
बाघ न पकड़े जाने से आक्रोशित ग्रामीणों ने लगाया जाम, अफसरों ने बदला वनमंत्री का रूट
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पीलीभीत के बासखेड़ा गांव में तीन दिन से बाघ की दहशत है। वन विभाग की टीम ने रविवार को उसे पकड़ने के प्रयास किए, लेकिन सफल नहीं हुए। इसके बाद उसे पकड़ने की कोशिश नहीं की गई, जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने मंगलवार को सड़क पर जाम लगा दिया। पीलीभीत के कलीनगर क्षेत्र के बासखेड़ा गांव में ट्रेंकुलाइजर गन से डॉट मारने के दो दिन बाद भी बाघ को पकड़ने के लिए दोबारा प्रयास नहीं हुए हैं।
इससे मंगलवार को बांसखेड़ा और आसपास गांवों के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए माधोटांडा-पीलीभीत मार्ग पर जाम लगा दिया और हंगामा शुरू कर दिया। ग्रामीण बाघ को पकड़ने की मांग पर अडे हुए थे। जब ग्रामीणों को वनमंत्री अरुण कुमार सक्सेना के आने की भनक लगी तो भीड़ और बढ़ गई। देखते ही देखते सैकड़ों की संख्या ग्रामीण सड़क पर पहुंच गए। एसडीएम और पुलिस ने उन्हें समझाने का प्रयास भी किया, लेकिन वे नहीं माने।
ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए अधिकारियों ने वनमंत्री का रुट ही बदलवा दिया। दूसरे रुट से उनको ले जाया गया। ग्रामीणों का कहना है कि बाघ अभी भी इलाके में है और पशुओं को मार रहा है। सुबह भी बाघ मृत पड़े पशु का शव खाते देखा गया। बाघ की मौजूदगी से इलाके में दहशत है। बच्चे घरों में कैद होने को मजबूर हैं।
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