गौशालाओं की बुरी हालत अब कौन सुधरेगा गौ माता की दशा
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असोहा उन्नाव अभी कुछ दिन पहले गौमाता को लेकर लोग मरने मारने को तैयार थे और लोगों से बढ़कर गौमाता उनकी मान्यता थी आखिर क्यों बदहाल हुई गौमाता किसकी गलती से बदहाल हो रही है गौ माता किस गौशाला की जर्जर व्यवस्था है वह सब कुछ दिखाएंगे आपको सिर्फ आप बने रहे हमारे साथ यह
असोहा उन्नाव अभी कुछ दिन पहले गौमाता को लेकर लोग मरने मारने को तैयार थे और लोगों से बढ़कर गौमाता उनकी मान्यता थी आखिर क्यों बदहाल हुई गौमाता किसकी गलती से बदहाल हो रही है गौ माता किस गौशाला की जर्जर व्यवस्था है वह सब कुछ दिखाएंगे आपको सिर्फ आप बने रहे हमारे साथ यह वही गौ माता है जिसको लेकर जय गुरुदेव के के शिष्य से लेकर आम जनता तक रोड पर आ गई थी आज वही गौ माता गौशाला में इतनी बुरी दुर्दशा में पड़ी हुई है ।जिनकी लाश को नोच नोच कर कुत्ते खा रहे हैं इस बुरी हालात को देखने के लिए से दिल भर आया आखिर जब तक प्रधान थे तभी तक क्यों कार्यवाही होती थी
आज जब अधिकारियों के हाथ में कमान है तब भी गौशालाओं की बुरी दुर्दशा है और किसान अपनी फसल को लेकर परेशान है तब सरकार ने गौशालाओं की व्यवस्था की लेकिन इस व्यवस्था को देखने के लिए किसी भी अधिकारी ने अपनी जिम्मेदारी नहीं समझी और समझे क्यों जिस अधिकारी को आराम से कार्यालय में बैठकर पैसा मिलता हो
वह गौशालाओं की व्यवस्था को क्या देखेगा एक और कभी न कभी सोशल मीडिया पर सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी का फोटो वायरल हो ही जाती है गौमाता के साथ लेकिन जो यहां देहात में गाय पल रही हैं वह भी गौमाता ही है इस बात को अधिकारी क्यो नही मानते और अपनी जिम्मेदारी कब समझेंगे बीत गए वह दिन जो एक गाय के मरने पर गौ हत्या का नाम आता था आज हजारों की संख्या में गाय मर रही है
क्या इनकी जिम्मेदारी कोई नहीं लेगा योगी सरकार ने हर तरह के प्रयास कर डालें लेकिन अधिकारी सुनने को राजी नहीं है आज एक कहावत बराबर चरितार्थ होती है कि किसी भी काम को करने के लिए दो तरह का कार्य होते हैं या तो लए हो या तो डर इन अधिकारियों के दिल में ना तो लए बची है ना ही डर बचा है डरे भी क्यों जिसके जिले में प्रदेश स्तर के नेता बसते हो अधिकारियों को किस चीज का डर है इन अधिकारियों को कौन सिखाएगा सबक आखिर कब होगी कार्यवाही या हालत ऐसे ही बने रहेंगे
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