चौ. रामगोपाल चौराहे की बदहाली क्यों - शाम सिंह पंवार
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कानपुर। आज हम बात कर रहे हैं स्मार्ट सिटी कानपुर दक्षिण क्षेत्र के सबसे बड़े चौराहा अर्थात चौ. राम गोपाल यादव चौराहा की। यह चौराहा, बर्रा-8, बर्रा विश्व बैंक, वैष्णवी विहार, जरौली, बली का पुरवा व वरुण विहार के मध्य स्थित है। यह चौराहा पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल में कानपुर विकास प्राधिकरण के द्वारा विकसित किया गया था। चौ. राम गोपाल यादव को किसान नेता के रूप में जाना जाता रहा है।
उप्र में समाजवादी पार्टी की सरकार जब जब बनीं तो उस काल में इस चौराहे की खूबसूरती देखते ही बनती रही। लेकिन जैसे ही समाजवादी पार्टी की सरकार उप्र से अलविदा हुई वैसे ही दिनों - दिन इस चौराहे के हालात बदहाल होते गये। इस चौराहे पर लाखों रुपयों की अनेक लाइटें लगीं हैं, लेकिन वो ठूंठ की तरह हैं हालांकि दो-चार लाइटों के चलते चौराहा पर रात्रि में काम चलाउ प्रकाश बना रहता है।
वहीं चौराहे के आस पड़ोस की ग्रीन बेल्ट की सुरक्षा के लिये लगाई गई लोहे की जाली भी अनेक जगहों पर गायब हो चुकी है। इस चौराहे पर ही नहीं बल्कि ग्रीन बेल्ट में अतिक्रमण व अवैध कब्जे इस तरह से किये गये हैं कि उससे छुटकारा मिलता दिख नहीं रहा ! वहीं चौराहे के निकट हाई टेंशन लाइनों के नीचे अवैध बस्ती पूरी तरह से बस चुकी है और इस बस्ती में किस - किस तरह के लोग बसे हैं, इस बारे में आस पड़ोस के लोगों के साथ - साथ स्थानीय पुलिस से बेहतर कोई नहीं जान सकता।
इस बस्ती के लोगों का ‘जोर’ नहीं चल रहा अन्यथा ये लोग वरुण विहार से बर्रा-8 को जोड़ने वाली मुख्य सड़क को बन्द कर देते। इस सड़क का फुटपाथ तो शायद खत्म ही है और उस पर अवैध निर्माण व अराजकता शायद किसी को ना दिखता हो। वहीं राम गोपाल चौराहा से वरुण विहार व मेहरबान सिंह का पुरवा, पिपौरी सहित अन्य दर्जनों गांवों को जोड़ने वाली सड़क पर भी अतिक्रमण किसी से छुपा नहीं है।
चौ. हर मोहन सिंह यादव के पुत्र चौ0 सुखराम सिंह यादव ने भले ही उप्र की विधान परिषद के सभापति से लेकर राज्य सभा सांसद का पद सुशोभित किया है और सपा के दिग्गज नेताओं में उनका सुमार रहा है, लेकिन अब उनकी इस तरह की अनदेखी को नजरअन्दाज नहीं किया जा सकता है कि, ‘जिसकी सल्तनत को भुनाया है, उसी को अब अनदेखा किये हैं।’ वहीं जब उनका पुत्र चौ0 मोहित यादव भाजपा में शामिल हुआ था तो कयास था कि शायद चौ0 राम गोपाल यादव चौराहा के दिन भी सुधरेंगे। लेकिन यह कयास सिर्फ कयास ही साबित हुआ। क्षेत्रीय लोगों ने दबी जुबान से यही स्वीकार किया है कि अपनी सल्तनत को बचाने के लिये ही उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया। अगर वे ऐसा नहीं करते तो....।
चौ0 राम गोपाल यादव का पूरा कुनवा भाजपा में शामिल नहीं हुआ है सिर्फ चौ0 सुखराम सिंह यादव का खेमा ही भाजपा में शामिल हुआ है।
ऐसे में सवाल यह है कि चौ0 राम गोपाल यादव चौराहा से सिर्फ समाजवादी पार्टी समर्थक हीं नहीं गुजरते हैं या सम्बन्ध रखते हैं। इस चौराहा से हर वर्ग और हर जाति के लोग गुजरते हैं जो किसी भी पार्टी के समर्थक हो सकते हैं तो फिर चौ0 राम गोपाल यादव चौराहा को उपेक्षित नजरिये से क्यों देखा जा रहा है ? इस चौराहे की बदहाली किसी जन प्रतिनिधि को क्यों नहीं दिखती ?
ऐसे में सवाल यह है कि चौ0 राम गोपाल यादव चौराहा से सिर्फ समाजवादी पार्टी समर्थक हीं नहीं गुजरते हैं या सम्बन्ध रखते हैं। इस चौराहा से हर वर्ग और हर जाति के लोग गुजरते हैं जो किसी भी पार्टी के समर्थक हो सकते हैं तो फिर चौ0 राम गोपाल यादव चौराहा को उपेक्षित नजरिये से क्यों देखा जा रहा है ? इस चौराहे की बदहाली किसी जन प्रतिनिधि को क्यों नहीं दिखती ?About The Author
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