swatantar prabhat editorial
संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

नेटवर्क काटने से दंगा शांत नहीं होता है 

नेटवर्क काटने से दंगा शांत नहीं होता है  किसी भी राष्ट्र की असली परीक्षा तब होती है जब उसकी सड़कों पर अराजकता का शोर हो और सत्ता के गलियारों में निर्णयों की बेचैनी। भारत जैसे विशाल और विविधता से भरे लोकतंत्र में जब भी कहीं हिंसा, दंगा या...
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