा है। मिल संचालकों का कहना है कि यदि समस्या का जल्द समाधान नहीं हुआ तो सरकारी खरीद प्रक्रिया पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
पूर्वांचल राइस मिल एसोसिएशन के गोरखपुर मंडल अध्यक्ष अनिल तिवारी ने बताया कि राइस मिलों पर कुटाई शुरू न होने का मुख्य कारण फोर्टिफाइड चावल की उपलब्धता में देरी है। सरकार के निर्देशानुसार मिलरों को कुटाई के बाद तैयार चावल में एक प्रतिशत फोर्टिफाइड चावल मिलाना अनिवार्य है। जब तक यह मिश्रण नहीं हो जाता, खाद्य विभाग चावल की सप्लाई स्वीकार नहीं करता। उन्होंने बताया कि साधारण चावल का कोटा, जो एथनॉल तथा डिस्टिलरी में उपयोग होता है, बहुत कम है, जिससे कुटाई शुरू नहीं हो पा रही है।
इस संबंध में जिला खाद्य विपणन अधिकारी अरविंद दूबे ने बताया कि फोर्टिफाइड चावल के लैब परीक्षण की प्रक्रिया लंबी होने के कारण इसकी उपलब्धता में देरी हो रही है। लैब से गुणवत्ता जांच पूरी होते ही चावल की सप्लाई राइस मिलों को शुरू कर दी जाएगी।
फोर्टिफाइड चावल पोषण युक्त चावल होता है, जिसमें फोलिक एसिड, आयरन और विटामिन बी-12 मिलाया जाता है। इसे चावल में पीसकर मिलाया जाता है और फिर पुनः चावल के रूप में तैयार किया जाता है। मिलरों को प्रति क्विंटल धान पर एक किलोग्राम फोर्टिफाइड चावल की मात्रा मिलानी होती है।

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